मिथिला राज्य पर आधारित एक महत्वपूर्ण शोधपत्र (गूगल अनुवादित)
भारत के केंद्र और परिधि के बीच मिथिला की खोज
अलख निरंजन सिंह* और प्रभाकर सिंह**
उत्तरी बिहार में मिथिला का भाषाई क्षेत्र भारत के कई...
उगना शंकर केर किछु सनेश
साहित्य
जनकपुर सँ उगना शंकर - युवा कवि अपन किछु रचना पठौलनि अछि।
1.
मिथिलाक रीत अनमोल छै
संगहि मिठगर एतहके बोल छै
नहि बातमे ककरो झोल छै
भेटैत बारी...
“कतहु रहू मुदा अपन संस्कृति आ संस्कार सँ जुड़ल रहू।”
-- आभा झा।
" प्रवासी मैथिल अपन संस्कृतिक संरक्षण आ संवर्द्धन कोना करैथ "- संस्कृति एक समाजक ताकत होइत अछि। कहल जाइत...
राक्षस जाति केर इतिहास आ रावणक विशेष परिचय
आलेख
- अनुवादक प्रवीण नारायण चौधरी
राक्षस केर उत्पत्ति केना भेल?
एखन भारतीय दूरदर्शन सँ ३३ वर्ष उपरान्त रमानन्द सागर कृत् रामायण धारावाहिक केर दोबारा प्रदर्शन चलि...
“जे जीबए से खेलय फागु”
-- कीर्ति नारायण झा।
रंग अबीर के स्नेह आ सम्बन्ध के प्रतीक होली अर्थात् फगुआ समस्त मिथिला में फागुन मास में...
“मिथिला गृह उद्योगक द्वारा निर्मित उत्कृष्ट घरेलू उत्पादक स्वाद सभ लोककेँ पसंद आबि रहल...
-- आभा झा।
गृह उद्योग एक लघु व्यवसाय अछि, जकरा स्वयंकेँ घर या किराया पर एक छोट स्थान लऽ कऽ बहुत कम इन्वेस्टमेंटमे...
“समाजक दर्पण”
- रेखा झा।
#गरीबक बेटी
रोपनी...
“तिले – तिले बहब’..!”
-- कृति नारायण झा।
तिला संक्रांति, भोरे भोर मायक शब्द कान मे ममतामयी आभास करवैत "तिले - तिले बहब, तिले - तिले बहब,...
“मिथिलाक सुप्रसिद्ध पाबनि – मधुश्रावणी”
-- आभा झा।
" मधुश्रावणी" मधुश्रावणी पाबैन अपन मिथिलाक मुख्य पाबैन अछि।नवविवाहिता वर कनियाँक ई पाबैन प्रेमरस सँ भरल रहैत...
मैथिली कथा “मड़ौसी”
कथा
- प्रवीण नारायण चौधरी
मड़ौसी
गामपर भैर गामक लोक जुटि गेल छल। कारण छलैक जे धर्बेन्द्रा ११ वर्षक अवस्था सँ जे गाम छोड़ि भागि गेल छल...