18 जनवरी 2021, मैथिली जिन्दाबाद!!
प्रवासी प्रवाह केर 33म श्रृंखला में मैथिली कवि सम्मेलन
गैर आवासीय नेपाली संघ केर भाषा, साहित्य, संस्कृति तथा सम्पदा प्रबन्धन समिति द्वारा ‘प्रवासी प्रवाह’ बहुचर्चित धारावाहिक कार्यक्रम केर 33म श्रृंखला में नेपालक दोसर सर्वाधिक बाजल जायवला राष्ट्रीय भाषा मैथिली पर केन्द्रित रहल। संघक संस्थापक अध्यक्ष डॉ उपेन्द्र महतो (रूस) केर गरिमामयी सान्निध्य संग आयोजन संघ केर संयोजक हिकमत बहादुर थापा (अफ्रीका) तथा भाषा-साहित्य समिति सहजकर्ता हरि पौडेल (नीदरलैंड) केर उपस्थिति में भगवती बस्नेत ‘बुनु’ द्वारा संचालित एहि वेबिनार सम्मेलन में मैथिली के वरिष्ठ साहित्यकार-कवि प्राज्ञ (नेपाल संगीत तथा नाट्य प्रज्ञा प्रतिष्ठान के लोकनाट्य प्रमुख) धीरेन्द्र प्रेमर्षि केर विशिष्ट अतिथि केर रूप में सहभागिता छल। तहिना मिथिला आर्ट सेन्टर (अमेरिका) प्रमुख कवि अमित प्रताप साह, कवि सुभाष बैठा (अमेरिका), कवि संतोष सिंह (अमेरिका), कवि विन्देश्वर ठाकुर (कतार), कवि राम अधिन सम्भव (कतार) एवं अभियानी कवि प्रवीण नारायण चौधरी केर सहभागिता अपन अपन काव्य रचनाक संग अभियान केंद्रित चर्चा कयलथि।
कार्यक्रमक शुरुआत डॉ महतो केर शुभकामना संदेश सँ भेल जाहि में हुनका द्वारा एहि तरहक आयोजन केँ महत्वपूर्ण कहैत मैथिली भाषा केँ समेटबाक लेल आयोजक केर प्रशंसा कयल गेल। संगहि एकरा निरन्तरता देबाक आग्रह सेहो ओ कयलनि। अपन सम्बोधन में भाषाक महत्व पर खुलिकय बजैत एक विलक्षण टिप्पणी दैत ओ बजलाह जे भाषा ओना त अपन मोनक अभिव्यक्ति थिकैक मुदा किछु लोक अन्दर एक आ बाहर दोसर बात बजैत अछि, बाजत नीक आ सोचत उल्टा। अपन मातृभाषा मैथिली केर पैघ महत्व कहैत आइ कुल 80 देश धरि मैथिली भाषी अपन मजबूत अस्तित्व निर्माण कयलनि कहैत डॉ महतो भाषा-साहित्य आ संस्कृति केर सेवा में लागल समस्त सृजनकर्ता आ स्वयंसेवी केँ बधाई संग शुभकामना सेहो देलखिन।
तहिना हरि पौडेल द्वारा सहभागी सृजनकर्ता केँ शुभकामना दैत मैथिली भाषा आ साहित्य प्रति अपन किछु जिज्ञासा केर सम्बन्ध में विज्ञ जानकार प्रेमर्षि जी सँ जवाब सेहो मंगलनि। मैथिली साहित्यक लिखित रूप 8म शताब्दी सँ प्राप्त होइत रहबाक बात कहैत ज्योतिरीश्वर ठाकुर, कविकोकिल विद्यापति संग नेपालक मल्लकाल केर अनेकों राजा सहित अन्यान्य सृजनकर्मी द्वारा निरन्तर मैथिली में विभिन्न साहित्यिक विधा में रचना कयल जेबाक जनतब ओ देलनि। मल्लकाल केँ मैथिली भाषा साहित्य लेल स्वर्णकाल कहैत तत्कालीन व्यवस्था में सब सँ सम्पन्न भाषा रहबाक आ मल्ल राजा के समय काठमांडू तक के राजकाज के भाषा मैथिली रहबाक विन्दु पर प्रकाश देलखिन्ह। विभिन्न विद्वान आ भाषाविद सभक मत केर आधार पर मैथिली के इतिहास पर ओजपूर्ण विचार साझा करैत अधुनातन व्यवस्था में शाह वंशक राज्य आरम्भवप्रान्त मैथिली केर खराब समय एबाक आ एखनहुँ धरि राज्य द्वारा यथोचित संरक्षण नहि कयल जेबाक यथास्थिति पर शिकायत सेहो जतेलनि।
मुख्य संयोजक हिकमत बहादुर थापा द्वारा एनआरएनए केर एहि आयोजन में सहभागिता देनिहार समस्त मैथिली स्रष्टा तथा मुख्य अतिथि व सहजकर्ता लोकनि केँ धन्यवाद ज्ञापन करैत आगामी समय मे नेपालक आरो आरो राष्ट्रीय भाषा सब केँ समेटिकय कार्यक्रम कयल जेबाक प्रतिबद्धता आ मैथिली साहित्य केर प्रकाशन में सेहो यथोचित सहयोग करबाक वचनबद्धता प्रकट कयलनि। मिथिला आर्ट सेन्टर अमेरिका द्वारा अप्रैल 2021 में मिथिला उत्सव में सेहो अमित प्रताप साह संयोजक संग सहकार्य व सहयोग लेल गछलनि। प्रस्तोता लोकनि सेहो काफी आह्लादित होइत एक सफलतम आयोजन लेल एसोसिएशन प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करैत सहकार्य केँ निरन्तरता देबाक अपेक्षा संग कार्यक्रम सँ विदाई लेलनि।
विदित हो जे ई कार्यक्रम एनआरएन साहित्य केर वेब पेज सहित नेपालक कुल 9 गोट ऑनलाइन पेज द्वारा लाइव प्रसारित कयल गेल छल। नेपाल संग भारत आ विश्व भरिक अनेकों देश मे रहनिहार मैथिली भाषी एकर भरपूर सराहना कय रहल छथि।