मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल पटनाक तेसर दिन मोक्षदायिनी

पटना। फरबरी १७, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

mlf n2हालहि संपन्न १२-१४ फरबरी, २०१६ पटनाक यूथ होस्टल मे मैथिली लिटरेचर केर तेसर दिन पहिल दुइ दिवसक भव्य सफलताक उत्सव मनेबा समान आयोजित भेल।

तेसर दिन प्रदर्शनी मे राखल सब स्टाल आदि पर खूब भीड़ लागल रहल। दूर-दूर सँ सहभागी बनल साहित्यकार एवं आगन्तुक लोकनि सँ सेहो भेंटघांट करबाक लेल स्थानीय पटना निवासी मैथिल जनमानस केर खूब करगर जुटान भेल छल।

mlf n3कार्यक्रम पूर्ववत् अलग-अलग सत्र मे बँटल आर विमर्शी तथा संचालक केर निर्धारित नाम संग बढैत रहल। हरेक सत्र मे चयनित विषय आ विमर्शक तागत एतेक छल जे सहभागी समस्त आगन्तुक अतिथि एवं जनमानस केँ अपन भाषा आ साहित्यक ओज सँ सुपरिचित करा रहल छल।

तेसर दिनुक पहिल सत्र मे प्रा. परमेश्वर कापड़ि केर नव प्रकाशित रचना ‘पथार’ पर डा. रमानन्द झा रमण केर संचालन मे एकटा अत्यन्त ज्ञानवर्धक तथा विचारोत्तेजक विमर्श कैल गेल। एहि विमर्श मे सहभागी स्रष्टा लोकनि मे वरिष्ठ साहित्यकार डा. तारानन्द वियोगी तथा रमेश केर संग नव पीढीक साहित्यकार अतुलेश्वर झा केर सहभागिता रहल छल।

mlf n4डा. रमानन्द झा रमण केर संचालन मे विमर्श अत्यन्त संतुलित आर कहि सकैत छी जे सर्वाधिक सार्थक  सेहो रहल छल, कारण एहि सत्र मे तीन स्पष्ट रेखांकनक संग विमर्शी सब सँ विचार मांगल गेल जाहि सँ व्यर्थ भटकाव कतहु नहि भेल आर सौंसे घन्टा भरिक समय केवल अनुकूल विचार तथा जानकारी सँ श्रोता-दर्शक केँ लाभान्वित करैत रहल। कथ्य, भाषा ओ साहित्य शैली पर आधारित एहि सत्र मे परमेश्वर कापड़ि केर रचना पथार पर चर्चा सँ स्वयं लेखक सेहो लाभान्वित भेलाह ई प्रतिक्रिया सत्र उपरान्त ओ देलनि।

mlf n5मैथिली भाषाक मापदंड निर्धारणक आवश्यकताक संग शब्दकोश मे मैथिलीक जनबोली केँ जोड़बाक आवश्यकता पर सेहो विमर्श भेल छल। साहित्यकार रमेश केर नजरि मे पथार केँ पूरा पढि लेनाय चुनौतीपूर्ण भले हो लेकिन एकर लाभ हर रूप मे भेटत। तखन एक्कहि शब्द केँ अलग-अलग शैली मे लिखब कतहु न कतहु एकर भाषाशैली पर प्रश्न ठाढ करैत अछि ओ कहलनि। प्रश्नकर्ताक तरफ सँ प्रवीण नारायण चौधरी नेपाल मे सम्पन्न मैथिली महासम्मेलनक जनादेश ‘जएह बजैत छी सएह मैथिली’ अनुरूप पथार मे प्रयुक्त भाषा उचित अछि वा नहि ताहि पर राय मंगने छलाह जाहि प्रति परमेश्वर कापड़ि संतोष व्यक्त केलनि आर कहलैन जे एक्के शब्द अलग-अलग पात्र द्वारा अलग-अलग रूप मे बाजल जाएत अछि – ताहि अनुसारे हुनकर पोथी मे ओ शब्द सब प्रयोग कैल गेल अछि।

