ललितपुर, १३ जनवरी २०२४ । मैथिली जिन्दाबाद!!
मैथिली भाषामे “अर्चनाकृत रामायण” केर विमोचन होयत
नेपालमे पहिल बेर मैथिली भाषामे रामायण पढ़बाक लेल भेटत आब। ‘वाल्मीकि रामायण’ आर ‘रामचरितमानस’ रामायणक आधार पर अर्चना झाद्वारा लिखल गेल रामायण थिक ई । ई मैथिली गद्यात्मक ‘अर्चनाकृत रामायण’ मे करीब ६४ हजार शब्द समाहित अछि। एहिमे हिन्दु धर्मक देवता विष्णुक अवतार मानल गेल रघुवंशक राजा श्री राम आ लक्ष्मी माताक अवतार मिथिला राजकुमारी सीताक गाथा लिखल गेल अछि। एहिमे आठ गोट अध्याय अछि जेकरा काण्ड कहल गेल अछि। नेपाली, हिन्दी, अङ्ग्रेजी, संस्कृत आदि भाषामे पढ़बा लेल उपलब्ध रामायण एक बेर आरो मिथिलाबासीक अति प्राचीन भाषा मैथिलीमे सरल सम्पूर्ण रामायण पढबाक लेल भेटत। रामायण मैथिली भाषामे लेखन कार्य पत्रकार एवं साहित्यकार अर्चना झाद्वारा कयल गेल अछि। ओ अपन मातृभाषा मैथिलीमे श्री सीतारामक राज्य चिन्तन, राजनीतिक चिन्तन, सामाजिक चिन्तन, पारिवारिक चिन्तन, मर्यादा पालन तथा सीता माताक गुण, लोकगीत, मिथिला चित्रकला सहितक आठ काण्डमे साभार लिखने छथि। पुस्तककेँ “अर्चनाकृत रामायण” केर नामाकरण कयल गेल अछि।
पत्रकार झा द्वारा साभारित “अर्चनाकृत रामायण” केर विमोचन पूर्व उप-प्रधानमन्त्री एवं गृहमन्त्री माननीय बिमनेन्द्र निधिद्वारा कयल जायत। एहि किताबक सम्पादन कार्य मैथिली साहित्यकार विनीत ठाकुर कयलनि अछि। तहिना एहि किताबक समीक्षा वरिष्ठ मैथिलीक वरिष्ठ साहित्यकार धर्मेन्द्र विह्वल जे वर्तमान समय राष्ट्रिय समाचार समिति नेपालक अध्यक्ष सेहो छथि, हुनके द्वारा कयल जेबाक जनतब लेखिका अर्चना झा करौलनि अछि। एहि फागुन २ गते बुध दिन सरस्वती पूजाक अवसर पर गोदावरी नगरपालिका वाड सं. १४ बाडेगाउँ स्थित मामाघर आश्रममे पुस्तक विमोचन कयल जायत। आश्रमका अध्यक्ष श्री बालयोगेश्वर विजय कृष्णमूर्ति जी महाराज ई जनतब देलनि। आदिकवि वाल्मिकी ऋषिद्वारा रचना कयल गेल ‘वाल्मिकी रामायण’ त्रेता युगमा कयल गेल कहल जाइछ। पवित्र धार्मिक ग्रन्थ रूपमे रहल रामायणक मुख्य पात्रसबमे दशरथ, जनक, राम, सीता, कैकेयी, गुरु बशिष्ठ, भरत, सत्रुधन, लक्ष्मण, हनुमान, रावण, बाली, सुग्रीव, जटायु आदि छथि।