काठमांडू मे संपन्न भेल रंजू यादव केर एकल मिथिला चित्रकला प्रदर्शनीः चेन्ज अफ कलर्स

काठमांडू मे सम्पन्न भेल रंजू यादव केर एकल मिथिला चित्रकला - कलर्स अफ चेन्ज केर थीम पर सामाजिक परिवर्तनक सिफारिश

विराटनगर, ६ अप्रैल, २०१९. मैथिली जिन्दाबाद!!

मिथिला चित्रकलाक चर्चित चित्रकार रंजू यादवक एकल प्रदर्शनी सम्पन्नः कलर्स अफ चेन्ज शीर्षक मे चित्रकर्म मार्फत समाज मे परिवर्तनक आह्वान

रंजू यादवक सात दिवसीय एकल मिथिला चित्रकला प्रदर्शनी काठमान्डू मे लागल। अपन समाज मे विद्यमान् विभिन्न कूरीति आ दोषपूर्ण व्यवहार केँ चित्र मार्फत देखबैत ओकर निदान लेल उपाय पर सेहो चित्रहि मार्फत चित्रकार अपन विचार रखैत आयोजित एहि चित्रकला प्रदर्शनीक चर्चा दहोंदिश कयल जा रहल अछि। नेपालक विभिन्न संचार माध्यम सँ लैत मैथिली-मिथिला आ नेपाली भाषा, कला आ राजनीति सहित अन्य-अन्य क्षेत्रक चर्चित कइएक गणमान्य व्यक्ति लोकनि रंजू यादव द्वारा प्रदर्शित चित्रकलाक प्रशंसा करैत देखा रहला अछि। एखन सोशल मीडिया मे रंजूक चित्रकला प्रदर्शनी ट्रेन्ड कय रहल अछि, जतय आरो कतेको कलाकार आ चित्रकार सब सेहो पहुँचलथि, ओतहि विद्वान् विमर्शी लोकनि सेहो पहुँचलाह। एहि प्रदर्शनी मे नेपालक एक सँ बढिकय एक स्टेट्समैन, पत्रकार, कलाकार, लेखक, विद्वान् एवं विभिन्न क्षेत्रक मुख्य हस्ती लोकनि रंजूक चित्रकारिता मे मिथिला चित्रकलाक विशिष्टता देखय पहुँचलाह। स्वयं रंजू यादव द्वारा फेसबुक मार्फत राखल गेल फोटो सँ हुनक प्रदर्शनीक विभिन्न अपडेट्स देल जाइत रहल छल। नेपालक लगभग सब प्रमुख राष्ट्रीय खबरपत्रिका मे सेहो हिनक चित्रकलाक खासियत पर विभिन्न लेख, रिपोर्ट आ टिप्पणी सब प्रकाशित कयल गेल अछि। पारम्परिक चित्र ऊकेरबाक संग-संग कैनवास पर रंजू यादव सामाजिक कूरीति पर प्रहार करैत अपन कला मार्फत विद्रोही रूप देखेलीह, इत्यादि अनेकों तरहक खबरि प्रकाशित भेल।
 
सदिखन सुन्दर मुस्कान सँ भरल मुखाकृतिक धनी रंजू यादव नेपालक सप्तरी जिलाक थलहा गाम (पटेरवा गाम विकास समिति – २) मे माता कौशल्या देवी एवं पिता पुलकित यादव केर सुपुत्रीक रूप मे २ अगस्त १९८६ ई. एहि धराधाम मे आयल छलीह। हाल कुपन्डोल (ललितपुर, काठमांडू) मे युवा संचारकर्मी पति अमरेन्द्र यादव संग रहैत छथि आर नेपालक अतिरिक्त आनो-आनो देश धरि मिथिला चित्रकलाक प्रदर्शनी मे सहभागी बनि अपन कलाकर्म संग राष्ट्रक छवि केँ आगू बढा रहली अछि। अपन कलाकारिताक सम्बन्ध मे हिनकर कथन अछि जे बाबी, माँ आ काकी सँ बहुत बच्चे उमेर सँ ई चित्रकर्म सिखलनि। बड छोट छलीह त देबाल आ अंगना सब मे चित्र बनाकय लोक सब केँ दंग कय दैत छलीह। तहिना विद्यालय मे होयवला चित्रकला प्रतियोगिता मे सेहो भाग लैत रहलीह आर कनिके दिन मे हिनकर नाम चित्रकारक रूप मे इलाका मे प्रसिद्ध भऽ गेल। चित्रकलाक संग-संग रंजू मेंहदी सेहो बड नीक सँ लगबैत छलीह। बाद मे गुरु अजित साह द्वारा विधिवत् प्रशिक्षित भऽ मिथिला चित्रकलाक महीन बात सब सेहो सीखलनि, जाहि लेल ओ अपन गुरु प्रति आभार प्रकट करब एखनहुँ नहि बिसरैत छथि। तहिना मिथिला चित्रकलाक क्षेत्र मे उल्लेख्य प्रसिद्धि प्राप्त कलाकार एससी सुमन द्वारा सेहो अपना केँ प्रेरित आ आगू बढेबाक बात प्रति ओ आभार प्रकट करैत देखाइत छथि। कहैत छथि जे लगभग ६ वर्ष सँ पूर्ण व्यवसायिक रूप सँ मिथिला चित्रकला क्षेत्र मे ओ लागिकय काज कय रहली अछि। ई हिनकर पहिल एकल कला प्रदर्शनी थिकन्हि जे नेपाल आर्ट काउन्सिल (काठमान्डू) केर गैलरी मे लागल अछि। ई पहिने ३० मार्च सँ ३ अप्रैल धरि लगेबाक नियार रहय, लेकिन प्रदर्शनीक आकर्षण आ विजिटर्स केर बढैत संख्या देखि एकरा आरो दुइ दिन अर्थात् ५ अप्रैल धरि लेल बढायल गेल।
 
