“मिथिला गृह उद्योगक द्वारा निर्मित उत्कृष्ट घरेलू उत्पादक स्वाद सभ लोककेँ पसंद आबि रहल अछि।”

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— आभा झा।   

गृह उद्योग एक लघु व्यवसाय अछि, जकरा स्वयंकेँ घर या किराया पर एक छोट स्थान लऽ कऽ बहुत कम इन्वेस्टमेंटमे शुरू कएल जा सकैत अछि। गृह उद्योगक तहत महिला सभ सेहो आत्मनिर्भर बनि रहल छथि। मिथिलाक घरेलू परंपरा पर आधारित मिथिला गृह उद्योग द्वारा निर्मित खाद्य उत्पादकेँ निर्माण कार्यक प्रक्रिया वातावरणमे उपलब्ध प्राकृतिक संसाधन पर आधारित अछि। एहि गृह उद्योगमे तैयार खाद्य पदार्थमे व्यंजनक गुणवत्ताक संग शुचिताक सेहो ध्यान राखल जाइत अछि जे अपना आपमे अनूठा एवं अनमोल अछि। एकर सभ उत्पादमे वस्तुक प्राकृतिक गुणकेँ अक्षुण्ण राखयकेँ लेल वातावरणमे उपलब्ध प्राकृतिक संसाधन जेना हवा, सूर्यक रोशनी एवं शुद्ध जलक प्रयोग कएल जाइत अछि। जकर प्रभावसँ मिथिला गृह उद्योग द्वारा निर्मित व्यंजनक स्वाद अनुपम एवं उत्कृष्ट होइकेँ संग ई कृत्रिम सुगंध, रंग तथा रसायन रहित होइत अछि। जाहिमे अदौरी, तिसीयौरी, चरौरी, कुम्हरौरी, मुरौरी, दनौरी, तिलौरी, बिड़िया, सत्तू तथा विभिन्न प्रकारक घरेलू अचार जेना: आम, अमड़ा, कटहर, करौंदा, नेबो, लाल मिरचाई, हरियर मिरचाई, धातृ, करैला, खटमिट्ठी, मुरब्बा आदि उपलब्ध अछि। मिथिला गृह उद्योगक स्थापना अक्टूबर 2014 के आश्विन शुक्ल पक्ष शारदीय नवरात्रिमे स्वावलंबनक लेल किछु नब करयकेँ दिशामे सकारात्मक एवं भावनात्मक रूपसँ कएल गेल प्रयास अछि। मिथिलाक घरेलू सामग्रीक व्यवसायिक उत्पादन आ एकटा लघु उद्योगक रूपमे एकर सर्वप्रथम परिकल्पना केनिहार मिथिला गृह उद्योगक संस्थापक अमरनाथ मिश्र छथि। एहि गृह उद्योगक मूल उद्देश्य सांस्कृतिक दृष्टिसँ समृद्ध मिथिलाक घरेलू पारंपरिक व्यंजनकेँ बजार तक अननाइ आ ओकरा विभिन्न प्रांतक लोकेँ मिथिलाक पारंपरिक खाद्य वस्तुकेँ स्वाद पहुँचेनाइ अछि। मिथिला गृह उद्योगक उद्देश्य अछि कि एतऽकेँ विशिष्ट भोज्य पदार्थ देश-विदेश तक पहुँचलासँ स्वरोजगारकेँ बढ़ावा भेटत तथा लोक एहेन काज करयकेँ लेल प्रेरित हेता।
मिथिला गृह उद्योगक माध्यमसँ देश भरिमे कतहू जनेउ मंगवा सकैत छी। जनेउ विभिन्न रंगमे उपलब्ध रहैत अछि जाहिमे लाल, पियर, उज्जर इत्यादि रंग शामिल अछि। मिथिला गृह उद्योगमे नव स्वरूपक पागक सेहो बजारमे बहुत मांग भऽ रहल अछि। मिथिला पेंटिंग कएल पागक प्रचलन काफी देखयमे आबि रहल अछि। एखन एहि क्षेत्रमे काज करबाक अपार संभावना छैक।आइ काल्हि एहि गृह उद्योगक माध्यमसँ लोक घर बइसल ऑनलाइन कोनो सामान देश -विदेश सभ जगहसँ मंगा सकैत अछि।
मिथिलाक ‘ झाजी अचार ‘ पैघ ब्रांड बनि कऽ उभरि रहल अछि। ननैद कल्पना झा आ भौजी उमा झा जून 2021 में ‘ झाजी अचारक ‘ कारोबार शुरू कएने छलीह। जखन देशमे कोरोना संकट चरम पर छल। एहेन स्थितिमे अचार बनाबयकेँ अपन शौककेँ व्यवसायमे बदलि देलथिन। एहि व्यवसायसँ कतेक महिला सभकेँ रोजगार सेहो भेटलनि। दू महिलाक जुनून मिथिलाकेँ एक पहचान दऽ रहल अछि।
उपभोक्ताकेँ प्रोत्साहन एवं सहयोगसँ लोकक मनोबल बढ़य लागल आ मिथिला गृह उद्योग अग्रसर भऽ रहल अछि। हमर माननाइ अछि कि एहेन सुक्ष्म, लघु एवं कुटीर उद्योगसँ स्वावलंबनक बल तथा घर-घर रोजगार सृजन कएल जा सकैत अछि। जाहिसँ कृषि आधारित उद्योगकेँ अंशदानसँ अर्थव्यवस्थाकेँ मजबूती एवं भारतीय बजारमे शुचिता तथा गुणवत्ता युक्त विशुद्ध व्यंजनक उपलब्धतासँ उपभोक्ताकेँ संतुष्टि भेटत। मिथिला गृह उद्योगक द्वारा निर्मित उत्कृष्ट घरेलू उत्पादक स्वाद सभ लोककेँ पसंद आबि रहल अछि। प्रवासी मैथिल समाजसँ आग्रह अछि जे पलायन वीरान होइत मिथिलाक पौराणिक सभ्यता-संस्कृतिकेँ पुनः स्थापित करबामे अपना स्तर पर अपन योगदान करैथ।
जय मिथिला, जय मैथिली।

आभा झा
गाजियाबाद