अहमदाबाद, १२ जनवरी २०२४ । मैथिली जिन्दाबाद!!
वार्षिक महोत्सव मे भवन उद्घाटन संग विद्यापतिक मूर्त्ति अनावरण आ स्मारिका विमोचनक कार्यक्रम करबाक योजना
महोत्सव मे साहित्यिक विमर्श, कवि सम्मेलन, कतेक जिबैए मैथिली तथा सांस्कृतिक सन्ध्याक संग स्वरुचि भोज केर समावेश
भारतक पश्चिमी राज्य गुजरातक राजधानी अहमदाबाद – गान्धीनगरक डाभोरा गाम मे बनि रहल शाश्वत मिथिला भवन निर्माण कार्य पूर्णता पेबाक कगार पर अछि । संस्थाध्यक्ष एवं चर्चित समाजसेवी संतोष मिश्र एहि सन्दर्भक जानकारी देलनि अछि । ओ कहलनि जे माता जानकीक असीम अनुकम्पा संग स्वतःस्फूर्त भावना सँ समर्पण देखेनिहार मैथिल सपूत सभक भागीरथी प्रयास सँ भवन निर्माण कार्य आब लगभग पूरा होयवला अछि । ९ मार्च २०२५ रवि दिन एहि भवनक लोकार्पण कार्यक्रम होयत । नव वर्ष २०२५ मे ई एकटा नव इतिहास बनायत आ एहि सँ नव उत्साह केर संचरण सम्पूर्ण मिथिलावासी लेल होयत ।
स्मारिका प्रकाशन होयत – लेख रचना पठेबाक आह्वान
अध्यक्ष श्री मिश्र कहलनि अछि जे एहि वर्ष शाश्वत मिथिला द्वारा स्मारिकाक प्रकाशन सेहो कयल जायत । श्री राजकिशोर झा, श्रीमती वन्दना झा एवं श्री राम कुमार मिश्रक नाम सम्पादन मंडल मे समावेश कयल गेलनि अछि ।
‘शाश्वत दिशा-दृष्टि’ विषय पर स्मारिका प्रकाशनक योजना सेहो बनायल जेबाक जानकारी अध्यक्ष मिश्र देलनि अछि । एहि विषय-सन्दर्भित लेख-रचना, कविता, लघुकथा, हास्य-प्रहसन संस्थाक ईमेल [email protected] पर पठेबाक अनुरोध कयल गेल अछि । लेख-रचनाक शब्द सीमा अधिकतम १००० आ से पठेबाक अन्तिम तारीख २१ जनवरी २०२५ तय कयल गेल अछि ।
विगत के गौरवपूर्ण इतिहास
‘शाश्वत मिथिला’ – अहमदाबाद मे विगत कतेको वर्ष सँ उत्कृष्ट स्तरक सेमिनार – परिचर्चा गोष्ठी, साहित्यिक विमर्श, नया पीढ़ी आ बाल-बालिका सभक संग प्रवास क्षेत्र मे बसि रहल मैथिल समुदाय केँ अपन भाषा-संस्कृति आ सभ्यता सँ जुड़ाव उत्पन्न करबाक लेल ‘कतेक जिबैए मैथिली’ नामक क्विज प्रतियोगिता सहितक वृहत् सांस्कृतिक कार्यक्रम सभक आयोजन करैत आबि रहल अछि ।
गुजरात आ मैथिल समुदाय केर गठबन्धन गरिमा
विदित हो जे गुजरातक विकास मे मैथिल समुदायक बहुत पैघ भागीदारी छैक । एहि सत्य केँ चित्रित करय मे शाश्वत मिथिलाक बड पैघ योगदान भ’ रहल छैक । गुजरात मे मैथिल समाजक लोक केवल मजदूरी लेल नहि अपितु उच्च प्रशासनिक पदाधिकारी सँ लैत फार्मास्युटिकल्स, टेक्सटाइल्स, जेवेलरिज, सर्विस सेक्टर्स, बिल्डर्स, कन्ट्रैक्टर्स आ आईटी सेक्टर सहित विभिन्न स्तर पर उद्यम-उद्योग मे सेहो पैघ स्टेक्स (सरोकार) स्थापित कय चुकल अछि ।
गुजरातक लगभग सब क्षेत्र मे मैथिलक भागीदारी उच्चकोटिक रहितो अपन पहिचान केँ जनबयवला कोनो उल्लेख्य ठोस कृतिक अभाव केँ दूर करबाक लेल शाश्वत मिथिला कृत्संकल्पित छल । एहि तरहें शाश्वत मिथिला बहुउद्देश्यीय बहुमंजिला भवन संग प्रशस्त सुविधायुक्त परिसर गुजरातक नाक (राजधानी) मे स्थापित करब सच मे समस्त मैथिल पहिचान लेल गौरवक बात थिक ।
शाश्वत मिथिला केर वैश्विक प्रतिष्ठा
शाश्वत मिथिलाक किछेक वर्षक स्तरीय आयोजन पर ‘पश्चिम सँ मैथिली-मिथिला विकासक नया सुर्योदय’ रूप मे सेहो वर्णन कयल जाइछ । निरन्तर देश-विदेशक स्तरीय चिन्तक-विचारक सब केँ समेटिकय उपरोक्त उच्च लक्ष्य सन्धान कयल जा सकल अछि ।
