मिथिला राज्य आन्दोलनक इतिहास बदलत मिरानिसे

दरभंगा, सितम्बर २६, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

mrns-adhiveshanमिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय अधिवेशन तथा आम जनसभा आगामी ८-९ नवम्बर केर कार्य द्रुत गति सँ बढि रहबाक जानकारी राष्ट्रीय महासचिव राजेश झा करौलनि अछि।

हाल ३० सितम्बर धरि अधिवेशन मे सहभागी प्रतिनिधि लोकनि केँ तीन वर्ग मे वर्गीकृत कैल जा रहल अछि। नव लोक सब केँ सेहो जुड़बाक अवसर देल जा रहल अछि। तदोपरान्त मनोनयन पत्र प्रेषित कैल जायत आर फेर जमीनी तैयारी करैत आगामी नवम्बर केर निर्धारित तिथि पर ई ऐतिहासिक महायज्ञ आयोजन होयत ओ कहलैन।

मिथिला राज्य निर्माण सेनाक विजन पर ओ अपन राय रखैत कहलनि जे मिथिला आन्दोलन अखबार आ बन्द कोठरी मे बहुतो वर्ष सँ देखाएत रहल अछि। दिल्लीक जन्तर-मन्तर आ यदा-कदा छोट-छोट जनसभा मे सेहो एकर चर्चा खूब सुनलहुँ। सोसल मीडिया पर तऽ एना लगैत अछि जेना रातियो नहि बिततैक आ मिथिला राज्य बनि जेबाक निर्णय केन्द्र सरकार केँ करय पड़तैक। तरह-तरह के अभियान सबहक चर्चा होएत रहैत अछि। मुदा यथार्थतः राज्य सरकार, केन्द्र सरकार आ स्वयं मिथिला क्षेत्र सँ राजनीति कएनिहार सैकड़ों जनप्रतिनिधि एकरा मजाक बुझि रहल अछि, एकर मजाक उड़ा रहल अछि आर एहि मांग केँ नजरअंदाज करैत अछि। ताहि हेतु मिथिला राज्य निर्माण सेनाक एकमात्र काज अछि जे जनजागरण करू आ केन्द्र हो या राज्य हो या अपन घरहि केर नेता कियैक नहि हो, एकरा सबहक असलियत आ मिथिलाक उपेक्षाक नीति पर सँ पर्दा उठाबय। भ्रष्टाचारिताक जाल सँ मिथिला केँ मुक्त करय। पंचायत स्तर, प्रखण्ड स्तर, जिला स्तर सँ लैत राज्य स्तर पर व्यापक भ्रष्टाचार सँ पब्लिक केँ जानकार बनाबय आ स्वराज्य स्थापनाक लेल चौतर्फी दबाव बनाबय। ई एक प्रेसर ग्रुप केर रूप मे काज करय यैह नीति अछि मिरानिसे केर।

मिथिला राज्य निर्माण सेनाक सल्लाहकार व सहयोगी प्रवीण नारायण चौधरी एहि सम्बन्ध मे दुइ गोट प्रस्ताव मैथिली जिन्दाबाद केर मार्फत आम जन धरि पहुँचेबाक अपील केलनि अछि। ओ दुनू प्रस्तावक उतार निचाँ देल गेल अछि। ओ कहलैन अछि जे देश-विदेश कतहु जे मिथिलावासी अपन पहिचान ‘मैथिल’ सँ प्रेम करैत होएथ, जिनका पुनः जनक-जानकीक मिथिलाक स्थापना लेल कनिको दरेग छन्हि आर ओ भले कोनो राजनीतिक दल आ कि सामाजिक संस्था आदि सँ कियैक नहि जुड़ल होएथ, मुदा मिरानिसे केर मंच संग जुड़िकय मिथिला राज्य केँ संविधान मे स्थापना लेल जुड़ि सकैत छथि। बस लक्ष्य एकमात्र जे मिथिला राज्य केर स्थापना निमित्त आ मिथिलाक लोक केँ अपन हक-अधिकार प्रति सजग बनेबाक लेल ओ सब समर्पित भावना सँ कार्य करता आ कार्य करबाक लेल मिरानिसे केँ सहयोग करता। ओ सब सदस्यता लैथ। बाकी बात निम्न प्रस्ताव सँ सब केँ स्पष्ट हेतनि। सहयोगक अपेक्षा सब सँ अछि।