mlf n6तदोपरान्त शुरु भेल किशोर केशव केर संचालन मे ‘कथा केर नाट्य प्रस्तुति’ पर विमर्श जाहि मे विज्ञ विमर्शी जन छलाह वरिष्ठ रंगकर्मी एवं नाट्य निर्देशक रविन्द्र बिहारी राजू, ऋषि वसिष्ठ एवं अभिनेता आशुतोष अभिज्ञ। ई सत्र सेहो संचालक किशोर केशव केर रंगक्षेत्र मे अनमोल अनुभव केर संग शुरु भेल, हुनका द्वारा सब तकनीकी पक्ष पर सेहो समुचित प्रकाश दैत कोना एकटा कथा केर नाटकीय प्रस्तुति सँ साहित्य केर हित होयत, पठन संस्कृति मे आयल कमी सँ कथा-साहित्य प्रति लोकमानस मे रुझान आओत आर आइ धरि कोन-कोन भाषा मे कथा सँ कतेक नाटक बनि सकल अछि, मैथिली मे कि-कतेक कार्य भेल, आदि अनेको रास जानकारी दैत विज्ञ विमर्शी लोकनिक विचार सेहो लेने छलाह। संगहि सत्र मे सहभागी एक विमर्शी सह अभिनेता आशुतोष अभिज्ञ द्वारा कथा केँ कोना नाटकरूप मे प्रस्तुत कैल जाएछ, कोना एकल अभिनय द्वारा सौंसे कथाक प्रस्तुति होएछ आर एक्के व्यक्ति कोन तरहें अलग-अलग पात्र केर भूमिका केँ जिवन्त रूप मे रंगमंच पर प्रस्तुत करैत अछि तेकर प्रदर्शन करैत उपस्थित दर्शक केँ प्रेरित केने छल। प्रश्नकर्ताक रूप मे कुमार गगन एवं कुनालक संग-संग कमल मोहन चुन्नू सेहो एहि सत्र द्वारा राखल गेल विचार पर आरो विस्तार सँ आलोचनात्मक प्रस्तुति करबाक लेल प्रस्तोता किशोर केशव व विमर्शी लोकनि केँ बाध्य कएने छलाह। हर तरहें ई एकटा नव विमर्श रहितो जनमानस मे खूब लोकप्रिय होयबाक संग-संग काफी रोचक आर ज्ञानवर्धक रहल।

mlf n7तेसर दिनुक तेसर सत्र मैथिली लघु फिल्म केर प्रदर्शन छल जाहि मे एकटा टेलीफिल्म केर प्रदर्शन कैल गेल छल। एहि सत्रक संचालन किसलय कृष्ण कएलनि। विमर्शीक तौर पर कुणाल, चन्दन झा तथा अमोद चौधरी एहि मे सहभागी छलाह। मैथिली फिल्म केर बाजार ओ वितरण केर समस्याक संग गुणस्तर पर गरम चर्चा भेल। प्रदर्शित टेलीफिल्म हाल धरि टेलिविजन पर प्रसारित नहि होयबाक तीख प्रश्न सँ आरम्भ एहि चर्चा मे चन्दन झा द्वारा प्रश्नक उत्तर मे प्रतिप्रश्न सब ठाढ कैल गेल छल। जखन कि अमोद चौधरी समस्याक निदान तरफ बहस केँ केन्द्रित करबाक अनुरोध केलनि। कुणाल द्वारा प्रदर्शित फिल्म केर स्वरूप पर असन्तोष प्रकट कैल गेल छल। किसलय कृष्ण समान मैथिली फिल्म विशेषज्ञ केर संचालन मे एहि सत्रक महत्व सेहो दर्शक द्वारा खूब सराहल गेल छल। सभा एहि बात पर राजी छल जे कोनो भाषाक विकास मे फिल्म केर भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण छैक। तहिना मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल केर उद्देश्य जे मैथिली केँ बाजार सँ जोड़ल जाय ताहू मे फिल्म केर योगदानक आवश्यकता छैक, अतः एहि दिशा मे सरोकारवाला आरो गंभीरता सँ सोचि उमदा प्रदर्शन आ तैयारी करैथ ई अपेक्षा राखल गेल छल।

