दरभंगा, १७ दिसम्बर, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!

विदित हो जे मैथिली केँ भारतक संविधान मे स्थान भेटलाक बाद सँ ई सम्मेलन हरेक वर्ष होएत आबि रहल अछि। अंतर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलनक मुख्य उद्देश्य मैथिलीभाषी मे अपन राजनीतिक अधिकार प्रति जनजागरण हो आर जाहि सँ मिथिला-मैथिलीक सम्पूर्ण स्तर पर सर्वांगीण विकाश कयल जा सकैक, मिथिलाराज्यक पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तरक सब संस्था एकजूट हो, आत्म चेतना जागय जाहि सँ मिथिला मैथिलीक अस्मिता ओ अस्तित्वबोध संरक्षित ओ सुरक्षित होइ, मिथिलाक सब लोक मे समरसता आबय, इत्यादि अछि।
एहि सम्मेलन मे भारतक पूर्व-प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी, तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पद्मश्री डॉ सी पी ठाकुर, तत्कालीन रेलमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी समेत सबदलक नेतालोकनिक, साहित्यकार- कलाकार-पत्रकार आदिक सहयोगसँ भेटल मैथिलीक संवैधानिक अधिकार फलस्वरूप आयोजित होइत २००३ सँ आबि रहल अछि। ई पन्द्रहम मैथिली सम्मेलन थिक। नेपाल में ई तेसर सम्मेलन पहिल काठमांडू, दोसर जनकपुर धाम, तेसर ई थिक।
ई सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जाहि रुपे भ रहल अछि से अपन एकटा खास इतिहास रचलक अछि। तेँ एहिमे बौद्धिक विचार-विमर्शक संग विकासक ठोस डेग निरूपित होयबाक उम्मीद अछि।
डा. बैजू आयोजक समिति मैथिली साहित्य परिषद् राजविराज केर समस्त पदाधिकारीक संग आम कार्यकर्ता केँ उत्साहपूर्वक आयोजन केँ सफल बनेबाक लेल कय रहल मेहनति प्रति आभार प्रकट करैत धन्यवाद सेहो ज्ञापन कयलनि अछि। भारत तरफ सँ एहि अवसर पर पं. कमला कांत झा, चंद्रेशजी, विनोद कुमार झा, प्रो चंद्रशेखर झा ‘बुढाभाई’, दिनेश झा समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति लोकनिक उपस्थिति रहबाक बात डा. बैजू बतौलनि। ओ जन-जन सँ अपील करैत कहलनि जे सभक सहभागिता एहि कार्यक्रम मे होअय, ई अपेक्षित अछि।