झंझारपुर, नवम्बर २३, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!
केहेन रहल साहित्यांगनक दोसर वार्षिकोत्सव, डा. रामसेवक झाक रिपोर्ट

मिथिलाक सात विद्वान् भेला सम्मानित
झंझारपुर केर किसान भवन मे कार्यक्रमक भेल भव्य शुरुआत
काव्य संसार व राग संसार सत्र मे श्रोता लोकनि खूब झुमला
विभिन्न क्षेत्रक साहित्यकार तथा बुद्धिजीवी भेला सम्मिलित
मैथिली भाषा केँ पंचायत मे काम-काजक भाषा बनेबा लेल भेल विमर्श
कीर्ति कुम्भ पं. भवनाथ मिश्र एवं डाॅ. जयकान्त मिश्र पर केन्द्रित रहल
साहित्यांगन केर तत्वावधान मे द्वितीय वार्षिक समारोह केर आयोजन बुध दिन झंझारपुर केर किसान भवन मे आयोजित कयल गेल। कार्यक्रमक विभिन्न सत्राध्यक्ष लोकनि मे बिहार विश्वविद्यालयक पूर्व मैथिली विभागाध्यक्ष तथा नामचिन विद्वान् डाॅ देवेन्द्र झा संग अन्य सिद्धहस्त मैथिल विद्वान्वृन्द डाॅ जगदीश मिश्र, डाॅ योगेन्द्र पाठक वियोगी द्वारा संयुक्त रूप सँ दीप प्रज्जवलित, बैनर लोकार्पित करैत विधिवत् उद्घाटन कयल गेल। कीर्ति पुरूष पर पुष्प अर्पित कयलाक बाद पं. भवनाथ मिश्र पर शब्द-श्रद्धासुमन अर्पित करैत डॉ सतीरमण झा बजलाह जे मैथिली साहित्य मे भवनाथ बाबूक योगदान अतुलनीय अछि। पं. भवनाथ मिश्र मैथिलीक पहिल शब्दकोशकार मानल जाएत छथि। हुनक विद्वताक कद्र ब्रिटिश राजक उच्च पदाधिकारी तथा भारतीय भाषिक सर्वेक्षणक शोधकर्ता एवं अनेको संस्करण मे लिंग्विस्टिक सर्वे अफ इंडिया प्रकाशित कयनिहार स्कौटिश विद्वान् जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन संग पं. मिश्र केँ पत्राचार होएत छल जेकर प्रति आइयो पारिवारिक स्रोत संग उपलब्ध भेटैछ। ६ खंड मे मैथिलीक शब्दकोश हिनकर रचित उपलब्ध अछि जाहि मे एक खंड मात्र छपल अछि आर लंदन पुस्तकालय मे सेहो एकर प्रति उपलब्ध हेबाक बात प्रचलित अछि।
विदित हो जे साहित्यांगन द्वारा अलग-अलग विधा मे नामी योगदानकर्ता केँ सम्मानित सेहो कयल जाएत अछि, जाहि लेल चयन समिति द्वारा नामित मिथिलाक विभिन्न क्षेत्रक कुल सात दिग्गज विद्वान् लोकनिक नाम एहि बेर घोषित कयल गेल। सम्मानित स्रष्टा लोकनि केँ पाग, दोपटा, पुष्पगुच्छ एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कयल गेल। पं. भवनाथ मिश्र साहित्य शिखर सम्मान सँ नेपालीय मिथिलाक प्रसिद्ध भाषा वैज्ञानिक डाॅ रामावतार यादव केँ सम्मानित कयल गेलनि। कृतज्ञ साहित्यांगन विशिष्ट सम्मान सँ डाॅ रमानन्द झा रमण केँ सम्मानित कयल गेलनि। आचार्य पं. यन्त्र नाथ मिश्र वाजसनेयी साहित्य शिखर सम्मान सँ कथाकार डाॅ शिवशंकर श्रीनिवास सम्मानित भेलाह। कृतज्ञ साहित्यांगन