विशेष सम्पादकीय
१७ जुलाई, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!
मिथिला राज्यक मांग पर संघर्ष केँ निरन्तरता मे रखैत अछि अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति
भारतीय संसद केर मनसून सत्रक प्रारंभक दिवस पर आइ १७ जुलाई केँ अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समितिक सदस्य लोकनि मिथिला राज्य स्थापनाक मांग पर दिल्लीक जन्तर-मन्तर पर एक-दिवसीय धरना पर बैसता। विदित हो जे संसदक सत्र प्रारंभ होयबाक दिन साल मे अलग-अलग दिन ई धरना होएत आबि रहल अछि।
समितिक संयोजक प्रो. अमरेन्द्र झा केर अनुसार भारत स्वतंत्र भेलाक बाद गठित राज्य पुनर्गठन आयोग द्वारा मिथिला राज्यक मांग केँ नकारबाक बाद पहिने मैथिली भाषा केँ संविधान मे स्थापित करबाक संघर्ष कएल गेल। ईहो संघर्ष काफी लंबा चलल। साल २००३ केर दिसम्बर मे सम्माननीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयीक नेतृत्वक एनडीए सरकार द्वारा मैथिली केँ संविधानक आठम अनुसूची मे भारतक अन्य २१ गोट मान्य भाषाक सूची मे स्थान देल गेल। आर तहिया सँ एखन धरि निरन्तर रूप मे समिति जे मिथिलाक समस्त संस्था ओ राज्य मांगनिहार समूहक समुच्चय संगठन थिक तेकरा द्वारा भारतक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवम् गृहमंत्रीक ध्यानाकर्षण करबैत मिथिला राज्य स्थापनाक मांग कएल जा रहल अछि। आइ मनसून सत्रक आरम्भक दिन फेरो समितिक सदस्य एवम् दिल्ली मे प्रवास कएनिहार विभिन्न व्यक्ति ओ संस्थाक प्रतिनिधि लोकनि अपन मूल मड़ौसी मिथिला केँ राज्यक रूप मे भारतक संविधान द्वारा प्रतिष्ठित करेबाक मांग पर धरना मे भाग लेता।
प्रवक्ता सह महासचिव शिशिर कुमार झा केर मुताबिक जंतर-मंतर पर प्रात: १० बजे सँ साँझ ५ बजे तक मिथिला राज्य, मैथिली मे प्राथमिक शिक्षा आ मिथिलाक सर्वांगीण विकास सहित मिथिलाक अनेकानेक ज्वलंत आ जीवंत मांग संग “अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति” केर नेतृत्व मे आयोजित धरना मे मिथिलाप्रेमी लोक सब धरना मे भाग लेता आ भारत सरकारक समक्ष अपन मांग लेल दबाव बनेता। मिथिला मे बढि रहल अपहरण, बलात्कार पर रोक लगेबाक लेल, शिक्षा मे भर रहल ह्रास आ भ्रष्टाचार पर रोक लगेबाक लेल, आइआइटी, एम्स, आइआइएम केर स्थापना लेल, चीनी मिल आ पेपर मिल फेरो सँ संचालन मे अनबाक लेल, पान-मखान-माछ उद्योग केर बढावा लेल, मिथिलाक विशिष्ट फल यथा आम, लिची, केला, लताम, अररनेवा आदिक सुनियोजित कृषि केँ बढावा देबाक आ बाजार-विस्तार हेतु वातावरण निर्माण लेल, मिथिला चित्रकलाक विश्व-बाजार मे उतारबाक लेल, बाढि-बिजलीक समस्या समाधान सहित करीब २५ गोट मांग सहितक ज्ञापन पत्र देबाक जनतब श्री झा करौलनि अछि।
