जनकपुर, सितम्बर ३, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
मैथिली जिन्दाबाद पर हालहि प्रकाशित समाचार जाहि मे सुशील कर्ण नाम्ना राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा जानकी मन्दिरक महंथ तपेश्वर दास पर जानलेबा हमला करेबाक आरोप लगाओल गेल छल ताहि सम्बन्ध मे सम्पर्क केला पर अत्यन्त सहज भाव सँ प्रतिक्रिया दैत कहलैन जे हुनका एहि सम्बन्ध मे कोनो तरहक खबैर आ कि शिकायत किनको तरफ सँ नहि भेटलनि। मैथिली जिन्दाबाद महंथजी संग समाचार प्रकाशनक दिन सम्पर्क कएने छल।
माओवादी विचारधारा संग जुड़ल सुशील कर्ण नाम्ना सामाजिक अभियन्ता एहि तरहक आरोप लगौलनि अछि एहि मे कतेक सत्यता छैक? एहि प्रश्नक उत्तर मे महंथजी कहलैन जे ई आरोप ओ कतय लगौलनि, कियैक लगौलनि से सब किछु हुनका जनतब मे नहि आयल अछि। कोनो शिकायत हेतैन तऽ हमरा सँ कहता न! हमरा तऽ ओ बड आदर करैत छथि। लेकिन ओ तऽ कहलैन अछि जे बहुतो तरहक अनियमितता आ परिवारवाद सँ जानकी मन्दिरक अकूत आय स्रोत पर अपने कब्जा केने छी, एहि प्रश्नक उत्तर दैत महंथजी कहलैन से जानकी मन्दिरक कोनो व्यवस्था कोनो आम जनता सँ छपित छैक, कार्यालय छैक, रेकर्ड छैक, आडिटर छैक, सब किछु कागज पर अंकित छैक।
जानकी मन्दिरक पछुऐत मे १४ कट्ठा जमीन कोनो निजी अस्पताल निर्माण लेल दय देलियैक कि? महंथजी कहैत छथि जे ५ कट्ठा जमीन पर लोककल्याण वास्ते अस्पताल निर्माण हेतु भाड़ापर देलियैक। गूठी संस्थान द्वारा निर्धारित अधिकारक उपयोग करैते हम कोनो काज केने छी। अदालत सेहो हमर अधिकार पर खुलस्त राय देने अछि। तैयो यदि राज्य केँ ई बुझाएक जे ई काज गलत कैल गेल तऽ तोड़ि दौक। सुशीलजी व कतेको रास तथाकथित समाजिक अभियानी लोकनि करोड़ोंक निर्माण विकासक नाम पर तोड़बेबे केलैन, ई बुझाएत होएन जे ई काज गलत भेलैक तऽ तोड़बा देथून। हमरा एहि सब सँ कोनो हर्ष आ विस्मय नहि अछि। अपना जनैत जानकीक सेवा मे राति-दिन लागल छी। हमरा पास एतेक समय कहाँ अछि जे एहि सब आरोप-प्रत्यारोप आ गैर-धार्मिक कार्य मे लागब।
कहाँदैन राम-जानकी विवाह मंडप, फूल-माला-प्रसाद आदिक बजार व विभिन्न अन्य स्थान सब भूमाफिया सबकेँ ठेक्का पर लगा देने छी आ एहि सँ भेट रहल आय अहाँक परिवारजन द्वारा दुरुपयोग कैल जाएत अछि? महंथजी कहलैन जे एतय सब किछु निहित व्यवस्था अन्तर्गत पूर्ण पारदर्शिताक संग होएत छैक। कार्यालय छैक, कर्मचारी छैक, संरक्षण कार्य छैक, अन्न क्षेत्र छैक, धर्मशाला आ तीर्थयात्री सब लेल प्रतिदिन भोजन पकाओल जाएत छैक। लगभग १ क्विन्टल अनाज सँ अन्न क्षेत्र संचालित होएत छैक। सब किछु जानकी मन्दिरक विभिन्न आय-स्रोत सँ व्यवस्थित छैक। जिनका किनको देखबाक हो आबिकय कार्यालय मे सब किछु देखि सकैत छी।
कनीदिन पहिने बिजली लाइन काटि देने छल, ताहि मे पढलहुँ जे गूठीक तरफ सँ मालगुजारीक पैसा आदि बहुत बाकी अछि? महंथजी कहलैन जे हँ, बाकी त छैक। बहुत रास आन-आन संस्था सब द्वारा उपभोग कैल बिजलीक पैसा सब बाकी छैक, आर पैसा तऽ भुगतान भेले छैक। गूठीक तरफ सँ मालगुजारीक पैसा नहि भेटल अछि। टीकमगढ स्टेट केर महारानीक देल चढाबा जेकर मूल्य अनमोल छैक, अनगिनती छैक सेहो भरपाई दय केँ गूठी द्वारा अपना अधिनस्थ लेल गेल छैक। लाइन २४ घंटा लेल कटलक, फेर जोड़ि देलक। विवादक कोनो खास कारण नहि छैक।
ई पूछला पर जे किछु लोक महंथ परिपाटीक अन्त करबाक लेल आतूर देखाएत अछि, संभवतः यैह सब चलते बदनामी देबाक प्रयत्न तऽ नहि कय रहल अछि, महंथजी बड़ सहजता सँ कहलैन जे से ई बात अहाँ सब बुझू-गुनू। हम तऽ अपन काज मे लागल छी। एहि सँ पूर्व मे माओवादी नेता गूठीक अध्यक्ष भेल छलाह तऽ हमरा बर्खास्त कय देने छलाह। मुदा न्यायपालिका फेर हमरे पक्ष मे आदेश देलक। हम जनताक इच्छा सँ जानकीक सेवा मे लागल छी। जँ नालायक होयब तऽ जनता कखनहु हमरा पदमुक्त कय सकैत अछि। बाकी कोनो बात लेल हम चिन्ता नहि करैत छी, हमर दायित्व अछि जानकीक सेवा आर ताहिमे सदिखन लागल रहैत छी।
अन्त मे पुनः ओ शिकायतकर्ताक मादे अपन विचार दैत कहलैन जे जँ किनको कोनो शिकायत हेतैन तऽ हमरा लंग आबिकय बजता तखन न हम किछु बुझबो करब। बाहरे-बाहर कतहु बजैत छथि ताहि सँ हम कि सरोकार राखू! किछु लोक छथि जिनका हमर पद आ जिम्मेबारी आँखि मे गड़ैत छन्हि, मुदा हम सदैव जानकी मे समर्पण रखैत अपन काज मे लागल छी, लागल रहब।