युवा संचारकर्मी नरेश बर्बरिया यादव अपन फेसबुक स्टेटस मे चित्रकार रंंजूक पहिल एकल मिथिला चित्रकला प्रदर्शनी मे हिनक प्रदर्शित चित्र सभ एकदम प्रशंसनीय तथा मिथिला समाज घटि रहल घटना, विकृति, विसंगति, छुवाछूत, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा आदि पर प्रहार करैत चित्रकलाक प्रदर्शनी करबाक बात कहलनि अछि। एकर समापन पर उपस्थित मिथिला संस्कृतिविद् धीरेन्द्र प्रेमर्षि सेहो नेपाल आर्मीक कैप्टन अनिल यादव सहित अन्य महत्वपूर्ण लोकक नाम लैत स्टेटस लगबैत रंजूक चित्रकला प्रदर्शनी सफल आ सार्थक होयबाक संकेत देलनि अछि। एहि सँ पहिने पूरे ७ दिन धरि मे नेपालक उप-प्रधान एवं स्वास्थ्य मंत्री उपेन्द्र यादव, पूर्व प्रधानमंत्री डा. बाबूराम भट्टराई, विद्वान् राजनीतिक विश्लेषक डा. सी. के. लाल, अमेरिका मे रहनिहार एनआरएन रतन कुमार झा, मैथिली अभियानी बिभा झा, मानव अधिकार कर्मी मोहना अंसारी आदि अनेकों गणमान्य लोकनि आबि चित्रकला प्रदर्शनीक भरपूर सराहना करैत चित्रकार रंजू यादव केर मनोबल केँ बढौलनि। तहिना प्रदेश २ केर मुख्यमंत्री मो. लालबाबू राउत सेहो एहि प्रदर्शनी मे विशेष रूप सँ भाग लेलनि तथा आगामी समय मे एहि चित्रकला केँ आर जन-जन बीच लोकप्रिय बनेबाक लेल वचनबद्धता सेहो व्यक्त कयलनि। विदिते बात अछि जे मिथिला चित्रकला भले अपन मिथिला समाज मे व्यवहारिक तौर पर बड बेसी सघन रूप सँ प्रचलन मे नहि आयल हो, परन्तु देश-विदेश सब तैर एकरा पसीन करनिहारक कमी नहि। जापान मे त एकर संग्रहालय तक स्थापित कयल जा चुकल अछि। भारतक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपन विदेश यात्रा पर जाइत समय विदेशी राजनेता मित्र लेल मिथिला चित्रकलाक उपहार लऽ गेनाय नहि बिसरैत छथि। एक-एक चित्रकलाक मूल्य लाखों रुपया तक लगैत अछि। रोजगार लेल सेहो ई एक नीक विकल्प थिक। आब त टेक्सटाइल डिजाइन मे सेहो एकर प्रचलन एतेक बढि गेल अछि जे झोरा सँ लैत परिधान आ होम डेकोरेशन सब मे मिथिला चित्रकला झकझकाइत रहैत अछि। मैथिली जिन्दाबाद केर तरफ सँ रंजू यादव व समस्त चित्रकार केँ बहुत-बहुत शुभकामना!!