mlf n8फेस्टिवलक अन्तिम दिनक चारिम सेशन मे राखल गेल छल ‘मेगा कवि गोष्ठी’ जाहि मे दर्जनों कवि लोकनि सहभागी भेलाह। एकर संचालन वरिष्ठतम् कवि उदयचन्द्र झा विनोद कएलनि। जखन कि सहभागी मे अरुणाभ सौरभ सम् युवा सँ बुजुर्ग डा. भीमनाथ झा धरि सहभागी भेलाह। अजित आजाद, दिलीप झा, उदय नारायण सिंह नचिकेता, विद्यानन्द झा, राम लोचन ठाकुर, बुद्धिनाथ मिश्र, रघुनाथ मुखिया, मंजर सुलेमान, श्याम दरिहरे, तारानन्द वियोगी, रमेश, आदि मैथिलीक नामी-गिरामी कवि लोकनि अपन-अपन कविताक वाचन कएलनि। एहि सत्रक सबसँ पैघ खासियत रहल संचालक उदयचन्द्र झा विनोद केर विनोदपूर्ण आ ठेसल शब्द केर अभिभावकत्व मे संचालन, हुनकर बीच-बीच मे वाह-वाह केर संबोधन सँ प्रस्तोता लोकनिक मानवर्धन आर कतहु-कतहु तीख आलोचना बेवाकी सँ राखबाक अदा केँ श्रोता खूब पसिन कएलैन।

mlf n9कवि-गोष्ठी उपरान्त स्वस्ति फाउन्डेशन द्वारा हरेक वर्ष देल जायवला प्रबोध साहित्य सम्मान २०१६ वरिष्ठ मैथिली उपन्यासकार एवं ममता गाबय गीत मैथिली फिल्म केर निर्माता केदारनाथ चौधरी केँ हस्तान्तरण कैल गेलनि। एहि सम्मान कार्यक्रम केर संचालन वरिष्ठ मैथिली साहित्यकार एवं मिथिला दर्शन केर संपादक राम लोचन ठाकुर कएलनि। हुनका द्वारा सम्मानित स्रष्टा केदारनाथ चौधरीक आजीवन योगदान पर प्रकाश देल गेल छल। तहिना एहि सत्रक विशिष्ट अतिथि महेन्द्र नारायण कर्ण छलाह जे स्वस्ति फाउन्डेशनक एहि योगदान केँ मैथिली भाषा-साहित्य लेल अति विशिष्ट कहैत प्रबोध नारायण सिंह केर जीवन पर प्रकाश देने छलाह। तदोपरान्त सम्मानित स्रष्टा केदारनाथ चौधरी अस्वस्थताक कारण अपन बात संछेप मे राखि अपन विचार केँ लिखित रूप मे संचालक रामलोचन ठाकुर केँ हस्तान्तरित करैत ओकरा पूरा पढिकय श्रोतावर्गक सोझाँ रखबाक निवेदन कएने छलाह। संचालक द्वारा हुनकर विचार मे मिथिला केर अपन राज्य नहि होयब तथा मैथिल केर पहिचान वर्तमान समय भ्रमित होयबाक चिन्ता प्रकट कैल गेल छल। तहिना ओ समस्त मिथिला क्षेत्र मे सब जातिक आगाँ ‘मैथिल’ केर प्रयोग करैत जातीय विखंडन सँ समाज केँ बचेबाक जोरदार अपील कएने छलाह। अपना तरहें ओ मिथिलाक सब तैर एक्कहि दिन विद्यापतिक स्मृति समारोह मनेबाक आह्वान करैत एक बेर फेर सँ मिथिलाक अपन गरिमा केँ स्थापित करबाक अनुरोध केने छलाह। स्वस्ति फाउन्डेशनक संचालक तथा मैथिली साहित्यकार – भाषाविद् उदय नारायण सिंह नचिकेता द्वारा प्रबोध साहित्य सम्मान केर चयन प्रक्रिया पर प्रकाश देल गेल छल। तहिना स्वस्ति फाउन्डेशनक दोसर संचालक अभय नारायण सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कैल गेल छल।

mlf n10तेसर दिनक अन्तिम सत्र मे मैथिली फिल्म केर प्रदर्शन कैल गेल छल। तदोपरान्त समापन समारोह मे कमल मोहन चुन्नू द्वारा समदाउन गाबि सभाक अन्त होयबाक घोषणा कैल गेल। मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल फेर ऐगला वर्ष समय पर हो एहि शुभकामनाक संग अतिथि लोकनि एक-दोसर सँ विदाइ लैत सभास्थल सँ अपन-अपन घर लेल प्रस्थान कएलनि। निश्चित रूप सँ एहि उत्सवक महत्व मैथिली भाषा ओ साहित्य लेल एकटा नव प्राणतत्त्वक रूप मे कार्य कएलक। तेसर दिन सेहो किछु रास मैथिली पोथीक विमोचन साहित्यकार लोकनिक हाथ सँ भेल जाहि मे प्रेमक टाइमलाइन, फेर सँ हरियर आदि शामिल छल।