प्रदेश २ केर नामकरण आ राजधानी लेल डा. हरिवंश झा आयोग केर सिफारिश प्रतिवेदन जमा

३ मई २०१९. मैथिली जिन्दाबाद!!

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चिर प्रतिक्षीत ‘प्रदेशक नामकरण आ स्थायी राजधानी’ लेल सुझाव सहितक प्रतिवेदन नेपालक प्रदेश २ लेल काल्हि जनकपुर मे प्रदेशक मुख्यमंत्री केँ सौंपि देल गेलनि।

एहि सन्दर्भ मे मीडिया मे काफी समय सँ चर्चा रहल छल जे सिर्फ ४५ दिनक कार्यकाल लेल गठित डा. हरिवंश झा सहित अन्य २ गोट सदस्यक आयोग द्वारा प्रतिवेदन तैयारी अवस्था मे रहलाक बादो प्रदेशक मुख्यमंत्री स्वयं ओ ग्रहण करय मे समय लगा रहला अछि, ताहि बीच काल्हि आयोग प्रमुख डा. झा व अन्य सदस्य सहित मुख्यमंत्री मो. लालबाबू राउत केँ हुनक सहयोगी मंत्री, न्यायाधिवक्ता आदिक समक्ष ओ प्रतिवेदन काल्हि वृहस्पति दिन सौंपि देल गेलनि।

प्रतिवेदन हस्तान्तरण करैत आयोगक संयोजक डा. झा बतेलनि जे एकर तैयारी लेल आयोग द्वारा प्रदेशक सम्पूर्ण ८ गोट जिलाक मुख्यालय मे सार्वजनिक कार्यक्रमक आयोजन कय केँ सुझाव संकलन कयल गेल जाहि मे जनप्रतिनिधि, नागरिक समाज, पेशागत संघ–संगठन व सर्वसाधारण लोकक राय संकलन कयल गेल अछि।

कुल ६४ पृष्ठक प्रतिवेदन मे प्रदेशक नाम तथा राजधानी केर नाम लेल सिफारिश कयल गेल अछि जेकरा काल्हिक प्रेस वार्ता मे गोपनीय राखबाक बात कहल गेल। मुख्यमंत्री बजलाह जे कैबिनेट (मंत्रीमंडल) मे एहि पर चर्चाक बाद सदन मे सेहो चर्चा लेल प्रस्ताव राखिकय आब ई प्रक्रिया आगू बढाओल जायत। नेपाली मीडिया मे प्रकाशित समाचार द्वारा कथित स्रोतक अनुसार प्रदेशक नाम मधेश, मध्यमधेश, मिथिला या जानकी प्रदेश नाम राखल जेबाक सिफारिश कयल जेबाक बात कहल गेल अछि। राजधानी लेल जनकपुरधाम केर संग वीरगंज तथा सिम्रौनगढ केर नामक सुझाव एबाक बात कहल गेल अछि। एक अन्य पत्रिका द्वारा कयल गेल दाबी मे ईहो कहल गेल अछि जे बहुल्यजनक मनोकांक्षा मे मधेश प्रदेश नाम रखबाक मांग कयल गेल अछि, मधेश आन्दोलन व सैकड़ों लोकक शहादति केँ सम्मान देबाक लेल ई सुझाव एबाक दावी कयल गेल अछि। लेकिन मधेशवादी दल केर अलावा अन्य दल द्वारा ऐतिहासिक-सांस्कृतिक महत्व केँ देखाबय वला तथा भाषिक पहिचान केँ सेहो संबोधन करयवला नाम ‘मिथिला भोजपुरा प्रदेश’ लेल खुलेआम वकालत कयल जेबाक कारण प्रदेशक नामकरण मे विवाद आ द्वंद्व बनले कहल जा रहल अछि। एम्हर राजधानी लेल जनकपुरधाम केर नाम सब सँ आगू आ लगभग तय मानल जा रहल अछि।