एस. सी. सुमन केर पन्द्रहम् एकल मिथिला चित्रकला प्रदर्शनी काठमांडुमे

साक्षात्कारः सुप्रसिद्ध मिथिला चित्रकार एस. सी. सुमन संग

फरबरी २ तारीख सँ सिद्धार्थ आर्ट गैलरी मे मिथिलाक सुप्रसिद्ध चित्रकार सुबोध sc suman12चन्द्र दास ‘सुमन’ जिनकर संछिप्त नाम एस. सी. सुमन बेसी प्रचलित छन्हि हिनकर १५म बेरुक चित्रकला प्रदर्शनी करीब एक मास लेल लगाओल गेल अछि। एहि चित्रकला प्रदर्शनीक समाचार नेपाली राष्ट्रीय मिडिया मे खूब जोर-शोर सँ निरंतर आबि रहल अछि। मैथिली जिन्दाबाद पर सेहो एकरा प्रकाशित करबाक छल, मुदा एहि बीच यात्रहि-यात्रा मे समय बेसी लागि जेबाक कारणे ई समाचार प्रकाशित करबा मे देरी भेल। अतः मिथिला कोसमोज पर आधारित मिथिला चित्रकला प्रदर्शनी केँ केन्द्र मे रखैत एकटा साक्षात्कार मैथिली जिन्दाबाद पर प्रकाशित करबाक लेल नियारलहुँ। एहि बीच विभिन्न ठामक यात्रा रहबाक कारण पूर्व मे समाचार वा जानकारी पर्यन्त प्रकाशित करय सँ चूकल छी, तैँ ई साक्षात्कार सब तरहें मैथिली पाठक केँ जानकारी उपलब्ध करबैत अत्यन्त उपयोगी होयत।

sc suman11जानकारी दैत चली जे श्री एस. सी. सुमन केर चित्रकला सब बेर देश मे विद्यमान राजनैतिक-सामाजिक परिवेश अनुरूप तथा मिथिलाक अमूल्य संस्कृति केँ झलकाबयवाला आ संगहि मिथिलाक लोक-संस्कृति मे पर्यावरण केँ देल जायवला महत्व पर्यन्त केँ विशेषरूप सँ अपन कलाकारिता द्वारा झलकेबाक कार्य होएत आयल अछि। एहि बेर कुल ३२ मे सँ ८ टा चित्र ‘कल्पवृक्ष’ केर थीम पर अछि। कल्पवृक्ष ओहि गाछक नाम थीक जेकर नीचाँ बैसि लोक जे कामना करैत छल वैह पूरा होएत छल, मुदा धीरे-धीरे लोभ सँ ग्रस्त मानव जखन कल्पवृक्ष केर दुरुपयोग करय लागल, तऽ ओकर कामना पूरा करब तऽ दूर ओ गाछ पृथ्वीलोक छोड़ि स्वर्गलोक मे बसबाक लेल चलि गेल आर पृथ्वीलोक केर मानव केँ लिल्लोह कय गेल। किछु तहिना वर्तमान नेपालदेश मे संविधान बनेबाक प्रक्रिया केँ समुद्र मंथन सँ तूलना करैत चित्रकार एस. सी. सुमन अपन मनोभावना केँ कैनवास पर उतारलैन अछि। पूछला पर कहैत छथि जे समुद्र मंथन सँ अमृत आ विष दुनू निकलल, अमृत संविधान केर रूप मे नेपालदेश केँ भेटल, मुदा ताहि सँ असन्तोषरूपी विष सेहो निकलल अछि आर तेकर प्रभाव सँ देश मे अशान्ति-अराजकता आयल। एकर व्यवस्थापन करबाक लेल राज्य केर शासक, सत्ता आ जनता सबकेँ जिम्मेवार बनय पड़त। किछु ताहि सब भावना केँ समेटैत एहि बेरुक ‘मिथिला कोस्मोस – चतुर्थ’ नाम सँ ई प्रदर्शनी लगाओल जेबाक जानकारी देलनि अछि। आउ, हिनका संग भेल अन्तर्वार्ता पर एक दृष्टि राखी।

sc suman10हमः मिथिला चित्रकलाक संसार मे एस. सी. सुमन केर नाम एकटा स्थापित ध्रुवताराक समान अछि। नेपालक मिथिला सँ ई तारा वर्तमान मे अपना केँ कोन स्थान पर पबैत छथि? एहि मे मिथिला चित्रकला केँ कोनो श्रेय?

