चैनपुर, सहरसा। २१ जनवरी २०१९. मैथिली जिन्दाबाद!!
चैनपुरक प्रसिद्ध नीलकंठ महादेव मन्दिर परिसर मे बीतल शनि दिन १९ जनवरी २०१९ केँ गुरु मधुकर महोत्सव केर रूप मे भोरुक रथयात्रा सँ लैत अबेर संध्या धरि कइएक सत्र मे साहित्यिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम सभक आयोजन कयल गेल।
महोत्सवक अध्यक्षता शम्भूनाथ झा सांवरिया केलनि। संचालन डाॅ0 कुमुदानन्द झा प्रियवर द्वारा कयल गेल। रामचैतन्य धीरज – बाबा मधुकर मैथिली साहित्यिक शब्दक शिल्पकार छलाह। कवि नीरज – लोक भाषा केँ लोककंठ मे पहुंचाबैय केर श्रेय विद्यापतिक बाद बाबा मधुकर केँ देलनि।
रामफूल मिस्त्री गुरु मधुकर केर महोत्सव केँ स्मृति मे अनैत कहलनि अछिः
अद्भुत मधुकर गाथा
हे गुरुवर मधुकर उत्प्रेरक अछि,
अपनेक अद्भुत गाथा।
हम अज्ञानी किछु पौने छी,
प्रेरित छी जनिकय अद्भुत गाथा।।१।।
हम व्यथित जन – संकुल केॅ॑,
अपनेक छोड़ल नश्वर काया।
मुदा सद्वाक्य विचरैत अति,
जे दय गेल अछि ओ काया।।२।।
हम मधुकर – प्रेरित पथ पर,
चलबाक करब हम चेष्टा।
‘भारतप्रेमी’ कृपावदान करु,
हे गुरुवर, नहि करब कुचेष्टा।।३।।
अपर विद्यापति मधुकर जयन्तीक अवसर पर आयोजित एहि महोत्सव मे कतिपय विद्वानक उद्बोधन सॅ॑ महोत्सव अविस्मरणीय बनि गेल।वरुणजी, कुमुदानन्दजी, पंकजजी, सत्येन्द्रजी आ राजूजीक अथक प्रयास फलीभूत भेल। उपर्युक्तसहित पारसजी, शैलीजी, मनोजजी आदिक सान्निध्य साहित्यिक ऊर्जा बढ़ौलक।