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ढहि गेल कृष्ण मन्दिर: एतय विद्यापति रचित पदावली सँ भोर-साँझ आरती होइत छल

निराजन झा, काठमांडु। मैथिली जिन्दाबाद, २९ मार्च, २०१५.

mallakaaleen krishna mandir

मैथिलीक स्वर्णिम युग मानल जायवला मल्लकालीन राज्य जे काठमांडु राजधानी सँ शासन व्यवस्था चलबैत छल, जिनक राज्य मे मैथिली राजकाजक भाषा छल, लिपि नेवारीक रहितो भाषा मैथिलिये ताहि समय केर सबसँ समृद्ध भाषा मानल जयबाक कारणे तत्कालीन नेपालक राजा मल्ल वंशकेर राज्य मे मैथिली केँ राजभाषाक मान्यता भेटल छल, ताहि युग यानि सत्रहम शताब्दीक निर्मित ‘कृष्ण मन्दिर’ जे ललितपुर (पाटन) मे छल से पिछला शनि दिनक भूकंप मे ध्वस्त भऽ गेल। ओना तऽ आरो जतेक पुरान मन्दिर सब छल सेहो सब ढहि गेल, लेकिन मैथिलीभाषाक धरोहर मानल जायवला ई स्थलक ढहबाक आरो मर्म बढि जाइत अछि।

महिषी (सहरसा) सँ मैथिल अभियानी तथा स्वतंत्र पत्रकार अमित आनन्द आ मिथिलाक अनुपम डेग संस्थाक संस्थापक निराजन झा काल्हि सँ काठमांडू केर यात्रा पर छथि, हिनका लोकनिक मंशा ग्राउन्ड जीरो सँ भूकंपक जायजा लेब, राहत व्यवस्थाक समीक्षा करब आ जनहित मे स्वयंसेवा सेहो प्रदान करब – यैह किछु महत्त्वपूर्ण उद्देश्य सँ आइ भोरे काठमांडु पहुँचलाक बाद पहिल फोटो अपडेट द्वारा जानकारी करौलनि अछि। एतय भोर आ साँझ दुनू समयक आरती विद्यापति रचित कृष्ण स्तुति सँ होइत छल। निराजन अपन अपडेट मे मैथिली लेल एकरा बहुत पैघ क्षति मानैत खेद जतौलनि अछि जे कि आब भविष्य मे फेरो सँ ई परंपराक निर्वाह संभव होयत।

 

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