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मिथिला सौन्दर्य प्रतियोगिता २०८१ जनकपुरः आयोजक पीआरजेड केर डायरेक्टर मे अनुज मिश्र

हेलो अनुज (Anuʑ Mishɾa)!

ई सूचना हमरा सभक वास्ते बहुत आह्लादकारी अछि जे पीआरजेड ग्रुप अहाँ सन होनहार युवा केँ डायरेक्टर जेहेन जिम्मेदार पद सौंपलक अछि।

“मिथिला सौन्दर्य प्रतियोगिता २०८१” जनकपुर केर आयोजन मे पाश्चात्य सभ्यता जेहेन छोट-छोट कपड़ा पहिरि सुन्दरता देखेबाक बदला अपन मिथिलाक विशिष्ट सुन्दरता केँ झलकेबाक एकटा पैघ संकल्प संग अहाँ सब काज कय रहल छी। ई बात आजुक भौतिकतावादी आ नग्नता थ्रू सुन्दरता देखेबाक कलियुग मे बहुतो लोक केँ अटपटा-गजपटा लागि रहल छैक, लेकिन अहाँ सभक टीम सेहो एकटा अलग स्पिरिट संग काज कय रहल अछि। एहेन स्थिति मे अहाँक भेटल जिम्मेदारी प्रति अहाँ पूर्ण जिम्मेदार भ’ कर्तव्य निर्वाह करब से पूर्ण विश्वास अछि। हमर आशीर्वाद अछि।

एखनहि ट्विटर पर अभय पाठकजी अहाँ लोकनिक प्रयास केँ प्रोमोट करबाक आह्वान स्वीकार करैत कहलनि जे प्रोमोट त कय दैत छियनि मुदा एहि तरहक आयोजन मैथिलीक स्वास्थ्य लेल खतरनाक होयत यदि सुच्चा मैथिली-संस्कृतिक अनुरूप एकर आयोजन नहि होयत। से डायरेक्टर साहब आ साहिबा लोकनि सँ हमर अनुरोध जे ध्यान राखय जायब। हर चुनौतीक सामना करबाक अछि, सीताक भाइ-बहिन सब सीतापथ सँ कनिकबो विचलित नहि होयब किन्नहुं।

आर हँ! अपन मिथिला मे टंगघिच्चा सब बहुतो तरहक हतोत्साहित करयवला टिप्पणी सब दैत रहत, ओकरा सब केँ देखिकय खाली ‘हिहिहि’ कय सोझाँवला ८ गोट दाँत देखा आगू बढैत रहबाक अछि। रातिये रिपोर्ट भेटल जे दिल्ली मे किछु मनमुखी सर्जक सब राष्ट्रिय पुरस्कार सँ पुरस्कृत मैथिली सिनेमा ‘समानान्तर’ पर अपन हतोत्साही विश्लेषण करैत एक मेहनती आ सूझबूझ सँ भरल उच्चकोटिक फिल्म निर्देशक Niraj Kumar Mishra जी केँ कतहु न कतहु ईमानदारी सँ प्रोत्साहित नहि कय सकलाह। खैर! एहि तरहक कौचर्य होइते रहत। गौतम ऋषि केँ नहि छोड़य जाय गेलखिन, जिनकर खाइत रहथिन तिनको हतोत्साहिते कयने रहथिन अपन मिथिलाक कथित पन्डितगण सब। तेँ, अहाँ सब नीक सँ तैयारी करैत यथासाध्य उपलब्ध साधन सँ नीक काज करैत रहू। क्लैरिफिकेशन केकरो नहि देबाक छैक, बस जानकी-राघव केँ ध्यान मे राखि, ओ सब सीमितता आ उपलब्धता बुझैत छथिन तेँ हुनका टा सब बात कहियौन आ आगू काज करैत रहू।

पुनः शुभकामना!!

हरिः हरः!!

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