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२०१५ मे मिथिला राज्य केर मुद्दाक संक्रमण दौर आ २०२० मे निर्णीत युद्ध: मिथिलावादी नेता राजेश्वर

साक्षात्कार

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नेता राजेश्वर तात्कालिक भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष (वर्तमान भारतीय गृह मंत्री) राजनाथ सिंह सँ भेंट कय ‘मिथिला राज्य’ केर माँग प्रति समर्थन लेल अनुरोध पत्र हस्तान्तरित करैत।

मिथिलावादी नेता राजेश्वर – मिथिला राज्य निर्माण सेनाक संस्थापक सदस्य आ अध्यक्षीय पीठ केर सदस्य समेत रहल शिक्षाविद् राजेश झा उर्फ नेता राजेश्वर संग मैथिली जिन्दाबाद केर संपादक प्रवीण नारायण चौधरी संग भेल साक्षात्कार प्रस्तुत कैल जा रहल अछि।

विदित हो जे नेता राजेश्वर दिल्ली एनसीआर मे रहैत निजी शिक्षण संस्थान केर प्रधानाध्यापक रहितो अपन माटि-पानि ओ संस्कृति ‘मिथिला’ प्रति सदिखन समर्पित रहि कार्य करैत रहला। हिनक निजी समर्पण केर परिणाम एहेन भेल जे ई प्रवासक जीवन सँ संन्यास लैत पुन: अपन मूल भूगोल मिथिला मे निवास करैत ओतबे आलीशान आ शानो-शौकत केर जीवन जियबाक सपना संग देशक राजधानी आ ओतुका मेट्रो लाइफ केँ परित्याग कय मिथिलाक सांस्कृतिक राजधानी दरिभंगा मे आबि एतहि अपन निजी संस्थान केर स्थापना कय रहय लगलाह। आइ हिनका द्वारा स्थापित संस्थान ‘दि इम्पल्स कोटा’ द्वारा मेडिकल तथा ईन्जिनियरिंग केर तैयारी करेबाक संग-संग अन्य प्रतियोगी परीक्षा लेल विद्यार्थी केँ तैयारी करबैत अछि।

नेता राजेश्वर अपन सक्रिय नेतृत्वक समय मे काफी रास महत्त्वपूर्ण कार्य मिथिला आन्दोलन लेल केलनि जाहि मे कवि एकान्तक चारि-दिवसीय अनशन केर सफलता, युवा मैथिल केर संगठन मिथिला राज्य निर्माण सेना केर स्थापना, दिल्ली एनसीआर केर विभिन्न क्षेत्र मे संगठन निर्माणक कार्य, भारतीय राजनीति केर दिग्गज सब सँ भेंटघांट करैत मिथिला राज्यक आवश्यकता पर प्रकाश देबाक संग-संग क्षेत्रीय विकास हेतु विभिन्न माँगपत्र सहितक ज्ञापन सौंपनाय आ मिथिला राज्य निर्माण यात्रा ‘तृतीय’ मे मिथिलाक्षेत्रक भ्रमण आ आम जनमानस संग सहकार्य आदि केलनि। तदोपरान्त दिल्ली मे संगोष्ठी आ वृहत् स्तर पर मिथिला राज्य लेल राजनैतिक माहौल बनेबाक लेल विभिन्न कैम्पेनिंग चलबैत मिथिलाक कोनो व्यक्ति संग भेल अन्याय विरुद्ध न्याय केर संघर्ष मे सेहो आगू रहला। हाल दरिभंगा मे सक्रियता सँ मिथिला राज्य निर्माण हेतु जनजागरण अभियान सहित भविष्य मे आन्दोलन केर दिशा-दशा निर्धारण करबाक लेल रणनीति निर्माण केर महत्वपूर्ण कार्य कय रहला अछि। आउ, नेता राजेश्वर संग भेल भेंट-वार्ता पर ध्यानकेन्द्रित करी।

rajeshwar13हम: नेता राजेश्वर – जय मिथिला!! आशा करैत छी जे आब अहाँ स्थिर छी। कारण उद्वेलनक बेर आब समाप्त कय महत्वपूर्ण डेग सब लैत आगाँ बढि चुकल छी, तही लेल फेसबुक पर सक्रिय आ रिलैक्स्ड देखा रहल छी। मैथिली जिन्दाबाद जे बीच मे शुरु केलहुँ ओ आन्दोलन केँ एकटा नव गति देबाक प्रयास थीक। एहि पर मैथिली आ मिथिला गतिविधि केँ प्रखरता सँ उजागर करैत लोक मे एकटा नव आकर्षण उत्पन्न करबाक लक्ष्य सेहो अछि। अहाँ जे डेग उठेलहुँ ताहि पर कवरेज बनेबाक अछि। कनेक फुरसत सँ निम्न विन्दु पर विचार देल जाउ। केहन लागि रहल अछि मेट्रोपोलिटन सँ मिथिला वापसी आ रोजगार स्थापित करबाक सफलता पर? इम्पल्स कोटाक समाचार राष्ट्रीय दैनिक मे पढलहुँ, सफलताक सीढी पहिले वर्ष मे अहाँक बेजोड़ लगन केँ सामने अनैत अछि। आगाँ कि सब योजनाक संग संस्थान चला रहल छी?