सुमन भाइः नमस्कार प्रवीण जी! सर्वप्रथम हम मिथिला चित्रकला संसार केर ध्रुबतारा छी वा नहि से हमरा नहि बुझल अछि। आब नेपाल केर सन्दर्भ मे हमर जीवनक ३० वर्षक कलायात्राक क्रममे निरन्तर डेग बढबैत आयल छी, समय-समय पर राज्य द्वारा प्रोत्साहन व सम्मान भेटैत आयल अछि। सबटा श्रेय मिथिला चित्रकला केँ जाएत छैक।

sc suman1हमरा लगैत अछि जे हम चित्रकारी केर अलाबा किछ नहि कय सकैत छी। आइ धरि किछ नहि केलउ, केवल चित्रकारी, ओहुमे मात्र मिथिला कला । हम आइ धरि जे केलहुँ ओकर श्रेय सब मिथिला चित्रकला केँ जाएत छैक ।
हमः हाल धरि नेपाल व अन्यत्र कतय-कतय अपनेक चित्रकलाक प्रदर्शनी लागल? एखन जे काठमांडू मे एक महीना लेल प्रदर्शनी लागल अछि तेकर पृष्ठभूमि पर पाठक लेल जानकारी देल जाउ।

sc suman2सुमन भाइः एखन धरि नेपाल, फ्रान्स, जापान, बंग्लादेश, आस्ट्रेलिया मे हमर कला प्रदर्शनी भऽ चुकल अछि। एखन काठमांडौ मे हमर पन्द्रहम एकल प्रदर्शनी चलि रहल अछि। मिथिला कसमस – चतुर्थ “कल्पबृक्ष” नाम सँ भऽ रहल अछि। प्रदर्शनी केर नाम अनुरूपे सन २०१३ केर प्रदर्शनीक बाद तहिया सँ २०१५ केर अन्त धरि नेपालदेशक राजनैतिक अवस्था मे आबि रहल आरोह-अवरोह केँ समेटिकय बनाओल गेल विभिन्न कलाकृति एहि प्रदर्शनी मे विशेष रूप सँ प्रदर्शित कएल गेल छैक। कल्पबृक्ष यानि कल्पना केर बृक्ष। मानव जाति जे सोचय सय्ह देबऽवाला बृक्ष। 

sc suman3एहि प्रदर्शनी मे नेपालक संविधान सभा केर दोसर बेरुक निर्वाचन, महाभुकम्प समान त्रासदीपूर्ण घटना सँ आहत पहाड़ी क्षेत्र, ताहि ठाम चलाओल गेल द्रुत राहत कार्य मे मधेशक जनसहभागिता, संविधान जारी करबाक तौर-तरीका, संविधान सँ पसरल असन्तुष्टि तथा ओकर नकारात्मक पक्षक संग मधेस मे चलल आन्दोलन, सामाजिक सद्भावना केर प्रसारक आद्श्यकता आदि पर मूल रूप सँ एहि बेर पेन्टिंग सब बनौने छी। 

sc suman4हमः सुनबा मे आयल जे प्रदर्शनी मे साधारण कीमत सँ बेशकीमती पेन्टिंग सेहो राखल गेल अछि। एकर मूल्य मे एतेक अन्तर केर कि आधार होएत छैक?

सुमन भाइः कलाकृती केर मूल्य बहुत पक्ष पर विचार करैत निर्धारण कएल जाएत छैक। कलाकृती अपने आप मे अमूल्य होइत छैक। कलाकार द्वारा विषय-बस्तु, सोच, दृष्टिकोण आदिक प्रस्तुतीकरण, रंग-संयोजन, परम्परागत शैली (प्राकृतिक रंगक प्रयोग), कलाकारक कलायात्रा केर अनुभव, एहि सब पक्ष पर समुचित संयोजन सँ मूल्य निर्धारण होएत छैक। कलाकार अपन कलाकृती केर मूल्य अपने टा निर्धारण कय सकैत छथि। एहि बेरुक पेन्टिंग मे सेहो विभिन्न रेन्ज केर चित्र सबहक समावेश कैल गेल अछि। ३८ हजार सँ ९९ हजार धरिक आर किछु विशेष चित्रकला ओहो सँ कीमती सब संकलन मे समेटल गेल अछि।

sc suman5हमः एस. सी. सुमन केर मिथिला पेन्टिंग व अन्य पेन्टिंग मे कलाकारिताक खासियत पर सेहो प्रकाश देल जाउ।