जानकारी भेटय जे एक दिशि किछु लोक अपन मिथिलाक प्रतिष्ठा लेल जान-प्राण एक कएने रहैत छथि, ओत्तहि मुंहदुस्सा टाइप खंडी बुद्धिक मैथिल जनमानस अपनहि लोकक एहि मांग पर जगहसारत करय सँ नहि चूकैत छथि, जेकर जिबैत-जागैत प्रमाण सोशल मीडिया पर देखाएत अछि। एहेन प्रवृत्तिक व्यक्ति मे राज्य कियैक गठन कएल जाएछ, संघीय राष्ट्र मे राज्यक आवश्यकता कियैक, इत्यादि बात पर गहिंराई सँ सोचबाक कोनो ऊहि नहि रहैछ, परञ्च अपने सँ अपन लोक पर थाल फेकबाक लेल आतूर किछु दुर्जन कूतर्क करैत नजरि पड़ैत छथि। अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समितिक सक्रिय कार्यकर्ता लोकनि जहिना मैथिली लेल लड़ला तहिना मिथिला लेल लड़ैत रहला अछि, लड़ैत रहता – कहैत छथि प्रो. अमरेन्द्र झा। हुनकर भावना सँ ईहो स्पष्ट कएल जाएछ जे उजड़ा खद्दर कपड़ा पहिरि लेला स देशक नेता बनय लेल कतेको मैथिल अपन पैरक चप्पल घैस लेला एहि दिल्ली मे, मुदा जन्तर-मन्तर केर लिटमस टेस्ट बिना पास कएने हुनकर लिलसा कहियो पूरा नहि होयत। जे अपन मातृभूमिक सम्मान लेल समर्पण नहि देखायत, ओकरा भले कियो कतेक दिन कहाँ धरि पूछ करतैक।
लोकक सहभागिता कम होयबाक एक प्रश्नक उत्तर मे मैथिली जिन्दाबाद सँ प्रतिक्रिया दैत प्रो. झा कहलैन जे मैथिली भाषाक संघर्ष मे सेहो एहिना समर्पित लोकक संग भेटैत छल। ५ करोड़ मैथिलीभाषी मे ५० गोट सिपाही ई युद्ध जीतलक। सद्भाव सभक हेबाक चाही। युद्धक मैदान मे सवा सौ करोड़ भारतीय जनता नहि लड़ैत छैक। ओतय मुट्ठी भैर सेना हथियार सँ लैस, चुस्त-दुरुस्त, जंगक मैदान मे अपन हिम्मत आ साहस सँ देशक रक्षा करैत छैक। दिल्ली मे रहनिहार मिथिलावासी जिनकर आँखि मे पानि अछि ओ निश्चित एहि धरना मे निरन्तर भाग लैत रहला अछि। एक-एक व्यक्ति महासेनानीक रूप मे मिथिलाक प्रतिनिधित्व करैत छथि। मिथिला आन्दोलन मे राजनीतिक दल जेकाँ पैसा नहि छैक जे बसक-बस आ ट्रकक-ट्रक लोक केँ भैरकय जन्तर-मन्तर पर आनत। तखन जे-जतेक अबैत छथि ओ काफी छैक।
मिथिला राज्य आन्दोलन धरातल पर कमजोर कियैक अछि – एहि प्रश्न उत्तर मे ओ कहलैन जे धीरे-धीरे लोकक भक्क टूटि रहल छैक। मिथिलाक अपनहि बेटा सब जे पटनियां सत्ताक संग दैत अछि ओकरा सेहो आब अपन ओकादि कते टा भेल बिहार मे से पता चलय लागल छैक। धरातल पर सेहो जनजागरण जोर पर अछि। युवा समाज सब काफी आगू आबिकय एहि मुद्दाक गंभीरता सँ लेबय लागल अछि। आम जनसमुदाय मे अपन सरोकार प्रति राजनीतिक जनजागरण सँ राज्यक महत्व स्पष्ट हेतैक। हम सब अपना भैर प्रयास कय रहल छी।
जनतब भेटय जे हरेक रूटीन धरना सँ एक ज्ञापन पत्र देल जाएछ आर मिथिला राज्यक मांग भारत सरकारक संज्ञान मे सेहो एहि तरहें स्थापित अछि। देशक २९म राज्यक रूप मे तेलंगानाक स्थापना पर वर्तमान गृहमंत्री राजनाथ सिंह अन्य-अन्य राज्यक मांग लेल दोसर राज्य पुनर्गठन आयोग बनेबाक बात सेहो रखने छलाह। आब हुनकर ध्यान एहि विषय पर लऽ जायब जरुरी अछि। बिहार मे मिथिलाक आर्थिक उपेक्षा स्पष्ट अछि जे एतुका जेहो किछु रोजगारक माध्यम चीनी अथवा पेपर मिल सब छल ओहो सब बन्द अछि। एहि संघर्ष सँ विषय त पक्के जिबैत अछि, नहि जानि कहिया ई जन-आन्दोलनक रूप लेत, ई कहब एखन मुश्किल अछि। लेकिन ई जल्दिये होयत तेहेन संभावना केँ नहि नकारि सकैत छी।
हरिः हरः!!