rajeshwar15नेता राजेश्वर: जय मिथिला सिरिमान जी। एत्ते पैघ चर्चा मे कत्ते कहू। सबहक सहयोग सऽ संघर्ष जारी अछि। आगु किछ और पर्सपेक्टिव पर काज कय रहल छी। जेना दरिभंगा में 5th स 10th तक केर स्कूल अगिला सेशन सँ जे trilingual बेसिस पर चलत। इंग्लिश, संस्कृत और मैथिली भाषा सँ। ई अंडरस्टुड अछि जे खूब मोन लागि रहल अछि। अप्पन लोक केर बीच काज करब दैवीय कृपा होइत अछि। जेहने जीवन मेट्रो मे जीवय छल रही तेहने एतहियो जीब रहल छी। सादा आ सहज।

हम: अहाँक कथन छल जे भूखल पेट आन्दोलन आ मड़ौसी सँ प्रेमक नौटंकी मिथिला लेल नहि चाही…. तखन आब नवतुरिया मे जोशक केहन माहौल देखि रहल छी? ईमानदार आ बेवाक टिप्पणी अपन सिद्ध प्रकृति अनुरूप देल जाउ।

rajeshwar11नेता राजेश्वर: हम त एखन अपने आप के नवतुरिया बुझैत छी। तहन हमरा स छोट सब त अधखीचू हेबाक चाही। तैं काज सेहो तेहने। उद्देश्य ठीक मुदा उताहुल बेसी भेने परिणाम अनुकूल नै होइत अछि। आइयो ओइ बात पर अडिग छी जे आंदोलन मे ओ आबथि जे और सब पारिवारिक जिम्मेदारी केर निबाहवाक सामर्थ्य हासिल कय लेने छथि। नहि त कवि जी केर ऊर्जा कम नै छलन्हि।

हम: आब मिथिलाक खास धरा पर भाषा आ पहिचान प्रति लोक मे जागरुकताक बात अहीं सच-सच बता सकैत छी। विभिन्न वर्ग मे अपन भाषिक पहिचान, राजनैतिक अधिकार आ वर्तमान राज्य सँ विकासक अपेक्षा आदि पर केहन भावना देखैत छी?

rajeshwar17नेता राजेश्वर: लोक निरंतर पिछड़ापण सँ निराशावादी सेहो भऽ रहला है। सरकारी उपेक्षा सँ क्रांति केर बदले शिथिलता आबि गेल अछि। तैं पहिने लोक केँ आंचलिक अस्मिताक बारे मे ट्रेंड करय पड़त। विभिन्न तरहक गतिविधि केर द्वारा। सशक्त लोक आ संस्था केर द्वारा। जेहेन काज कय रहल अछि मैथिली साहित्य महासभा दिल्ली। आब ओना जातिवादी दंश कम भ रहल अछि। विभिन्न दल जे फेर अहि भावना केँ भड़का रहल छथि ओ नुक्सान में रहता। People are dying for development and happiness.

हम: अन्त मे, मैथिली जिन्दाबाद पढबाक अवसर भेटैत अछि कि? कि कहय चाहब पाठक सब केँ अपन विशेष संदेश मे? अच्छा हाँ… एकटा बात आरो…. आगामी चुनाव मे मिथिलावादी दल सब सेहो चुनाव लड़त। जमीन पर एहि बातक कतहु कोनो तरहक चर्चो सुनि पेलहुँ एखन धरि? केहेन रहत ई चुनाव लड़ब हिनका लोकनिक?

rajeshwar18नेता राजेश्वर: मौका भेटैत अछि। ताइक क पढ़ैत छी। ज एकर प्रिंट रूप में मैगज़ीन जेहेन अंक निकाइल सकी तऽ ओ निश्चित रूप सँ मैथिल अस्मिताक विकास मे सहायक हेतैक। एकर माध्यम सँ परदेश मे रहैत भाई सब सँ आग्रह करब जे अपन अर्जित अनुभव केँ मिथिला केर धरती पर उतारू। ई सबके लेल नीक रहत। लोक रहने लोकमत बनैत अछि। मिथिला लोक सँ मजबूत छल, लोक पलायित भेला, मिथिला कमजोर भेल। फेर लोक घुरि घर आओता त मिथिला मजबूत हैत। अहि बेर के चुनाव संक्रमण के एक दौर पूरा करत। एकर बाद के पांच साल में मिथिलावाद लोक तक पहुँचैक तहन चुनावी लड़ाई प्रभावकारी होयत।

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