जानकी मन्दिर मे सरस्वती पूजा पर विशेष चहल-पहल

जानकी मन्दिर मे सरस्वती पूजाक धूम

– ऋषिकेश झा, जनकपुरधाम । फरबरी १, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!

janaki mandir1आइ विद्यादायिनी माँ सरस्वतीक पूजा केर विशिष्ट दिवस ‘बसंत पंचमी’ थीक। एहि अवसरपर जनकपुरक हृदयविन्दु ‘जानकी मन्दिर’ मे सेहो सरस्वती पूजा लेल विशेष पंडाल आर ताहि मे वीणा-पुस्तकधारिणी शारदाक नव मूर्ति स्थापित कय विशेष पूजा-अर्चना कएल जा रहल अछि।

janaki mandir6भोरे सँ मन्दिर मे खूब हलचल अछि। नियमित पूजा-पाठक संग शारदा देवीक पूजा सेहो कएल गेल अछि। चारूकात दिनक विशेषता ओहिना लीलामयी भगवतीक महिमा देखा रहल अछि। एना लगैत अछि मानू जानकी सेहो आइ सरस्वतीक पूजा-अर्चना मे अपने संपूर्ण नैहरावासी मिथिलाक लोक मैथिल सब संग विश्वक अनेकों भाग सँ आयल श्रद्धालू भक्त लोकनिक संग एहि विशेष आराधना मे भऽ लऽ रहली अछि।

janaki mandir2आइ फूल-मालाक संग मिठाई-प्रसादीक खूब रास दोकान भोरे सँ गह-गह मे भरि गेल अछि। सबकेँ पता छैक जे आइ जानकी मन्दिर मे जानकीक संग-संग सब कियो सरस्वतीक दर्शन सेहो करय लेल एब्बे करता। जतेक लोक ततेक मेला आ ततबे बिक्री। सब केँ फूल-माला आ प्रसादीक संग-संग घर लऽ जेबाक वास्ते सेहो संदेश चाही। धिया-पुता वास्ते फूक्कावला सब, खेलौनावला सब आर लटखेना दोकान मे महिला सबहक श्रृंगार प्रसाधनक संग-संग विभिन्न धार्मिक प्रयोगक सामग्री सब खूब बिका रहल अछि।

janaki mandir3एखन भिनसरे अछि। मन्दिरक सामनेवला आंगन मे एखन भीड़ बेसी नहि अछि। भीतरवला अंगना मे सेहो एखन लोक तीतर-बितर देखा रहला अछि। लेकिन ई भीड़ आइ एतेक बढि जायत जे मेला जेकाँ ठेलम-ठेल मचब तय अछि। मुख्य मन्दिर जानकी सहित चारू बहिन आ चारू दूल्हा राम, लखन, भरत आ शत्रुघ्न स्थित मन्दिर मे चढावा सहित भक्त-दर्शनार्थीक पंक्ति सेहो एखन छोटे अछि। बाद मे त लाइन आ बेलाइन, मन्दिरक भीतर-बाहर सबटा भरले भेटत।

janaki mandir4सरस्वती माता केँ स्थापित कएल पंडाल सेहो सजल-धजल अछि। भक्त लोकनि जानकीजी केर दर्शन कएला उपरान्त सीधे विद्यादायिनी भारतीक दर्शन लेल आबि रहला अछि। प्रसाद सेहो सब लेल बनाओल गेल अछि। प्रसाद मे ऋतुफल केसौर आ बयर संग-संग संतोला, अंगूर, सेव आदिक सेहो मिश्रण तैयार अछि। ई पंडाल जानकी चौक पर लगायल गेल अछि, एकर आयोजन जनकपुरक छात्र-छात्रा सब मिलिकय कएलनि अछि।

janaki mandir5आजुक दिन भीड़ बढबाक एकटा आरो बड खास कारण छैक। अनेकों वर्षों सँ आजुक दिन जानकी मन्दिर मे सत्यनारायण भगवानक पूजा करेबाक लेल सैकड़ों श्रद्धालू सब जुटैत छथि। एतय सत्यनारायण भगवान केर पूजाक सेहो विशेष विधान रहल अछि। ब्राह्मण, पुरोहित, सेवक आदि सेहो आइ खूब खुश छथि। भक्त लोकनि दुनू हाथ खोलिकय सश्रद्धा मन्दिर मे चढाबा चढेबाक संग-संग उचित दान सेहो कय रहला अछि।

janaki mandir7janaki mandir harinamआइ सरस्वती पूजाक दिन सैकड़ों आस्थावान अपन बच्चा लेल कएल ‘हरिनाम’ संस्कार केर कबुला सेहो पूरा करैत अछि। एहि संस्कार मे जानकी मन्दिरक प्रांगण मे मायक आँचर पर या ओहुना नटुआ बच्चा केँ कोरा मे लय केँ सोहर गबैत आ नचैत अछि आर एहि तरहें भगवतीक विशेष आशीर्वाद भेटबाक किंवदन्ति प्रसिद्ध अछि। मिथिलाक अपन परंपराक मूल्य आर महत्व केँ ओहिना नहि सीधे वैदिक रीत मुताबिक कहल गेल अछि, एकरे ई एकटा उदाहरण समान प्रतीत होएत अछि।

janaki mandir8जानकी मन्दिर मे लोक आबैथ आर चारूकात घूमि-घूमि ओतुका आनन्ददायिनी दृश्य सब नहि देखैथ ई त संभवे नहि छैक, सब कियो जानकीक विशेष संग्रहालय, गर्भ गृह, मन्दिरक अंगना आ राम-जानकी विवाह मंडप सेहो सपरिवार बाले-बच्चे घूमि रहला अछि। परमानन्दक बरसात भऽ रहल अछि। आइ रौद नहियो निकलल अछि तैयो चारूकात भक्ति आर आनन्दक माहौल अछि।