प्रस्ताव १ः

आब मिरानिसे एक-एक डेग आगू बढयः

आइ २२ सितम्बर, २०१६ भ गेल। आइ सँ ३० सितम्बर धरि हम सब ३ प्रकारक सदस्य संग बात फाइनल करी;

१. मिरानिसे संगठन सदस्य
२. मिरानिसे संरक्षक सदस्य
३. मिरानिसे आर्थिक-वैचारिक सदस्य

तिनू सदस्यक अर्थ आ सदस्यता लेल प्रस्ताव कय रहल छीः

१. मिरानिसे संगठन सदस्य जे एतेक संकल्प लियय जे मिथिला राज्य अथवा मैथिली भाषा आ समग्र सरोकार सँ जुड़ल कोनो काज मे एकटा सेनानीक रूप मे – कार्यकर्ताक रूप मे कतहु उपलब्ध होयबाक लेल तत्पर रहय। सदस्यता शुल्क मात्र १० टका।

२. मिरानिसे संरक्षक सदस्य जे सदैव जनक-जानकीक मिथिलाक पहिचान प्रति नव पीढी केँ संघर्ष मे एकटा अभिभावकत्व दियय, जे अनुशासन आ नियमन करबाक सर्वोच्च टोलीक रूप मे उच्चाधिकारी कार्यसमिति बनबैत मिरानिसेक अन्य निकाय – सदस्य सब केँ मार्गदर्शन करय, वीटो पावर केर प्रयोग करैत संगठन केँ सुदृढ स्वरूपक संग राखय। एहि मे वार्षिक सदस्यता रु.१ हजार, १० वार्षिक सदस्यता रु. ५ हजार आ आजीवन सदस्यता रु. ११ हजार हो।

३. मिरानिसे आर्थिक एवं वैचारिक समिति सदस्य जे मिथिलाक पुनर्निर्माण व विकास लेल पूँजी संग्रह करैत छोट-छोट सहकारिता संस्थान केर संचालन करय आ बेर-कुबेर मिरानिसे केर संगठन केँ सुदृढ रखबाक लेल संरक्षक सदस्यक मार्गनिर्देशन अनुरूप मिथिला राज्य निर्माणार्थ आ अन्य अभियान सब लेल धन उपलब्ध करेबाक संग-संग वैचारिक क्रान्ति हेतु शोध करय, करबाबय – सरकारी उपेक्षाक समूचा जानकारी राखय आ प्रत्येक महीना एकटा बुलेटिन प्रकाशित करैत मिथिला मे पूँजी लगानीक संग अन्य विकासात्मक काज सेहो करय। ई एक लाभार्जन करयवला समिति होयत जे सहकारिता पूँजी व योजना संग काज करत। एहेन सदस्य लेल एन्ट्री फी १ हजार आ मासिक या छमाही या वार्षिक न्युनतम ५ हजार रुपया प्रति व्यक्ति लगानी करत।

ई तिनू समिति बीच आपसी एकटा समझौता होयत जाहि सँ कियो एक-दोसर सँ इतर नहि वरन् पूर्ण विधान अनुरूप सहकार्य करबाक लेल वचनबद्ध होयत।

एहि तिनू प्रकारक सदस्यता लेल स्वेच्छा सँ घोषणापत्र भरिकय अपन-अपन प्रतिबद्धता आ सदस्यता लोक ग्रहण करत, जे संस्था द्वारा एकटा पुष्टिपत्रक मार्फत सँ सदस्यता प्रमाणपत्रक रूप मे जिम्मेवारी, अधिकार ओ कर्तब्य सहितक एक दस्तावेज सेहो होयत, से सब सदस्य केँ अपन प्रकार अनुरूप देल जायत।

आगामी अधिवेशन मे सब समिति मे एकटा कार्यकारिणी – अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष व सदस्य ५ यानि कुल ९-सदस्यीय कार्यारिणी गठन कैल जायत। एहि गठन लेल पूर्ण प्रजातांत्रिक रूप मे नामांकन, अनुमोदन, चुनाव आ निर्वाचित घोषित करैत कार्यसमिति निर्धारित करबाक कैल जायत।

