किछु भजन सुनू, मनन करू!!
मिथिला मे भावपूर्ण भजन करब – कीर्तन करब एकटा अत्यन्त प्राचीन सभ्यता मे सँ एक महत्वपूर्ण विधा थीक। एहि मौका पर भगवतीक आराधना भिन्न-भिन्न रूप मे तऽ रहिते अछि, विशेष चिन्तन-मनन गौरी केर शिव संग भेल विवाह प्रति सुनबाक-गुनबाक अवसर सेहो भेटैत अछि। गौरीक माय मैना केर चिन्ता केँ महाकवि विद्यापतिक शब्द मे सेहो गान कैल गेल अछि। सखि-बहिनपाक चिन्ता केँ सेहो विभिन्न कवि-गीतकार अपना-अपना शब्द मे सुन्दर सँ सजौने छथि। आउ, आइ किछु रास भजन पर गौर करी। ई भावपूर्ण भजन मे गौरी भाव केँ देखि हमरा तऽ मिथिला मे जन्म भेटब अपने आप मे एकटा सौभाग्य थीक से बुझाएत अछि। अहाँ सेहो मनन करू!
१. माय केर भजन
सबहक सुधि अहाँ लय छी हे अम्बे
हमरा कियै बिसरय छी हे!
हमरा कियै बिसरय छी हे माता
हमरा कियै बिसरय छी हे!!
छी हम पुत्र अहीं के जननी-२
से तऽ अहाँ जनय छी हे! – २
एहेन निष्ठुर कियै अहाँ भेलौं -२
कनिको दृष्टि नै दय छी हे!! – २
सबहक सुधि अहाँ लय छी हे अम्बे….
क्षण-क्षण पल-पल ध्यान करय छी-२
नाम अहीं के जपय छी हे-२
रैन दिवस हम ठाढ रहय छी-२
दरसन बिनु तरसय छी हे-२
सबहक…..
छी जगदम्बा जग अवलम्बा-२
तारिणी तरणि बनय छी हे-२
हमरा बेरि कियै न तकय छी-२
पापी जानि फेरय छी हे-२
सबहक सुधि अहाँ…..
हमरा….
हरिः हरः!!
२. बोलबम
नइ जैबय नइ जैबय नइ जैबय हे
हम गौरी अंगनमा – २
गौरी अंगनमा उमा अंगनमा
गिरिजा अंगनमा – २
नइ जैबय …..
गहुँमन के हम खूटा देखलियइ-२
धामन के देखलौं धरनिया हे
सखी गौरी अंगनमा
नइ जैबय नइ जैबय….
ढोरिया के हम कोरो देखलियइ-२
गोहरी के देखलौं गोरनिया हे
सखी गौरी अंगनमा…
नइ जैबय नइ जैबय….
हरहरा के बत्ती देखलियइ-२
बैहरी के देखलौं बन्हनिया हे
सखी गौरी अंगनमा
नइ जैबय नइ जैबय…..
भनहि विद्यापति सुनु हे उमापति-२
अजगर के देखलौं ठेहुनिया हे
सखी गौरी अंगनमा
नइ जैबय नइ जैबय….
हरिः हरः!!
३. गौरी विवाह गीत
तीरे शिव के करणमा गौरी बन मे बन मे ना – २
पोथी देखलनि पतरा देखलनि नारद बभनमा-२
गौरी दाइ के लिखल छल बुढवा सजनमा
गौरी बन मे बन मे ना
तीरे शिव के करणमा…..
आन तेजलनि पान तेजलनि भूषण बसनमा – २
बेलपत्र खाय गौरी रखलनि परनमा
गौरी बन मे बन मे ना
तीरे शिव के करणमा…
इन्द्र के इन्द्रासन डोले विष्णु के असनमा-२
शिव के कैलास डोले गौरी के तपनमा
गौरी बन मे बन मे ना
तीरे शिव के करणमा….
भेल बियाह शिव चलल कैलासे – २
भूत प्रेत संगे नाचय बरद वहनमा
गौरी बन मे बन मे ना
तीरे शिव के करणमा….
गौरी बन मे बन मे ना….
४. गौरी विवाह गीत
चलू देखय बहिना जुलुम भेलय भारी-२
चलू देखय बहिना…
गोर नार कनिया लऽ वर लएला कारी
नारद बाभन एहेन कएला काज -२
हिम केँ हँसय छनि सौंसे समाज
दूलहा लगय छइ ससूर के बतारी
चलू देखय बहिना….३
बासी पहाड़क भांगे अहार-२
बौरहबा के घर न द्वार
संपत्ति मे बसहे बरद टा सवारी
चलू देखय बहिना-३
दूल्हाक पहिरन बाघक छाल-२
जट्टा मे साँप फुफकारे विशाल
कतय सऽ जोहि लेला तपसी भिखारी
चलू देखय बहिना-३
अंग विभूत गर रुद्रक माल-२
चान करय चमचम बिच्चहि लिलार
ई वर शंकर छथि दुःखहारी
चलू देखय बहिना-३
गोर नार कनिया लऽ….
चलू देखय कनिया….
हरिः हरः!!
५. गौरी विवाह गीत
भंगिया वर देखि गौरी मौलेलनि कोना के दिनमा जेतय हे
अपने शिवजी बसहा पर चढथुन तोरा स डोरी धरेथुन हे – २
अपने शिवजी बसहा पर चढथुन तोरा स डोरी धरेथुन हे – २
भंगिया वर देखि गौरी….
अपने शिवजी पूजा पर बैसथुन तोरा स टहल करेथुन हे – २
अपने शिवजी घंटी बजेथुन तोरा स बमबम कहेथुन हे – २
भंगिया वर देखि गौरी….
एकदम मांगथुन दुइ दम मांगथुन – २ दमे मे लिट्टी लगेथुन हे
गहिराजनके पत्ता ओछौथुन सबटा अपने खएथुन हे
भंगिया वर देखि गौरी…..
हरिः हरः!!