दिल्लीमे अलग मैथिली अकादमीक अस्तित्वक मांग केलन्हि शेफालिका

विशेष सम्पादकीय
किसलय कृष्ण, समाचार सम्पादक, मैथिली जिन्दाबाद ।
मैथिलीमे कोनो संवेदनशील प्रसंग वा अकादमीक प्रसंग पर साहित्यकार लोकनिक चुप्पी जगतविदित अछि । हालहिमे साहित्य अकादमीक दरभंगा प्रकरणमे सेहो किछु एहने सन दु:स्थिति रहल । अपनाकें विद्रोही तेवरक रचनाकार घोषित कयनिहार सभ सेहो पतनुकान लेने छलाह, तेहनोमे किछु अभियानी अपन लाठियेमे नींव बन्हने भाषा साहित्यक अस्मिता लेल लिखैत रहलाह ।

एतय प्रश्न उठैत अछि जे मिथिला राज्य सन पहिचान, अकादमी सभक बदनेती प्रति अपन रचनामे क्रान्तिक गप्प करयवला व्यक्ति सुसुप्त किए भ जाइत छथि ? हमरा बुझने अकादमीक आमंत्रण, पुरस्कार लोलुपता आदि एहि समस्याक जड़िमे अछि ।

कहियो साहित्य अकादमीक पुरस्कारसँ सम्मानित प्रसिद्ध साहित्यकार मैथिलीकें आठम अनुसूचीमे शामिल नहि करबाक स्थितिमे साहित्य अकादमी पुरस्कार घुरेबाक घोषणा कयने छलाह, त कहियो साहित्य अकादमीक उटपटांग निर्णय विरूद्ध युवा कवि अजित आजाद पटनाक चेतना समितिक सोझाँ धरना पर बैसल छलाह । अजित त हालहुमे मिथिला राज्य लेल “ले जान कि दे जान”क नारा देलनि । मुदा दरभंगा आ एहने सन आन प्रकरण पर गुम्मी किएक ?
साहित्य अकादमीक कुकृत्य पर निरन्तर लिखयवला वरेण्य साहित्यकार रामलोचन ठाकुर, सुकान्त नागार्जुन आदि बारल छथि अकादमी द्वारा । कहीं बारले जयबाक भयसँ ई चुप्पी त व्याप्त नहि अछि ? की अकादमीक सेमिनार आ पुरस्कार लोभें हम सभ अप्पन भाषाकें अन्हार जंगल दिस नहि ल जा रहल छी ?
एहि चुप्पीकें अपवाद बनि बेर बेर तोड़बाक प्रयत्न करैत छथि साहित्य अकादमी पुरस्कारसँ सम्मानित साहित्यकार डॉ शेफालिका वर्मा । कहियो ली मेरिडियन होटलक खचाखच भरल सभागार आ मंच पर उपस्थित अनेको केन्द्रीय मंत्री आ सांसद लग अटल मिथिला सम्मान ग्रहण करैत मिथिला राज्य सन मुद्दाकें अप्पन स्वरसँ बुलन्द करैत कहने छलीह जे “प्रभात झाजी, पप्पूजी सभ मिलि मिथिला राज्य निर्माण करू, तखने कल्याण संभव” आ एहि खेप हिन्दी भवन, नई दिल्लीमे मैथिली भोजपुरी अकादमीक कार्यक्रममे सरकारसँ मैथिली अकादमीक स्वतंत्र अस्तित्व लेल अप्पन मांग रखलनि संगहि मिथिला भवनक निर्माण सरकारी स्तर पर हो से मांग रखलनि ।
आवश्यकता एहि बातक अछि जे आनो मैथिली साहित्यकार लोकनि डा वर्माक स्वरमे स्वर मिलाकय मांगक आवाज बुलन्द करथि । ज्ञात हो जे विगत 19 आ 20 मई 2017 कें दिल्ली सरकारक मैथिली भोजपुरी अकादमी द्वारा काव्य पाठ आ कथा पाठक कार्यक्रम नई दिल्लीक हिन्दी भवनमे आयोजित छल, जाहिमे मैथिलीसँ प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ गंगेश गुंजन, युवा कवि रमण कुमार सिंह संग डॉ शेफालिका वर्मा कथा पाठ लेल आमंत्रित छलीह आ उक्त अवसर पर मिथिलाहित लेल ई मांग रखलनि । एहि सँ पूर्वो बहुते गैर-साहित्यिक संस्थादि द्वारा सेहो मैथिली आ भोजपुरी केर अलग-अलग अस्मिताक रक्षार्थ दिल्ली मे दुनू भाषाक अकादमी अलग-अलग बनबाक आवाज उठैत रहल अछि, परञ्च ई बस मंच आ आवाज धरि मात्र सीमित रहि यथार्थतः दिल्ली सरकार आ सम्बन्धित मंत्रालयक कान धरि कियैक नहि पहुँचि पबैत अछि ई रहस्यपूर्ण अछि।