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मैसाम युवा सम्मान सर्जक चन्दनकुमार झा केँ सौंपल गेल

विनीत उत्पल, दिल्ली। सितम्बर १३, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!! 

msm-chandanमैसाम युवा कवि सम्मान सँ सम्मानित भेलाह मैथिली कवि चंदन कुमार झा

मैथिली साहित्य महासभा (मैसाम) केर पहिल मैसाम युवा कवि सम्मान सँ कोलकाता केर युवा कवि चंदन कुमार झा केँ सम्मानित कैल गेल । हुनका ई सम्मान हुनक कविता संग्रह ‘गाम के सीमान पर’ हेतु देल गेल।

दिल्लीक कंस्टीट्यूशन क्लब मे आयोजित दोसर विद्यापति स्मृति व्याख्यानमाला केर भव्य समारोह मे ई सम्मान अन्तर्गत २५ हजार टका नगद, प्रशस्ति पत्र, दोपटाक संग स्मृति चिह्न मुख्य व्याख्यान प्रस्तोता वरिष्ठ मैथिली नाटककार महेन्द्र मलंगिया तथा सम्मान निर्णायक समितिक मुखिया जेएनयू प्रोफेसर डा. देवशंकर नवीन केर हाथ सँ संयुक्त रूपे प्रदान कैल गेल।

बतौर निर्णायक प्रोफ़ेसर देवशंकर नवीन एहि चयन केर सम्बन्धमे जानकारी दैत कहलनि जे चंदन कुमार झा केर कविता वर्तमान दौर केर कविता सबमे एकटा अलग पहिचान रखैत अछि। संग्रह केर सब कविता मे गामक बाहरेक छाप नजैर अबैत अछि। ओ कहलैन जे निर्णय वास्ते कुल तेरह पुस्तक आयल छल, लेकिन ताहि सब मे सँ एकटा पुस्तक केर चुनाव करब अत्यन्त कठिन कार्य छल। ओ वरिष्ठ कवि जीवकांत पर लिखल चंदन कुमार केर कविताक मार्मिक पाँति सेहो श्रोता लोकनिक सोझाँ रखलनि।

युवा कवि चंदन कुमार अपन वक्तव्य मे कहलनि जे कविता हमर एकांत केर सहचरी थीक और ई हमरा अपन संस्कृति और सभ्यता सँ जोड़ैत अछि। भले हम सामाजिक प्राणी छी लेकिन रचनाकार केर तौर पर हम असगर छी आर सामाजिक सरोकार केर बाद सेहो सदिखन अपना केँ असगरे पबैत छी। एना हमरा कविता सँ जीवन जिबाक तागत भेटैत अछि। ओ कहलैन जे मैसाम केर सम्मान भेटला सँ हमर जिम्मेदारी आरो बढि गेल अछि आर ओ एहि सम्मान केँ मैथिलीक चर्चित कवि जीवकांत केँ समर्पित केलनि अछि।

एहि सँ पूर्व ‘वैश्विक परिदृश्य में मैथिली नाटक केर जनसरोकार’ विषय पर व्याख्यानमाला दैत प्रसिद्ध नाटककार महेंद्र मलंगिया कहलैन जे ज्योतिरीश्वर लिखित ‘धूर्त समागम’ कोनो भाषा मे लिखल गेल नाटक मध्य पहिल नाटक थीक। कीर्तन नाटक केर स्थापना मैथिली टा मे भेल आर उमापति उपाध्याय केर योगदान केँ बिसरल नहि जा सकैत अछि। हुनकहि प्रयासक बदौलत कीर्तन केँ दुनियाक सामने एकटा पहिचान भेटल। वर्तमान दौर में ओमप्रकाश भारती, रामगोपाल बजाज जेहेन रंगकर्मी मैथिली नाटक केँ एकटा नव दिशा देबा दिस अग्रसर छथि और हुनकर नाटक जनसरोकार सँ जुड़ल होएत अछि।

अपन अध्यक्षीय भाषण मे सुप्रीम कोर्ट केर पूर्व न्यायाधीश ज्ञान सुधा मिश्र कलैन जे भले हमर पढाई पटना मे भेल मुदा हमर संबंध भागलपुर, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, पूर्णिया, बेगुसराय आदि सँ रहल अछि आर ताहिक संग हम सदैव जुड़ल रहल छी। पटना में चेतना समितिक कार्य केर संग अपन पिता और हरिमोहन झा केर बीचक दोस्ती और साहित्य सानिद्ध्य केर सेहो ओ चर्चा कएलनि। ओ मैथिल लोकक राष्ट्रीय सफलताक चर्चा सेहो अपन संबोधन मे केलनि। अपन भाषा, समाज आ राष्ट्रीय स्वाभिमान मे मैथिलक योगदानक चर्चा सँ ओ उपस्थित जनमानस केँ एकटा गंभीर चेतनाक संग आगामी विकास लेल सजग होयबाक संदेश देलनि।

कार्यक्रमक आरम्भ मैथिली साहित्य महासभा (मैसाम) केर अध्यक्ष अमर नाथ झा द्वारा संस्थाक कार्य और लक्ष्य केर बारे मे जानकारी दैत कहल गेल जे हरेक वर्ष ई संस्था मैथिल साहित्य मे कोनो न कोनो व्यक्ति केर सम्पूर्ण योगदान केँ देखैत मैसाम सम्मान देत तेकर प्रक्रिया चलि रहल अछि। ओ कहलैन जे संस्था द्वारा पुनः आगामी वर्ष २१ फरबरी अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम ओ सम्मान प्रदान कैल जायत। कार्यक्रमक अन्त मे संस्थाक महासचिव संजीव सिन्हा समस्त अतिथि व उपस्थित जनमानसकेँ धन्यवाद ज्ञापन केलनि। मंच संचालन कंत शरण द्वारा कैल गेल। ध्यातव्य अछि जे दीपक फाउंडेशन द्वारा एहि आयोजन मे महत्वपूर्ण सहयोगीक भूमिका निर्वाह कैल गेल।

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