जमशेदपुर, दिसम्बर २७, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
नवम्बर मासक दोसर अर्ध मे रैपिड एक्सन फोर्स केर १०६ बटालियन मे कार्यरत सेकन्ड-इन कमान्ड अधिकारी अश्विनी कुमार झा व समस्त परिजन लेल एकटा मूल्यवान् खुशखबड़ी अनलक। पत्र द्वारा अधिकारी झा केँ राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित सम्मान ‘लर्ड बेडेन पावेल राष्ट्रीय सम्मान २०१६’ देबाक जानकारी कराओल गेल।
अश्विनी, आरएएफ केर सुन्दरनगर कैम्प (जमशेदपुर) मे कार्यरत छथि। हिनका द्वारा मानवता प्रति कैल गेल अमूल्य योगदान केर कद्र स्वरूप उपरोक्त लर्ड बेडेन पावेल राष्ट्रीय अवार्ड २०१६ देबाक निर्णय कैल गेल समाचार लगभग देश भरिक सब प्रमुख मिडिया मे आबि चुकल विदिते अछि। द स्काउट एण्ड गाइड अर्गनाइजेशन द्वारा ई निर्णय लैत श्री झा केँ राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जीक हाथ सँ २२ फरबरी वर्ल्ड स्काउट डे केर शुभ उपलक्ष्य पर ई अवार्ड देबाक सूचना देल गेल अछि।
ई सम्मान २००७ ई. सँ मानव समाज मे सौहार्द्र प्रवर्धनक मूल निमित्त देल जाएछ। एहेन व्यक्तित्व जिनक योगदान अति साधारण मानव केर जीवन स्तर मे उल्लेख्य विकास करैत उच्चस्तर धरि पहुँचाबैत प्रगतिशील समाज केर निर्माण करैत अछि तिनका वास्ते ई सम्मान राष्ट्रस्तर पर प्रसिद्धि पेने अछि। हर वर्ष अलग-अलग क्षेत्र सँ सम्मानित व्यक्तित्वक चुनाव कैल जाएछ। अधिकारी अश्विनी झा अन्य १४ सम्मानित व्यक्तित्व संग ई सम्मान राष्ट्रपतिक हाथ सँ ग्रहण करता।
श्री झा दरभंगा जिलाक बेनीपुर प्रखंड अन्तर्गत सझुआर गामक सपुत छथि, आर एहि तरहें हिनक सम्मान समूचा मिथिला केँ प्रतिष्ठा दियेबा समान अछि। अश्विनी जी एहि सम्मान प्राप्तिक खबड़ि सँ काफी प्रसन्न छथि आर अपन योगदानक कद्र राष्ट्र स्तरपर होइत देखि आत्मसंतोष सेहो भेटल कहैत छथि।
मैथिली जिन्दाबाद द्वारा श्री अश्विनी कुमार झा केर संछेप जीवन गाथा प्राप्ति हेतु हुनक धर्मपत्नी श्रीमती रितु झा सँ सम्पर्क करैत किछु प्रेरणास्पद समाद अनबा मे सफल भेल अछि। कहैत चली जे श्रीमती झा सेहो एक प्रेरक व्यक्तित्व छथि आर ई कहबा मे कोनो अतिश्योक्ति नहि होयत जे हरेक सफल पुरुष केर सफलताक रहस्य मे नारी शक्तिक योगदान रहैत छैक, किछु तहिना अश्विनी जी केर जीवनसंगिनीक रूप मे रितु झा केँ देखल जाएछ।
अश्विनी कुमार झा केर जन्म ९ नवंबर, १९७७ मे भेलनि। प्रारंभिक शिक्षा सेंट थामस उच्च विद्यालय सँ प्राप्त केलाह। मेरिट स्कालरशीप परीक्षा पास करैत भारत सरकारक शिक्षा मंत्रालय सँ छात्रवृत्ति प्राप्त करैत मैट्रीक आर के मिशन पुरुलिया सँ पास केलनि। डीपीएस सँ १२वीं आर कलकत्ता विश्वविद्यालय सँ १९९९ मे स्नातक उतीर्ण केलाह।
जाबत धरि ओ छत्तीसगढ मे रहला, हम अपन पतिक संग रहलहुँ। बहुते बेर एहेन होएत छल जे ओ ७-७ दिन धरि निरंतर अपन विशेष अपरेशन्स पर रहैत छलाह। कहियो-कहियो हड़बड़ा जाइत छलाह। मुदा हम हुनका सब दिन सांत्वना दैत कहियैन जे अन्हारक बादे उजाला देखैत छैक लोक। आर, हमर पतिक एकटा फेवरिट कोटेशन छल, ‘सत्य परेशान भऽ सकैछ, हारि नहि सकैछ’, ई हुनका मोन पारैत रहलहुँ। कनेकबो अपसेट भेला पर हम हुनका यैह याद पारैत रहियैन। यदा-कदा अफिसियल कार्य सँ तनाव आर विभिन्न अपरेशन्स मे व्यस्तता सँ मोन अकच्छ होयब हिनकर जौब केर नेचर मे पड़ैत छल, लेकिन एकटा सहयोगी अर्धांगिनीक भूमिका एहि समय बड महत्वपूर्ण होएत अछि – रितु झा अपन योगदानक चर्चा करैत कहैत छथि। निश्चित तौर पर यैह योगदान हरेक पुरुष केँ सफलता हासिल करय मे सहयोग करैत छैक।
