यैह जमीनी काज होइत रहबाक चाही
मैथिली भाषा-साहित्यक उत्थान संग एकर लाभ जमीनी स्तर पर समाजक हर वर्ग केँ प्राप्त हो ताहि अभियानक नाम थिक “सगर राति दीप जरय”। परसू ३१ दिसम्बर २०२२ मधुबनी जिलाक रहुआ संग्राम मे एकर ११२म् आयोजन सम्पन्न भेल अछि। नियमानुसार हर आयोजन मे आगूक आयोजन लेल एक संयोजक आ स्थान तय कयल जाइछ, ऐगला आयोजन मार्च २०२३ मे श्री रामचन्द्र राय आ स्थान सहुरिया गाम (अन्धराठाढ़ी) मे आयोजित कयल जायत। सम्पन्न ११२म् आयोजन मे कुल ३२ कथाकार द्वारा विभिन्न शीर्षक ओ कथावस्तु आधारित कथाक वाचन कयल गेल। सब सँ महत्वपूर्ण बात जे एहि आयोजन मे मैथिली भाषा-साहित्यक व सम्बद्ध विषयक कुल १७ गोट पोथीक विमोचन सेहो कयल गेल। जाहि समय मैथिली भाषा पर अनेकों तरहक अत्याचार आ मिथ्यारोप आदिक अराजक माहौल बनायल जा रहल अछि, तेहेन अकलबेरा मे लेखन-प्रकाशनक ई तेजी सिद्ध करैत अछि जे विपत्ति मे हम सब बेसी मजबूत बनि जाइत छी। बहरिया-भितरिया द्रोही-दुश्मन हमरा सभक भाषा केँ जतबे कमजोर करय लेल हाथ-पैर चलबैत अछि, हम सब अपन सृजन-श्रृंगार सँ ओकर मुंह बन्द कय दैत छी।
*११२म् आयोजनक पूर्ण प्रतिवेदन मैथिली जिन्दाबाद पर पढ़ि सकैत छीः https://maithilijindabaad.com/?p=19699
कोनो भाषाभाषी समाजक उत्थान सर्वप्रथम अपन साहित्यक रसपान सँ मात्र सम्भव होइत छैक। एहि मामिला मे हम मैथिलीभाषी बहुत कमजोर भ’ गेल रही, किंवा छीहो… कारण शिक्षा मे सँ एकरा हंटेबाक कुचक्र बहुत हद तक सफल भ’ गेल अछि। लेकिन निजी स्तर पर उपरोक्त जमघट आ साहित्यिक चर्चा, पोथीक प्रकाशन व विमोचन यैह संकेत कय रहल अछि जे जमीनी अभियान सँ सेहो समाज केँ साहित्य-संस्कार सँ जोड़िकय राखल जा सकैत अछि। एहि समय मे संचारक्षेत्र मे ‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश’ दैनिक पत्रिकाक आगमन, मिथिला आवाज केर पाक्षिक पत्रक प्रकाशन, कतेको रास औनलाइन पत्रिका सभक संचालन – यैह सब हमरा लोकनिक भाषा लेल सब तरहक सहयोग जुड़ा रहल अछि। ई अनवरत चलैत रहय।
हरिः हरः!!