उद्यमिता आ उद्योगक विकास संगहि देश भरिक अनेकों विज्ञ-विशेषज्ञ सभक व्याख्यानक आयोजन, मिथिला गृह उद्योग व अन्य हस्तकला, चित्रकला, पुस्तक प्रदर्शनी आदिक आयोजनक इतिहास बना चुकल अछि जे सम्पूर्ण विश्व में मैथिल सब चर्चा करैत छथि ।
एहि वर्ष के आर वृहत योजना
शाश्वत मिथिला द्वारा एहि वर्ष ९ मार्च २०२५ केँ मुख्यरूप सँ शाश्वत मिथिला भवनक लोकार्पण, एहि भवन परिसर मे निर्मित महाकवि विद्यापतिक मूर्त्तिक अनावरण आ शाश्वत दिशा-दृष्टि स्मारिकाक विमोचन कयल जायत ।
एहि वर्ष साहित्यिक सत्र मे विद्वत् सम्मेलनक योजना सेहो समावेश कयल गेल अछि । एहि सम्मेलन लेल कतेको नव उदीयमान दृष्टिसम्पन्न व्यक्तित्व सब केँ आमंत्रित कयल गेल अछि ।
संस्था सँ आबद्ध सदस्य परिवार व स्थानीय मैथिल बाल कलाकार सँ लैत युवा कलाकार सभक प्रस्तुति समावेश कयल जेबाक जानकारी भेटल अछि ।
संगहि मैथिलीक चर्चित गायक-कलाकार सभक सहभागिता मे भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आ तदोपरान्त स्वरुचि भोज सँ एहि एक-दिवसीय आयोजनक समापन कयल जायत ।
भवन निर्माण आ लोकार्पण समारोह केर विशेष महत्त्व
विदित हो जे मात्र २ वर्षक दरम्यान मे अपन पहिचान आ सभ्यता प्रति गौरवबोध राखि मैथिलक मान-सम्मान केँ राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय जगत मे मजगूत बनेबाक आत्मबल सँ भरल गोटेक अगुआ सपूतक समर्पण आ ताहि मे सम्पूर्ण गुजरात प्रवासी मैथिल समाजक सहभागिता मे शाश्वत मिथिला भवन निर्माण कयल गेल अछि ।
संस्थाक अपन जमीन आ ताहि पर गर्व सँ सीना तानिकय ठाढ़ “४-महला शाश्वत मिथिला भवन” मे देवाधिदेवक अद्भुत भक्त आ मैथिल कविकोकिल विद्यापतिक मूर्ति सेहो राखल गेल अछि । सामुदायिक हितक सबटा काज आधुनिक सुख-सुविधा सँ युक्त भवन आ परिसर मे सहजता सँ हो – यैह मूल उद्देश्य राखल गेल अछि ।
आब मैथिल लोक केँ मुड़न, उपनयन, विवाह या आने कोनो उत्सव लेल अनावश्यक अपव्यय नहि करय पड़तनि – ओ अपनहि शाश्वत मिथिला भवनक उपयोग कय लाखक बदला हजार मे काज निकालि सकैत छथि । लगभग ५ करोड़ टकाक योजना सँ बनायल गेल ई भवन पर निश्चित नियमावली आ रखरखाव-संरक्षण पद्धति सँ सब केँ प्रयोगक अधिकार भेटनाय बहुते रास समस्याक एक झटका मे समाधान देत से तय अछि ।
एकता मे बल होइछ । एकर सुखद प्रमाण शाश्वत मिथिला प्रस्तुत करैत अछि । ई देश-विदेश सब तरि प्रवास मे रहल मैथिल सभक संगहि मूल गाम-ठाम मे रहि रहल मैथिल लेल एकटा प्रेरणास्पद सन्देश दैछ । आशा-अपेक्षा करी जे एहि वर्षक आयोजन सेहो ओतबे उत्कृष्ट आ सफल होयत । सधन्यवाद !!
संस्था सदस्य केर बैसार आ निर्णय
आइ १२ जनवरी रवि दिन उपरोक्त आयोजन लेल समुचित बैसार कायल गेल । एहि मे शिवशंकर झाजीक संयोजन संगहि पूर्व अध्यक्ष ललितकुमार झाजी व नीरज कुमारजी, पदाधिकारी लोकनि प्रवीणजी, अमरेश जी, कन्हैया पाठकजी, हर्षित पाठकजी, जयप्रकाश मिश्राजी, प्रमोदजी सहित अनेकों समाजसेवी एहि कार्यक्रमकें सफल बनएबा हेतु प्रतिबद्धता जतओलनि अछि । एहि वर्ष कतेक जिबैए मैथिली नहि रखबाक निर्णय लेल गेल अछि । मैथिली जिन्दाबाद संग बातचीत में ई सब जानकारी कार्यक्रम परिकल्पक संग स्मारिका सम्पादक मंडल सदस्य राजकिशोर झा देलनि ।