रितु आगू कहैत छथि जे एक-दोसर सँ शेयर आ केयर करैत जीवनक एहि मोड़ धरि पहुँचलहुँ हम सब। अपन पतिक प्रेरणास्पद व्यक्तित्व विवेकानंद आर पतिक मुंह सँ सुनल विवेकानंदक उक्ति सब अपन बेटी केँ सिखबैत रहलहुँ।
पतिक सम्मानित होयबाक समाचार कोन तरहक भाव देलक – ई पूछला पर रितु कहैत छथि जे अपन पति केँ एहेन पैघ राष्ट्रीय सम्मान भेटबाक समाचार हमरा बहुत एक्साइटमेन्ट देलक। हम अपन सब नजदीकी – सम्बन्धी सब केँ ई सूचना देलहुँ। कनिये दिन मे जखन ई समाचार मिडिया द्वारा ब्रेक कैल गेल, चारू तरफ सँ फोन आर बधाई पेबाक धरोहिया लागि गेल छल। तेकर बाद एहि सम्मानक असली ऊँचाई हम आरो बेसी अनुभूति करय लगलहुँ। आब तऽ हम, हमरा लोकनिक मित्र आ परिजन सब कियो बस ओहि विशेष दिन २२ फरबरीक इन्तजार कय रहल छी जहिया राष्ट्रपतिक हाथ सँ सम्मान हुनका भेटतनि।
परिवार मे आरो लोक सब केँ केहन लागि रहलनि अछि पूछला पर रितु कहलैन जे बाबुजी (ससूर) आ माँ (सासु) सब कियो बहुत प्रसन्न छथि। बाबुजी तऽ कहलैन जे जीवन सार्थक भऽ गेल। अपन सब सँ छोट बेटाक एहि राष्ट्रीय स्तरक उपलब्धि कोनो सपनाक सच होयबा समान भेल अछि। गाछकेँ पटेबा समान पोसने रही से फलो तहिना भेटल, जियह बेटा, अहाँ तऽ कमाल कय देलियैक।
रितु मैथिली जिन्दाबादक संपादक प्रवीण नारायण चौधरी केँ जानकारी दैत कहली, “हम 7th heaven (स्वर्ग) मे छी सर… एहि शुभ समाचार सँ हृदय सँ प्रसन्न छी आर तैँ अहुँ संग ई सब जानकारी शेयर करय मे सेहो ओतबे परमानन्दक अनुभूति कय रहल छी।”
दिल्ली जयबाक योजना पर रितु कहलैन जे २१ फरबरी हम सब दिल्ली पहुँचब जतय एकटा मैथिली-मिथिला प्रतिष्ठित संस्था द्वारा सेहो सम्मान केर कार्यक्रम राखल गेल छनि अश्विनी जी लेल। सिविल सर्विसेज आफिसर्स क्लब मे २३ फरबरी केँ सेहो सम्मान कार्यक्रम राखल गेल अछि। दिल्ली लेल हम सब टिकट बुक करा चुकल छी। बेटी सेहो संगे रहत। ओहि दिन आरो बहुत रास महत्वपूर्ण व्यक्तित्व जाहि मे सौरव गांगुली, युवराज सिंह, जावेद अख्तर, अल्का याज्ञ्निक, आयुष्मान् खुराना, सौगन्धा मिश्रा, जगदीश चन्द्रा आदि केँ सेहो हमर पतिदेवक संगे सम्मानित कैल जायत। ई एकटा बड पैघ दिन होयत हमरा सब लेल।
हरेक सम्मानित पतिक पत्नी मे एतबे जोश आ उत्साह हेबाक चाही जतेक रितु मे देखल गेल। ओ एकदम उत्साह सँ भरल छथि, आर ई स्वाभाविको छैक। कहैत छथि, “बेटी लेल नवका ड्रेस सिया लेलहुँ…. हमर पतिदेव सेहो ओहि दिन वास्ते एकटा नव परिधानक तैयारी करा लेलनि अछि। ई सम्मान हमरा सबहक जीवन केँ नव दिशा प्रदान करयवला होयत। आब हम सब आरो पैघ कार्य करबाक जिम्मेवारी बोध कय रहल छी। हुनकर नीक योगदान सदैव निरंतरता मे रहत। मानवताक सेवा एकमात्र लक्ष्य सब दिन रहल आ सब दिन रहत। मानव सेवा देश सेवा – यैह हमर पतिक नारा थीक। सब कियो प्रार्थना करू जे अहिना सब दिन हम सब सझुआर, बेनीपुर, दरभंगा, मिथिलांचल, बिहार आर निसंदेह देशक नाम रौशन करैत रही।”
एहि पूरा समाद केँ पढलाक बाद सम्मानित सब पाठक सेहो अनुभव करता, संपादक प्रवीण नारायण चौधरी विश्वास व्यक्त केलनि अछि।