माँ के देल साड़ी सँ बतियाईत अछि माँ :: गोपाल मोहन मिश्र
माँ के देल साड़ी सँ बतियाईत अछि माँ :: गोपाल मोहन मिश्रसभ संबंधकसिलवट के खोलिरौद में देखाबैत अछि,आँगन में सूखैत अछि ओभीजैत अछि माँ...
मिस यू “बाबू”
मिस यू "बाबू"सभ नज़रि अबैत छथि, मुदा एक अहीं नहि "बाबू",आईयो लगैत अछि कि अहाँ आयब आ पूछब -"ठीक छी ने बेटा ?"मुदा आब...
पिता उम्मीद, विश्वाश आ परिवार केर आश होइत छथि
लेख विचार
प्रेषित: कीर्ति नारायण झा
श्रोत: दहेज मुक्त मिथिला समूह
लेखनी के धार ,बृहस्पतिवार साप्ताहिक गतिविधि
विषय- परिवार मे पिता केर महत्व
बाढे पूत पिता के धर्मे, खेती...
गोपाल मोहन मिश्र केर दू टा लघुकथा :: “एकटा भातृप्रेम एहनो” आ “बुढापा एक...
गोपाल मोहन मिश्र केर दू टा लघुकथा :: "एकटा भातृप्रेम एहनो" आ "बुढापा एक अभिशाप" !
१) एकटा भातृप्रेम एहनोडॉक्टर साहब स्पष्ट कहि देलनि -...
गोपाल मोहन मिश्र केर दू टा कविता :: “गति-मति” आ “फर्क”
गोपाल मोहन मिश्र केर दू टा कविता :: "गति-मति" आ "फर्क"गति-मति
एतेक वयस बीतला के बाद मति प्राप्त भेल हमरा,कियेक बन्हैत छीअहाँ अपना के….निरर्थक अप्पन(?)...
गोपाल मोहन मिश्र केर एकटा कहानी “कठिन समय लेल तैयार रहू!”
गोपाल मोहन मिश्र केर एकटा कहानी "कठिन समय लेल तैयार रहू!"मुकेश नामक एकटा जवान लड़का छल। ओ पूरा अपन शिक्षा पूरा कैलक आ एकटा पैघ...
गोपाल मोहन मिश्रक एक कविता “अहाँ सिखा दियs”
गोपाल मोहन मिश्रक एक कविता "अहाँ सिखा दियs"दुख होअय वा कि सुख, सदा उत्सव मनेनाई, अहाँ सिखा दियs..दोसर के पीड़ा पर सभ किछु लुटेनाई,...
गोपाल मोहन मिश्रक एकटा कविता ” हे माँ सरस्वती ! “
गोपाल मोहन मिश्रक एकटा कविता " हे माँ सरस्वती ! "वर दियs वीणावादिनी वर दियs जीवनक हर पल के स्वर दियsहे हँसवाहिनी ज्ञानक सत्संग...
गोपाल मोहन मिश्र केर एकटा कथा :: ओहि महिलाक शुभ कदम
गोपाल मोहन मिश्र केर एकटा कथा :: ओहि महिलाक शुभ कदमरमेश ऑफिस सँ घर जाईत काल फल आ तरकारी लs कs रोज जाईत छलाह।...
गोपाल मोहन मिश्रक एक कविता ” कठपुतलीक शहर “
गोपाल मोहन मिश्रक एक कविता " कठपुतलीक शहर "
एहि शहर में सभ किछु सही होईत छैई कठपुतलीक शहर छै Iकठपुतलीक शहर मेंसभ काज सही...