सुमन भाइः आब हमर पेन्टिंग केर खासियत – पहिने उल्लेखित चर्चा अनुरूप बुझल जेबाक चाही। जेना कि चित्रकारी सँ पूर्व एकटा निश्चित विषय केर चुनाव जे जनसरोकार व जनोपयोगी हो, जनभावना केँ जे अपन कला सँ छूबि सकैत हो, प्रदर्शनीक मार्फत कलाकृती केर प्रदर्शन करबाक सामर्थ्य राखयवला कलाकृति केर निर्माण हो, कला प्रति सघन साधना आ पूर्ण समर्पण, अपन माटि-पानि संग भरपूर परिचिति आदि कलाकार आ कलाकृती केँ खास बनबैत छैक।

sc suman6हमः एहि बेरुक प्रदर्शनी करीब एक पखवाड़ा बीत चुकल अछि। केहेन भेट रहल अछि पब्लिक रेस्पान्स – विजिटर्स कतेक उत्सुक छथि? एहि बेर मैथिल जनमानस केर संख्या बढल वा नहि?

सुमन भाइः कलाकार, कला अनुरागी, विदेशी कुटनीतिज्, छात्र, पत्रकार तथा आम लोक जिनकर पेन्टिंग मे रुचि रहैत छन्हि, हिनका सबहक उल्लेख्य उपस्थिति भेट रहल अछि। बिक्री संतोषजनक छैक। मैथिल जनमानसक उपस्थिति पूर्ववत् – संभवतः बारीक पटुआ तीत वला हालात एखन धरि यथावते अछि। 

sc suman8हमः नेपाली राष्ट्रीय मिडिया द्वारा अपनेक पेन्टिंग प्रदर्शनी पर बढियां कवरेज देखि मोन प्रसन्न भेल। कहल जाएछ जे नेपाल केर मिडिया मे मधेस वा मधेसक धरोहर आदि पर ओतेक सकारात्मक कवरेज नहि भेटैत छैक। अपनेक कि प्रतिक्रिया अछि नेपाली राष्ट्रीय मिडियाक सहकार्य बारे मे?

सुमन भाइः एहि मे कतहु दुइ मत नहि जे मिथिला चित्रकला प्रति नेपाली मिडिया सब दिन सकारात्मक सोच रखलक। हमरा सेहो पत्रकारवर्गक सहयोग सब दिन सँ भेटैत रहल अछि। अहुबेर भेटल। नेपाली राष्ट्रीय मिडिया प्रती आभारी छि। 

sc suman9हमः एहि बेर प्रदर्शनी एकल अछि वा अन्य-अन्य कलाकारक संग? आयोजन अपनहि तरफ सँ या फेर कोनो सहयोगी संस्था सेहो अछि?

सुमन भाइः ई हमर पन्द्रहम एकल प्रदर्शनी थीक। कोनो सह्योगी सँ संस्था नहि आछी। सब खर्च हम अपने केने छी।

हमः मैथिली जिन्दाबाद केर पाठक व खासकय मैथिल जनमानस लेल पेन्टिंग सम्बन्धी तथा प्रदर्शनीक मादे कि सब कहय चाहब?

सुमन भाइः मिथिला मे चित्रकला पर बहस कियैक नहि भऽ पबैत छैक? उदाहरण क लेल अखन काठमाडौं मे जारी हमर प्रदर्शनी केँ भारतीय मिथिला मिडिया मे कियक नै कोनो खबैड़ आयल अछि? खाली नेपाली मिडिया मे मात्र चर्चा कियैक? कि इ उचित?

सुमन भाइ समान उच्च मूल्यवान् स्रष्टा जिनका सँ हमरा लोकनिक संस्कृति ओ सभ्यताक मानवर्धन होएत अछि तिनकर प्रश्न मैथिल समाज लेल छोड़ल जा रहल अछि। एकर अनुकूल जबाब हमरा सब केँ तकबाक चाही।