कलना महादेवस्थान, मधुबनी। सितम्बर १५, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
मैथिली भाषा मे रचनाशीलताक इतिहास बहुत गहिंर रहलैक अछि। परन्तु पैछला कतेको दसक मे मिथिला बिहारक एकटा उपनिवेश समान बनि गेलाक बाद आ बिहार सरकारक घोर उपेक्षा सँ एहि भाषाकेँ मरणासन्न अवस्था मे पहुँचेलाक बाद स्वयं मैथिलीभाषी द्वारा अपन भाषाक प्रयोग करब धरि लज्जाक अनुभूति देबाक उदाहरण सब जैंह-तैंह देखाएत रहबाक स्थिति मे एकबेर फेर युवा मैथिल सर्जक सब मैथिलीक संरक्षण-संवर्धनक जिम्मेवारी अपना कान्ह पर लेने बुझा रहल अछि।
एहि क्रम मे कलना बाबाक सिद्ध स्थान कल्याणेश्वर महादेव स्थानपर सेहो काव्य बैसारक आयोजनक खबैर उत्साह बढाबयवला अछि। मधुबनी सँ मैथिली-मिथिलाक अभियानी एवं स्वयं एक स्थापित मैथिली कवि अजित आजाद जानकारी दैत कहलैन अछि जे कलना स्थित कल्याणेश्वर महादेव स्थान मे मैथिल प्रशांत आ अक्षय आनंद सन्नी केर अगुआइ मे काव्य-बैसारक तेसर आयोजन मे हम आ आनन्द मोहन झा सहित सुमित आदि सेहो भाग लेलहुँ। झंझारपुर केर बाद मधुबनी जिला मे एकटा नव आयोजन-शृंखला शुरू भेल अछि। अगिला आयोजन ३ अक्टूबर केँ दुर्गौली गाम मे होयत।
विदिते अछि जे साहित्यिकी, साहित्यांगन सहितक विभिन्न संस्था मधुबनी मे मैथिली भाषा-साहित्यक सेवार्थ चलयवला अत्यन्त जरुरी अभियान सब छल, एहि मे एकटा आरो नव अभियान केँ जुड़ि गेला सँ उपेक्षित मैथिलीक ‘अच्छे दिन’ अयबाक संकेत भेट रहल अछि। आइ न काल्हि सरकारक नीन्द सेहो टूटबे करतैक। ओनाहू असंतोषक कारण अलग मिथिला राज्यक स्थापनाक मांग जोर पकैड़ लेने छैक। जनमानस मे उपेक्षा सँ क्रान्ति एब्बे करैत छैक, कहैत छथि मैथिली जिन्दाबादक संपादक प्रवीण नारायण चौधरी। एहि नव शुरुआत लेल ओ शुभकामना संदेश दैत ई धारणा रखलैन अछि।