पोखरा नजदीक लमजुंग केन्द्र सँ भूकम्प शनि दिन विहान नेपाली समयानुसार दुपहरियाक १२ बजे आयल छल जे नेपाल सहित भारतक संपूर्ण उत्तरी भाग केँ हिला देलक। सर्वाधिक प्रभाव नेपालक पहाड़ी जिला जाहि मे राजधानी काठमान्डु आ पर्यटन लेल प्रसिद्ध पोखरा सहित सागरमाथा चोटी पर आरोहण हेतु आबयवला पर्वतारोहीक सबहक बेस कैम्प आदि मे देखेलक। नेपालक तराई (मिथिला व अन्य क्षेत्र) सहित भारतीय मिथिला सहित उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत, दिल्ली, आदि तक क्रमश: झटकाक अनुभव कैल गेल। काठमांडु नेपालक राजधानिये टा नहि बल्कि समस्त देश आ विदेशक जनताक एकटा बहुत पैघ बसेराक रूप मे प्रसिद्ध स्थल, पर्यटन केन्द्र आ रोजगार तथा व्यवसाय हर दृष्टिकोण सँ नेपालक आधा आबादीक अपना मे समेटने अछि। एहि ठाम एक सँ बढि कय एक पौराणिक मन्दिर आ पुराना राजा-महाराजाक दरबार सेहो बनल अछि – विश्व धरोहर मे शामिल एहिठामक पशुपतिनाथ मन्दिर क्षेत्र आ दरबार सक्वायर सहित अन्य स्थल सब कतेको सैकड़ा वर्ष पुरान छल – एकमात्र पशुपतिनाथ मन्दिर केर मूल मन्दिर छोड़ि बाकी सबटा एहि महाभूकम्प सँ प्रभावित भेल अछि। कतेको रास पुरान मकान तऽ ध्वस्त भेबे कैल, बहुते नव मकानकेँ सेहो आंशिक क्षति पहुँचल अछि। काठमांडुक एक अति प्राचिन भीमसेन टावर – धरहरा जाहि मे नित्य हजारोंक संख्या मे लोक घुमाइ-फिराइ करबाक लेल जाइत छल, जे ९ मंजील मकानक ऊँचाई समान बनल छल आ जाहिपर चढला सँ संपूर्ण काठमांडु देखबाक अवसर भेटैत छलैक, जे १९३४ केर भूकंप मे सेहो आंशिक क्षति झेलने छल, ओ एहि बेर पूर्णरूप सँ ध्वस्त भऽ गेल आ अनुमानित सैकड़ों लोकक जान एहि मे चलि जेबाक खबैड़ अछि। लोक सब एहि महाभूकंपकक बाद सँ अपन घर छोड़ि मैदानमे शरण लेने अछि जतय खाय लेल आ प्यास मिझेबाक लेल पानि तक पिबय लेल नहि भेटि रहल अछि। राहतक नाम पर टेलिविजन मे बेसी हल्ला अछि, मुदा यथार्थ मे राहत लेल लोक लालायित अछि। एखनहि बात भेल अनुसार सानेपाक एकटा पार्क मे शरण लेनिहार लोक राहतक नाम पर कोनो सुविधा उपलब्ध नहि होयबाक बात कहि प्राण छटपटेबाक खराब अनुभूति अश्रुपूर्ण भाव सँ सुनेलक। कतेको रास प्राइवेट कंपनी सब सेहो अपन खाद्य उत्पाद सब मुफ्त मे बाँटि रहल अछि। लेकिन एहि मे बाट-घाट कटि गेलाक कारणे कोनो खास उपलब्धि नहि भेटबाक शिकायत कैल जा रहल अछि। “भारत व अन्य देशक पहुँचल राहत सामग्री समुचित रूप सँ बँटवारा नहि कैल जा रहल अछि। ओ सब अपन-अपन नागरिक केँ बचेबाक लेल बेसी कार्यरत अछि। नेपाली केँ राहत पहुँचेबाक लेल नेपाल सरकार केँ ध्यान देबय पड़त।” एकटा दोसर व्यक्ति मैथिली जिन्दाबाद केँ जानकारी करौलक। किछु लोक एखनहु अपन घर मे रहि रहल अछि, मुदा भय आ त्रास सँ घबराहट बीच खाना आ पीना सब इन्तजाम कय कोहुना काठमांडू सँ बाहर निकलबाक लेल आतुर बुझा रहल अछि।
देश मे आकस्मिक आपदाक घोषणा कैल गेल अछि, लेकिन इन्तजाम ताहि तरहक कोनो खास नहि भऽ सकल अछि – शिकायत करैत अछि फँसल लोक सब। रेडियो आ टेलिविजन द्वारा पैघ-पैघ घोषणा टा होइत अछि, मुदा अवग्रह मे फँसल विपदा सब केँ कोनो राहत नहि। स्वयंसेवा मे लागल विभिन्न संस्था सब सँ अपील करैत अलग-अलग समूह द्वारा राहत-मदद केर गोहार लगायल गेल अछि। काठमांडुक जनसंख्या देशक लगभग आधा यानि १ करोड़ अछि आ एकर विस्तार सेहो करीब ७०० वर्ग किलोमीटर केर क्षेत्र मे अछि। तहिना पहाड़क अन्य जिला जाहि मे लमजुंग आ गोरखाकेँ सबसँ बेसी क्षति पहुँचबाक समाचार आइ दुइ दिनक बाद आयल अछि, मुदा हेलिकप्टर बाहेक अन्य कोनो मार्ग तक नहि बचल जाहि सँ राहत ओहि जगह धरि पहुँचायल जा सकय। एक तऽ लोक घर सँ बाहर, ताहि पर सँ खराब मौसमक कारण पानि-बरखा सँ लोक आरो त्रस्त अछि। सबसँ बेसी नोकसान अबोध बच्चा सबकेँ भऽ रहलैक अछि, पिबय लेल जल तक केर इन्तजाम नहि छैक।
दोसर दिशि कोनो पैघ भूकम्पक बाद जे पुनरावृत्ति भूकम्पक भय रहैत छैक तेकर मारि अलगे लोककेँ बेहाल केने छैक। नेपाल तथा भारतक समस्त प्रभावित क्षेत्र मे बेर-बेर छोट-मोट झटकाक अनुभूति कैल जा रहलैक अछि। हलाँकि ई तय छैक जे घातक झटका जे पहिल बेर होइत छैक तेहेन दोसर या कोनो पुनरावृत्ति झटका सँ नहि होइत छैक, मुदा अनिश्चितता कोनो छोट-मोट अफवाह सँ पसैर जाइत छैक आ लोक अपन घर के अन्दर तक गेनाय पाप मानय लगैत अछि। डरे भरि राति बाहरे मैदान मे बितायल जाय लागलैक अछि। ई हाल नहि मात्र मूल-प्रभावी क्षेत्र वरन् सब ठाम छैक। विराटनगर मे सेहो लोक राति घर सँ बाहरे भजन-कीर्तन करैत बिता रहल अछि।