सहरसा, नवम्बर ४, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
महानगरक जीवनशैली आ चकाचौंध केँ त्यागि अपन मातृभूमि मिथिला केँ आबाद करबाक संकल्प सँ उच्च सरकारी पदाधिकारीक पद समेत त्यागि राजनीति केर नव पारी शुरु कएनिहार मैथिल सपुत विमलकान्त झा विमलजी मिथिला राज्य निर्माण सेनाक आगामी राष्ट्रीय अधिवेशन केँ पूर्ण समर्थन देबाक घोषणा कएलनि अछि। मैथिली जिन्दाबाद सँ बात करैत ओ कहलैन जे मिथिला राज्य हमर जन्मसिद्ध अधिकार थीक। जा धरि जियब ता धरि मातृभूमि मिथिला लेल काज करब, आर संविधान मे राज्य रूप मे ससम्मान स्थान दियेबाक लेल प्रदेश संग देशक राजधानी दिल्ली मे सेहो अपन सब तरहक योगदान देब।
विदित हो जे विमलकांत झा ऊर्फ विमलजी पैछला विधानसभा चुनाव मे सेहो मिथिला राज्यक नारा सहित अपन उम्मीदवारी दैत प्रजातंत्र केर महत्वपूर्ण पर्व मे जनता सँ मतदान करबाक आग्रह कएलनि। परञ्च बिहार केर राजनीति मे जातीयताक आधार पर मत खसेबाक वीभत्स परंपरा रैच-बैस जेबाक कारणे – चुनाव मे बूलेट सँ बैलट केर लूट मचबाक कारणे आ मतदातावर्ग मे पर्यन्त अपन मत बेचबाक विडंबना मे शिक्षा, संस्कार आ विकास लेल जानल जायवला सहरसाक सपुत केँ चुनाव मे हारिक सामना करय पड़ि गेल। विमलजी कहैत छथि जे राजनीति करबाक निर्णय बड सोचि-समैझकय केलहुँ। हलांकि अपन जीवनशैली मे आनल परिवर्तन सँ काफी नोकसानीक सामना सेहो करय पड़ि रहल अछि। तथापि परिवर्तन लेल क्रान्तिक आवश्यकता केँ आत्मसात करैत संघर्षे करब केँ कर्तब्य बुझि रण मे आबि गेल छी।
वर्तमान समय राष्ट्रीय राजनीतिक दल भारतीय कांग्रेस मे रहिकय राजनीति मे सक्रिय विमलजी कहलैन जे मातृभूमिक काज लेल एहि दल सब केँ मन मे बहुत रास दुविधा छैक। कियो खुलिकय मिथिला लेल समर्थनक घोषणा नहि करैत अछि ई बहुत दुखद अछि। प्राचीनकाल सँ समृद्ध संस्कृति आ सभ्यतावला पहिचान आइ एहि तरहक उपेक्षा सँ नाश भऽ रहल अछि, एहि लेल अपन दल केर अग्रपाँतिक नेता केँ जरुर बुझेबाक प्रयास करब। लेकिन स्थिति मे सुधार नहि एलापर अपन मिथिला लेल स्वतंत्र राजनीति करब बेहतर मानब। राष्ट्रीय दल केर लोभ ताहि समय कोनो तरहक बाधा नहि देत से आत्मविश्वास अछि। ओ कहलैन जे मिथिला आन्दोलन केर बारे मे गैर-ब्राह्मण व किछु अन्य उच्च जाति केँ छोड़ि आन मे ओतेक जानकारी नहि छैक। लेकिन हम संकल्प लेलहुँ अछि जे आगामी चुनाव धरि ठाम-ठाम पर जनजागरण आ जनसम्पर्क करैत मिथिला राज्य निर्माण सेनाक संग काज करैत एहि मुद्दा सँ जनगणमन केँ सुपरिचित बनायब।
आगामी अधिवेशन मे मिरानिसे केर भविष्य नीक हो, सुदृढ संगठन ठाढ हो, ताहि लेल वर्तमान संयोजन समितिक राखल दृष्टिपत्र पर अपन अमूल्य सुझाव आ विचार रखबाक लेल सहभागिताक सुनिश्चित करैत ओ कहलैन जे मिथिला राज्य निर्माणक बात संवैधानिक अधिकार थीक, संगहि वर्तमान राज्य सँ पर्यन्त अपन हक – विकास केर संघर्ष कय मिथिलाक धरा केँ विकसित करब हमर लक्ष्य अछि।