कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण – अरण्यकाण्ड अध्याय पाँच
स्वाध्याय
- प्रवीण नारायण चौधरी
कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण
अरण्यकाण्ड - अध्याय पाँच
।चौपाइ।
पञ्चवटी गोदावरि कात। आइलि सूर्पनखा उत्पात॥
कमल कुलिश अंकुश पद - रेख। अङ्कित अवनि रमनि से...
मई महिना मानसिक स्वास्थ्य प्रति जागरुकताक महिना मानल जाइछः मनोपरामर्शदात्री ज्योति झा
स्वास्थ्य सचेतना
- ज्योति झा, मनोपरामर्शदात्री, काठमांडू
मई महीना मानसिक स्वास्थ्य जागरुकताक महीना
सन् १९४९ सँ अंग्रेजी महीना मई केँ मानसिक स्वास्थ्य जागरुकताक महीना मानल जाइत अछि।...
कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायणः अरण्यकाण्ड आरम्भ
मिथिलाभाषा रामायण - अरण्यकाण्ड
कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण केर अरण्यकाण्ड आरम्भ
अथ अरण्यकाण्ड
।शिखरिणी छन्दः।
भ्रमन्तौ कान्तारे क्षयितदनुजौ त्यक्तनगरौ
किशोरौ सद्वीरौ जनकतनया-रक्षणपरौ।
जटावन्तौ दान्तौ करकमल-चापाशुगधरौ
सदापायास्तान्नो दशरथतनुजौ नरवरो॥१॥
।चौपाइ।
एकदिन रहि प्रभु पुन...
हास्य-प्रहसन कथाः फेसबुक फ्रेन्ड्स
हास्य-प्रहसन
- प्रवीण नारायण चौधरी
फेसबुक फ्रेन्ड्स
५००० मित्र मात्र राखि सकैत छी। कतेको लोकक कोटा फुल भ' गेल अछि। हमरो कोटा कहिया न फुल भ' गेल।...
मोक्ष दुर्लभ नहि छैक जँ एतबे बात बुझि जाय तँ – भाग १
स्वाध्याय
- प्रवीण नारायण चौधरी
ज्ञान कर्म संन्यास योग (कर्म, अकर्म आ विकर्म केर निरुपण) - भाग १
(गीताक चारिम अध्याय पर आधारित स्वाध्याय आलेख)
- प्रवीण नारायण...
चिन्ता नहि, चिन्तन करूः पठनीय-विचारनीय लेख
लेख
- प्रवीण नारायण चौधरी
चिन्तन करू - चिन्ता नहि करू
चित्त मे जाहि बातक उच्चारण बेर-बेर होइत रहैछ, वैह सहज भाषा मे चिन्तन थिक। आ चित्त...
मिथिलाभाषा रामायणः अयोध्याकाण्ड छठम् अध्याय
स्वाध्याय पाठ
कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण
अयोध्याकाण्ड - छठम् अध्याय
।चौपाइ।
।मिथिलासंगीतानुसारेण नामान्तरेण च योगिया-मालव-छन्दः।
लक्ष्मण सौँ गुह कहल निषाद। राम - दशा देखि चित्त विषाद॥
देखिअ रामचन्द्र गति भाय।...
मिथिलानी कनियाँ (काव्य)
काव्य
- काजल चौधरी, योग प्रशिक्षिका, नई दिल्ली
मिथिलानी कनियाँ
(कनियाँ = पुतोहु, daughter-in-law)
हम छी मिथिलानी कनियाँ
घूँघट लैपटौप संग रखय छी!
फायल मे माथा ओझराबी
क्लाइंट्स सभक दुःख केँ...
वाजसनेयिनां विवाहपद्धतिः – मैथिल ब्राह्मण व अन्य समुदाय मे वैवाहिक रीतिक शास्त्रीय विधान
महामत्तक-ठक्कुर-दत्तरामविरचिता
वाजसनेयिनां विवाहपद्धतिः
इन्दुमती टीका टिप्पणीभ्यां विभूषिता
सम्पादकः
श्री रामचन्द्र झा, व्याकरणाचार्यः
आत्म निवेदन
कन्यादान
वस्तुतः कन्यादानक अर्थ विवाह संस्कार थिक। १६ संस्कारान्तर्गत विवाहसंस्कार प्रमुख मानल गेल अछि। कन्याक हेतु ई...
नब आशाक चेतना जगबैत अछि इ वसंत ऋतु
लेख
प्रेषित : रिंकु झा
लेखनी के धार
शीर्षक -वसंत ऋतु मे प्रकृति अपन सुन्नरताक छटा चहुंदिस पसारैत अछि -
भारत मे मुख्यतः छः टा ऋतु मानल जाइत...