आशा ( गीत )
– शिव कुमार झा टिल्लू, करियन – हालः जमशेदपुर
सुनू सुनू आशुकवि हुअ’ देबै ने अपन प्रगीतक साँझ
लिखिते र’हू अहाँ माय मैथिली नहि भेलीये बाँझ !
सार्थक रचना हे नंदन
नर नारी के अभिनन्दन
नवनव नवगीतक रंग ठनका देबै संगीत सौतिनक माँथ !
प्रेमक प्रेमे सँ चर्चा
मंच मुदित एहेन सन परचा
अहाँ कलम चलाबू कोरब दुअरिया फूहड़ समर्थक माँझ !
नवरूप नवल विंध्यवासिनी
मंचपर छथि शारदा रागिनी
रंजना पूनमक संगसंग कतेक मैथिली हमर माटि के ताज !
नारीयेसँ क्रांतिक आशा
बेटीये पुरथिन अभिलाषा
लिखू लिखू हे सर्जक कोकिल पागपर आब ने लागत आंच !
दुबकलि मैथिली देखै छी
किछु भद्र सेहो बहकै छथि
मुदा नहि हहरू औ घुरि रहलथि ओ सुनि क्रांतिक आवाज !