समस्त एकत्रित कोष सँ केवल आ केवल मिथिला राज्य लेल सोचल-विचारल आ कार्यकारिणीक सिफारिश ओ स्वीकृति सँ मात्र कोनो आयोजन कैल जायत।

कोनो सदस्य द्वारा मनमानीपूर्ण ढंग सँ कोनो निर्णय प्रति असंतोष लेल शिकायत उच्चाधिकारी समिति सहित अन्य दुनू निकायक कार्यसमितिक समक्ष राखल जायत। ओतय बहुमत सँ अनुशासनात्मक कार्रबाई – दंड आदि निर्धारित होयत।

एहि तरहें मिथिला राज्य निर्माण ओ विकास हेतु समर्पित भ केँ मिरानिसे चलत।

ई पूर्णरूपेण सामाजिक-सांस्कृतिक मंच मात्र रहत जे केवल जनजागरण केर कार्य करत। एकर काज स्वयं कोनो राजनीति मे कहियो नहि पड़ब होयत, जँ कियो संस्थाक विधान केँ सम्मान दैत अपन व्यक्तिगत राजनीति कतहु अन्यत्र करय चाहैत छथि ताहि सँ संस्था केवल नैतिक समर्थन करतनि, नहि कि हुनका लेल कोनो किसिम केर सौदेबाजी वा स्वार्थसिद्धि आदिक कोनो तरहक क्रियाकलाप मे कोनो तरहक सहभागिता देतनि। मिरानिसे लेल सब राजनीतिक दल, प्रशासन, नेता, अभिनेता आ जनता सब एक रंग होयत। सांगठनिक चुनाव मे हार-जीत सँ कोनो तरहक आपसी मतभेद लेल संस्था कथमपि केकरो पक्ष नहि लेत, बल्कि बहुमत सँ तिनू कार्यसमिति द्वारा हुनका सब बीच नैयायिक प्रक्रिया चलबैत आवश्यकता मे एक्सन लेतैन।

मिरानिसे मे जानकी – मिथिलाक बेटी केँ चीफ कमाण्डर मानल जायत।

अन्तिम न्याय लेल केवल जानकी छथि।

आपसी एकजुटता सँ कोनो लक्ष्य तय करबाक लेल उपरोक्त कोनो भी नियम – संवैधानिक संसोधन प्रस्ताव मे सुधारक आवश्यकता हो त सुझाव आमंत्रित अछि।

३० सितम्बर धरि प्रतिनिधि सदस्यता निर्धारित कएलाक बाद १५ अक्टुबर धरि मनोनयन पत्र, प्रमाणपत्र, परिचयपत्र आदि बनाकय सब सदस्य धरि पहुँचेबाक कार्य कैल जायत। कोनो सदस्यता लेल बिना शुल्क लेने सदस्यता कोनो सुरत मे नहि देल जायत।

पुनः १६ अक्टुबर सँ ३१ अक्टुबर धरि अधिवेशनक संपूर्ण प्रक्रिया आ तैयारी पूरा कैल जायत।

नवम्बर १ सँ नवम्बर ५ धरि मिथिलाक सब जिला मे आवश्यक प्रचार प्रसार करायल जायत।

नवम्बर ७ धरि सब प्रतिनिधि केँ दरभंगा पहुँचबाक अछि। सब प्रतिनिधि अपन-अपन विचार लिखित मे ८ नवम्बर १० बजे धरि जमा कय अपन खाना आ रहनाक कूपन प्राप्त करता।

८ नवम्बर कार्यक्रमक पहिल दिनः १० बजे सँ ११ बजे भोजन-भात कय केँ अधिवेशन स्थल पर हाजिर, १२ बजे सँ ८ बजे धरि लगातार विभिन्न सत्र ओ विषय पर मंथन होयत। ८-१० के बीच चुनाव प्रक्रिया। १०-११ बजे पुनः भोजन। तदोपरान्त सब कियो विश्राम मे जेता।

