मिथिलावासी दहेज प्रथा छोड़ि स्वेच्छाचारिताक धर्म निर्वाह करैत बेटा‍-बेटीक विवाह मे आगू

जुड़य सँ पहिने अपन नेत आ ईमानदारी चेक करब जरूरी
 
शुभ समाचार ईहो अछि जे मिथिला समाज तेजी सँ दहेज मुक्त समाज बनि रहल अछि आर एहि अभियान केँ सेहो अधिकाधिक समर्थन समाज द्वारा देल जा रहल अछि। एकर ताजा उदाहरण थिक फेसबुक पर २०११ सँ संचालित ‘दहेज मुक्त मिथिला’ समूह। २०२० केर अन्त-अन्त मे अबैत एहि ठाम आब ४१ हजार सदस्य दहेज मुक्त मिथिला केर संकल्प लेल प्रतीत होइत छथि। हालांकि किछु लोक मात्र अपन काज सुतारबाक लेल सेहो एतय समय-समय पर देखाइत रहला अछि। संकल्प लेबाक ढोंग कय केँ वर्चुअल (आभासी) संसार मे कियो अपना केँ दहेज मुक्त होयबाक बात कहि सकैत अछि, मुदा जखन ओकर व्यवहार, बात आ विचार सब सोझाँ अबैत छैक तखन स्पष्ट भऽ जाइत छैक जे ओ दहेज केर मांग करय लेल वा मांग पूर्ति कय केँ अपन बेटीक विवाह करय लेल सिर्फ परिचय केर तलाश मे सदस्य बनल अछि। दहेज मुक्त मिथिला समूह पर एहि तरहक लोक केँ देखिते देरी ‘गलहस्तेन धोधरः’ कय देबाक नियम छैक। मात्र वैह व्यक्ति एतय सदस्य बनि सकैत अछि जे ‘मांगरूपी दहेज विरूद्ध संकल्प लेने हो’।
 
एहि समूह पर अहाँ सब सेहो सदस्य बनि सकैत छी, लेकिन ध्यान रहय जे जुड़बाक समय जे सब शर्त आ संकल्पक प्रारूप आबय तेकर जवाब जरूर दय देबैक। कृपया मोन मे बेईमानी हुअय त अहाँ सदस्यता नहि लेब, कारण बाद मे गलहस्तेन धोधरः होइ ताहि सँ नीक ओतय जेबे नहि करू।
 
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हरिः हरः!!