रामचरितमानस मोतीः जटायु-रावण-युद्ध, अशोक वाटिका मे सीताजी केँ राखब
स्वाध्याय
- प्रवीण नारायण चौधरी
रामचरितमानस मोती
जटायु-रावण-युद्ध, अशोक वाटिका मे सीताजी केँ राखब
१. गृध्रराज जटायु सीताजीक दुःख सँ भरल चित्कार (पुकार) सुनि चिन्ह गेला जे ई...
बजरंगबाण आ हनुमानाष्टक केर मैथिली रूप
आदरणीय 'लेखक रमेश' सर केर प्रेरणा पर तुलसीकृत बजरंगबाण आ हनुमानाष्टक केर मैथिली रूप - दोष लेल क्षमायाचनाक संगः
बजरंगवाण
निश्चय प्रेम प्रतीति जे, विनय करय...
चलैत चलू – बढ़ैत चलू
दर्शन
- प्रवीण नारायण चौधरी
चलैत चलू - बढैत चलू
सभक जीवनकाल मे किछु अनुभव एतेक विशिष्ट आ अन्तर्मनक गहिराई मे भेल करैत छैक जेकर बल पर...
रामचरितमानस मोतीः संत-असंत वंदना
स्वाध्याय
- प्रवीण नारायण चौधरी
रामचरितमानस मोती
४. संत-असंत वंदना
एहि सँ पहिने ब्राह्मण आ संत केँ सेहो प्रणाम अर्पित करबाक विलक्षण मोती सब अध्याय २ मे प्राप्त...
हनुमानजी द्वारा भगवान् राम केर स्तुति
हनुमत्कृत श्रीरामस्तुति
नमो रामाय हरये विष्णवे प्रभविष्णवे। आदिदेवाय देवाय पुराणाय गदाभृते॥
विष्टरे पुष्पके नित्यं निविष्टाय महात्मने। प्रहृष्टवानरानीकजुष्टपादाम्बुजाय ते॥
निष्पिष्टराक्षसेन्द्राय जगदिष्टविधायिने। नमः सहस्रशिरसे सहस्रचरणाय च॥
सहस्राक्षाय शुद्धाय राघवाय च...
मिथिलाक ब्राह्मण समुदाय मत्स्य-मांस भक्षण कियैक करैत छथि?
दर्शन-विचार
(पंडित महेन्द्र ठाकुर संग वार्ता पर आधारित)
मिथिलाक द्विजवर्ग पर एकटा आरोप लगबैत छथि अन्यत्रक विद्वान् जे ई लोकनि मत्स्य-मांस कियैक भक्षण करैत छथि।
एहि...
रामनवमी विशेष प्रसादः सीताक विरह आ रामक सन्देश
सीताक विरह आ रामक सन्देश
(तुलसीदासकृत् रामचरितमानस पर आधारित)
- भाव अनुवादः प्रवीण नारायण चौधरी
विदिते अछि जे रावण सीताक अपहरण कय हुनका अशोक वाटिका मे राक्षसी...
कृष्ण मे १६ कला कि-कि छलन्हि (हिन्दी लेख)
- अनिरुद्ध जोशी 'शतायू' (साभारः वेबदुनिया डट कम)
राम 12 कलाओं के ज्ञाता थे तो भगवान श्रीकृष्ण सभी 16 कलाओं के ज्ञाता हैं। चंद्रमा की...
मिथिलाक प्राचीन भक्ति गीत मे गौरी भाव
किछु भजन सुनू, मनन करू!!
मिथिला मे भावपूर्ण भजन करब - कीर्तन करब एकटा अत्यन्त प्राचीन सभ्यता मे सँ एक महत्वपूर्ण विधा थीक। एहि मौका पर...
रामचरितमानस मोतीः मनु-शतरूपाक तप एवं वरदान
स्वाध्याय
- प्रवीण नारायण चौधरी
रामचरितमानस मोती
मनु-शतरूपा तप एवं वरदान
पैछला अध्याय मे शिवजी द्वारा पार्वतीकेँ सुनायल जा रहल रामचरित याज्ञवल्क्यजी भरद्वाजजीक सोझाँ वर्णन कय रहल छलथि।...