९ नवम्बर कार्यक्रमक दोसर दिनः १० बजे सँ ११ बजे भोजन-भात कय केँ कार्यक्रम स्थल – खुल्ला मंच जतय विशाल जनसभा केर आयोजन होयत, ओतय पहुँचता। सब कियो सामूहिक शपथ-ग्रहण करता, सदस्य, कार्यकारिणी सबहक शपथ पत्र हुनका पास द देल गेल रहतैन। तदोपरान्त शुभकामना आदान-प्रदान आ भविष्यक योजना पर गोष्ठी चलत। पुनः १ बजे सँ अतिथि लोकनिक आगमन उपरान्त जनसभा आरम्भ कैल जायत। संध्याकाल जानकी केर सौजन्य सँ महाभोज कर आयोजन होयत। तदोपरान्त विशाल जनमानस केँ विदाई देल जायत। शुभ-शुभ सब कियो अपन-अपन गन्तव्य दिस प्रस्थान करता।

सुझाव आमंत्रित!!

हरिः हरः!!

अपडेटः २६ सितम्बर, २०१६.

मिरानिसे केर सोसल मीडिया पर उपस्थित विवेकी सदस्य लोकनि,

बुझले अछि जे ऐगला ८-९ नवम्बर दरभंगा मे विशाल जनसभा आ राष्ट्रीय अधिवेशन होमय जा रहल अछि।

अधिवेशन मे सांगठनिक संरचनाक सुधारक संग सक्रिय अभियान व लक्ष्य संधानक वास्ते पुरजोर प्रक्रिया चलेबाक कार्य कैल जायत। जनसभा सँ राज्य ओ केन्द्र केँ अल्टीमेटम देल जायत। बिना राज्य स्थापना हम सब नहि मानि सकैत छी, हमर राज्य संचालन संयंत्र अप्पन हो। पटना सँ मुक्ति चाही। एहि लेल चौतरफा दबाव बनेबाक मुख्य समूहक रूप मे मिरानिसे उभैरकय आबय, कियैक तऽ यैह टा पहिल संस्था थीक जे एहि लेल अधिवेशन करैत सब जिलाक लोक संग एकटा मजबूत संगठन तैयार करय जा रहल अछि। ई बन्द कोठली आ बैठक घर सँ मिथिला आन्दोलन केँ बाहर निकालि विधान सहितक लाखों सदस्य सहितक संस्था बनय जा रहल अछि।

एखन एकर ३ वर्गक सदस्य निर्धारण करबाक आवश्यकता अछि। पहिल जे संगठनक सामान्य सदसय बनय, दोसर जे वैचारिक-आर्थिक समितिक सदस्य बनय आ तेसर एवं सबसँ बेसी महत्वपूर्ण जे संरक्षक सदस्य बनय। सब सदस्यता लेल एकटा सुनिश्चित मापदंड अछि। बिना आर्थिक कोष कोनो कार्य संभव नहि होएछ एहि अर्थक युग मे, ताहि कारण सब सदस्यता लेल एकटा निर्धारित शुल्क सेहो अछि। आर कोनो सदस्यता लेल स्वेच्छा मात्र सर्वोपरि धर्म अछि। सीधा शब्द मे, यदि सदस्य बनबाक मोन हो तखनहि टा बनू, नहि तऽ सामान्य जनता जेकाँ हम सब अपन जीवन गुजर-वसर जाहि-ताहि अवस्था वा परिस्थिति मे करिते छी, करिते रहब। एतय त संकल्पित आ समर्पित बनिकय सदस्य बनब, कारण चुनौतीक सामना करबाक अछि।

पहिले अधिवेशन लेल एहि ३० सितम्बर धरि सदस्यक रूप मे सूची बनत, अतः अहाँ सब अपन सहभागिता सदस्यताक संग-संग अधिवेशन लेल आर्थिक स्वेच्छादान सँ करी, से विनम्र निवेदन अछि।

आर, काजक बेर मे नीरो जेकाँ बाँसुरी बजायब, यानि ओम्हर रोम जैर रहल छल आ एम्हर नीरो बाँसुरी बजा रहल छल…. ई सब अनुशासनहीनता भेलैक। एकरा वर्दाश्त नहि कैल जायत। या त अपने ग्रुप सँ लिव लऽ लियऽ, या फेर अहाँ पर अनुशासनात्मक कार्रबाई होयत से स्वीकार करू।

काजक बात एतबे अछि जे काल्हि एक दिन मे करीब ९ गोटा सदस्य बनलाह आ सवा लाख टका कोष ठाढ भ गेल। ई निरंतरता मे रहय!

हरिः हरः!!