अपन मिथिला सेवा समाज नेपाल केर आह्वान

क्वालालंपुर, मलेसिया। जनवरी २८, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!

अपन मिथिला सेवा समाज नेपाल जे मलेसिया सहित विभिन्न अन्य देश मे वैदेशिक रोजगार पर रहल मिथिलावासी सब केँ जोड़ि अपन मिथिला समाज केर विपन्नवर्ग धरि स्वयंसेवा – सहयोग करबाक कार्य करैत अछि, तेकर अध्यक्ष कैलाश यादव नव आह्वान गीत बनेबाक सूचना दैत कहलनि अछि जे मैथिली जिन्दाबाद व अन्य मिथिलाक संचार क्षेत्र केँ सेहो बढाबा देबाक लेल आवश्यक सहयोग करता। जे मैथिली भाषा मे संचारकर्म करत तिनका साल मे पुरस्कृत करबाक काज सेहो ई संस्था करत। ओ कहलैन जे हम सब नेपाली आ हिन्दी या अंग्रेजी भाषाक पत्र-पत्रिका पढिकय खाली दोसरे लोक आ दुनियाक समाचार पढैत छी मजबूरी मे, लेकिन अपन भाषाक समाचार बेसी भेटत जे अपने मिथिलाक समाचार लिखत। तैँ हम सब एहेन संचारकर्मी केँ निश्चित उल्लेखनीय सहयोग करब। मैथिली जिन्दाबाद केर तरफ सँ कैलाश यादव तथा अपन मिथिला सेवा समाज केँ धन्यवाद ज्ञापन करैत ओहि आह्वान गीत केँ एतय प्रकाशित करैत छी जाहि सँ बेसी स बेसी लोक मे अपन मातृभूमिक सेवा वास्ते समुचित प्रेरणाक संचरण होयत।

लोकप्रिय मैथिली गीत

amssnप्रिय पाठक मिथिलान्चलक बहुत रासे गीत, सँगीत, कविता, कथा, कहानी सुनी चुकल होईब। मुदा आई अपने सभक बीच कुछ एहन दर्दभरल मार्मिक गीत प्रस्तुत कs रहलछी जेकि एही गीतक माध्यम सँ सम्पुर्ण मैथिल भ्रमक मकड़ा के जाल सँ मुक्ति पावनि। अपन मिथिला सेवा समाज-नेपालक नव गीत छैक। ई संस्था मिथिला भरिमे गरीब, दलित, अपाहिज आ असहाय सभक सहयोग करैत छथी तहिना दहेज मुक्त मिथिला अपन अभियान चलारहल छथी।

प्रस्तुत अछी लोकप्रिय मैथिली गीत, जय मिथिला, जय मैथिली ! मैथिली जिन्दाबाद!!!

अप्पन यान मिथिला छै, अप्पन प्रान मिथिला छै,
हमर जानssssssss मिथिला छै, हमर जान मिथिला छै,
अरमान मिथिला छै, अभिमान मिथिला छै,
हमर जानssssssss मिथिला छै, हमर जान मिथिला छै।

मिथिला खातिर जेहम सोंचव वो करिके हम जाईब यौ,
दहेज मुक्त बनाईब मिथिला मौसम नयाँ बनाईब यौ,
गरीब दलित के साधे बाला के जाकs ई बतादियौ,
अपना अपना नाप के वो सभ खुद कफन सिलालै यौ,
आवाज मिथिला छै, ऎलान मिथिला छै,
हमर जानsssssss मिथिला छै, हमर जान मिथिला छै।

मिथिला खातिर कसम छै हमर अप्पन सिर कटा देबैइ,
जत्वए छै यी देहमे लहु पूरा लहु बहा देबैइ,
मिथिला खातिर जे कुछ ठानव वो हम कs के देखा देबै
अपना मिथिला खातिर हम सभ सारा गगन झुका देबै
ईमान मिथिला छै, भगवान मिथिला छै, हमर जान…….

अप्पन मिथिला सेवा समाजमे सभ आईब कs जुटु यौ,
सभ क्यो मिलिकs साथ दियौ स्वर्ग मिथिला बनाबियौ
सोंची समझी सभ आगा बढु हात मे हात मिलालियs
दहेज मुक्त बनाईब मिथिला सभके इहे बताईब यौ
विस्वास मिथिला छै, वरदान मिथिला छै, हमर जान…..
हमर जान………, अप्पन यान…………. अप्पन प्रान…..
हमर जान मिथिला छै…………………………………….

शब्द संकलन आ विषेश सल्लाहकार श्री कैलाश यादव (अपन मिथिला सेवा समाज-नेपालक अध्यक्ष) आ तहिना एक एक शब्द पिरोली कुमार ललित “प्रेमर”
भाइ जि अपूर्ण केँ पूर्ण बना एक पैग शब्दक माला बना देलनी। जे कि अप्पन मिथिला के आन, वान, सम्मान के सँगे दहेजक बारेमे सेहो यति भाव पुर्ण रहल छैक। एकटा गीतक माध्यम सँ प्रस्तुत केलखिन। सभ सँ अनुरोध अछी जे समस्त मिथिला बासी एक जुट भs दहेजक कुप्रथा अन्त करि। दहेज लेल आ देल कोई निक कार्य नै छैक मुदा इ एकटा घृणित कार्य आ कठोर कार्य छैक। ताही हेतु दहेज नै किनको दि आ नै किनको सँ ली। बेटी बंचावी इज्जत बढावी, कन्या दान महादान थिका:।

अपन मिथिला सेवा समाज -नेपाल परिवार

अध्यक्ष :- श्री कैलाश यादव⁠⁠⁠⁠