चिन्ता नहि, चिन्तन करूः पठनीय-विचारनीय लेख
लेख
- प्रवीण नारायण चौधरी
चिन्तन करू - चिन्ता नहि करू
चित्त मे जाहि बातक उच्चारण बेर-बेर होइत रहैछ, वैह सहज भाषा मे चिन्तन थिक। आ चित्त...
पुरुषसुक्तः – सहस्रशीर्षा पुरुषः (अत्यन्त मननीय पाठ मैथिली-अंग्रेजी भावानुवाद सहित)
आजुक स्वाध्याय - सहस्रशीर्षा पुरुष पर मन्थन
(पुरुषसुक्तम् - सहस्रशीर्षा पुरुषः - अत्यन्त रोचक आ बेर-बेर मननीय पाठ)
(मूल स्रोतः ऋग्वेद, मंडल १०, सुक्त ९०)
आइ भोरे-भोर...
किछु गूढ़ चिन्तन (कर्मयोग – गीताक तेसर अध्याय)
स्वाध्याय
- प्रवीण नारायण चौधरी
किछु गूढ़ चिन्तन
(कर्मयोग - गीताक तेसर अध्याय)
गीताक तेसर अध्याय मे भगवान् कृष्ण मनुष्य द्वारा कर्म केना-केना कयल जाइछ, ताहि पर...
मिथिलाभाषा रामायणः अयोध्याकाण्ड छठम् अध्याय
स्वाध्याय पाठ
कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण
अयोध्याकाण्ड - छठम् अध्याय
।चौपाइ।
।मिथिलासंगीतानुसारेण नामान्तरेण च योगिया-मालव-छन्दः।
लक्ष्मण सौँ गुह कहल निषाद। राम - दशा देखि चित्त विषाद॥
देखिअ रामचन्द्र गति भाय।...
मिथिलाभाषा रामायण – अयोध्याकाण्डः पाँचम अध्याय
स्वाध्याय पाठ
कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण
अयोध्याकाण्ड - पाँचम अध्याय
।चौपाइ।
।राग-तरङ्गिणी-ग्रन्थानुसारेण मंगलराज-विजय छन्दः।
केकयि कयल कुठाठ कठोर। गुपचुप रहल न भय गेल सोर॥
केकयि - कृत शुनि शुनि उतपात।...
मिथिलाभाषा रामायण – अयोध्याकाण्डः चारिम अध्याय
कवि चन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण
अयोध्याकाण्ड - चारिम अध्याय
।चौपाइ।
।मिथिलासंगीतानुसारेण मिथिला गौड़-मालवं छन्दः।
जैँ कौशल्या जानथि शञ्च। तेहन सुमित्र कयल प्रपञ्च॥
रामक छवि देखल भरि नयन। नील-कमल-निन्दक छवि...
वाजसनेयिनाम्-एकोद्दिष्टपद्धतिः (मिथिला मे प्रचलित बरखीक पद्धति)
अथ वाजसनेयिनाम् एकोद्दिष्टपद्धतिः
'इन्दुमती' मैथिली-भाषाटीकाटिप्पणीभ्यां विभूषिता
पृष्ठ १ - वाजसनेयिनाम्-एकोद्दिष्टपद्धतिः
एकोद्दिष्टक सामग्री
अच्छिञ्जल, गङ्गाजल, गङ्गौट, पिड़ी बनेबाक हेतु बालु, रक्षोघ्नदीप, उत्सर्गदीप, कुश, तिल, जौ, धूप, अक्षत, सालिग्राम, तेकुशा...
मिथिलाभाषा रामायण – अयोध्याकाण्ड तेसर अध्याय
कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण
अयोध्याकाण्ड - तेसर अध्याय
॥अध्याय ३॥
।चौपाइ।
।मिथिला संगीतानुसारेण श्रीमालव छन्द।
काज मन्त्रि केँ कहि नृप देल। अपनैँ अन्तष्पुर मे गेल॥
नृपति न देखल केकयि आँखि।...
मिथिला भाषा रामायण – अयोध्याकाण्ड दोसर अध्याय
कवि चन्द्र विरचित मिथिला भाषा रामायण
अयोध्याकाण्ड - दोसर अध्याय
।चौपाइ।
दशरथ नृप वर परम उदार। गुरु वसिष्ठ संग कयल विचार॥
विषय मनोरथ रथ आरूढ़। उचित कि आब...
मिथिला भाषा रामायण – अयोध्याकाण्ड प्रथम अध्याय
कवि चन्द्र विरचित मिथिला भाषा रामायण
॥अयोध्याकाण्ड॥
।श्लोक।
।शार्दूलविक्रोडित छन्दः।
भाले बालकलाकरं गलगरं वामाङ्गवामाधरं
चञ्चन्मौलिसरिद्वरं वृषचरं सर्व्वप्रदं निर्द्दरम्।
वन्दे पिङ्गजटं मनाहरनटं विश्रान्तिभूसद्वटं
श्रीमन्निष्कपटं सुकृत्तिकपटं भ्राजद्विभूतिच्छटम्॥
।मालिनीछन्दः।
अवतु जलदनीलस्सद्गृही पुण्यशील-
स्त्रिभुवनखलजिष्णू रामचन्द्राख्यविष्णुः।
रघुवरवरजाया सर्व्वसम्पन्निकाया
जनिरखिलसहायाः पातु मान्देवमाया॥२॥
।चौपाइ।
बारह...