पत्रकारिता सम्मान सँ वरीय सम्पादक सुकान्त सोम केँ सम्मानित कयल गेल। अवस्थताक कारण सुकान्त सोम समारोह मे उपस्थित नहि भऽ सकल छलाह। सर्वप्रथम युवा प्रतिभा केँ प्रोत्साहित करबाक लेल कृतज्ञ साहित्यांगन युवा सम्मान सँ कवियित्री मुन्नी कामत केँ सम्मानित कयल गेलनि। कृतज्ञ साहित्यांगन मैथिल सेवी सम्मान पंजीकार विभूतिनाथ झा एवं कवि आनन्द मोहन झा केँ एहि वर्ष ई सम्मान देल गेलनि।
तहिना निबन्ध लेखन मे मैथिलीक लेल राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत दुइ छात्रा कविता कुमारी एवं सपना भारती केँ सेहो प्रशंसा पत्र प्रदान कयल गेल। साहित्यांगन केर मासिक संयोजक केँ सेहो सम्मानित कयल गेल छल।
कार्यक्रमक द्वितीय सत्र मे प्रत्येक मैथिल केर लेल मैथिली कतेक लाभदायक विषय अछि ताहि विषय पर विमर्शक आयोजन कयल गेल छल। विषय प्रवेश संस्थापक अध्यक्ष मलयनाथ मण्डन करौलनि, ताहि उपरान्त डॉ शिव कुमार प्रसाद, घनश्याम घनेरो, रत्नेश्वर झा आदि द्वारा विषय पर वृहत् विचार रखैत मैथिली मे शिक्षाक महत्व आ ताहि सँ भेटयवला रोजी-रोजगार – देशक सर्वोच्च सेवा भारतीय प्रशासनिक सेवा धरि मैथिली मार्फत पहुँचबाक बाट पर प्रकाश देल गेल छल। मैथिली भाषाक गीत एवं लेखनी आदिक बाजार मूल्य सेहो दिनानुदिन बढैत जेबाक विन्दु पर वक्ता लोकनि विचार रखलनि। आइ मैथिली सिर्फ रजनी-सजनीक भाषा नहि बल्कि रोजी-रोटीक भाषा सेहो बनि गेल अछि, आर बीच मे विस्मृति जेकाँ भेलाक बादो फेर सँ युवा मैथिल शक्ति अपन भाषाक संरक्षण दिस आगू बढि रहला अछि – ई भाव वक्ताक विचार सँ स्पष्ट भेल।
कार्यक्रमक अन्तिम सत्र मे दुइ दर्जन सँ अधिक कवि लोकनिक काव्य प्रस्तुति सँ श्रोता लोकनि मन्त्रमुग्ध भेलाह। कार्यक्रम मे राम विलास साहु, केदारनाथ झा, उदयनाथ उदयन, अक्षय नाथ मिश्र, प्रीतम निषाद, दिवाकर झा सुमन, अजित आजाद, संतोष कुमार झा, समीर अभिषेक, श्यामानन्द झा, गौरीशंकर झा, विनय झा, हरिदेव झा, इन्द्रदेव झा, अनुप कुमार कश्यप ,जगदीश मंडल, चन्द्रमोहन झा, डॉ.कन्हैया झा, प्रो. ईशनाथ झा, अनिल ठाकुर, डॉ रामसेवक झा, डॉ संजीव शमा, नारायण झा, विद्याचन्द्र बमबम, आनन्द मोहन झा, मानसी कुमारी, रीती देवी सहित कतेको रास नामचिन साहित्यकार, जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक बुद्धिजीवी सम्मिलित भऽ एहि आयोजन केँ भव्य रूप सँ सफल बनौलनि। कार्यक्रमक शुरूआत वैदिक मंगलाचरण एवं कुमकुम झा द्वारा गायल गोसउनीक गीत सँ भेल। स्वागत भाषण प्रो. ईशनाथ झा कयलनि। संचालन मलयनाथ मिश्र मण्डन एवं डॉ.रामसेवक झा द्वारा कयल गेल, जखन कि धन्यवाद ज्ञापन अनिल ठाकुर केने छलाह।