झंझारपुर, मधुबनी। २१ जनबरी, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
चलू शिव कोबरा के चालि हे, दोपटा ओढू भोला! अछि भरि नगर हकार हे, भल मानुस टोला!! – एहेन-एहेन कतेको रास गीति-रचनाक प्रस्तुतिक संग डा. विश्वेश्वर झा द्वारा कविश्वर चन्दा झा केर १८६म जयन्ति काल्हि २० जनबरी झंझारपुरक जनता महाविद्यालयक प्रांगण मे आयोजित समारोहक अध्यक्षता करैत संबोधन केलनि।
समारोहक आरम्भ कविश्वर चन्दा झा केर प्रतिमा पर फूला-माला अर्पण एवं दीप्ति प्रज्ज्वलनक संग कैल गेल। मैथिली रामायणक रचयिता कविश्वर चन्दा झा केर एहि १८६म जन्म जयन्ति दिवस पर आयोजित समारोह मे विभिन्न ठाम सँ आयल दर्जनों मैथिली भाषा-साहित्यक दिग्गज पुरोधा ओ स्वयंसेवी अभियानी लोकनि कविश्वर केर आजीवन योगदान – व्यक्तित्व ओ कृतित्व पर चर्चा कएलनि।
डा. खुशीलाल झा कहलैन जे मातृभाषा मायक दूध समान होइछ जेकर पोषण तत्त्व आजीवन काज लगैत अछि। एहि दूधक कर्ज केँ मनन करब सब मैथिलीभाषीक परम कर्तब्य थीक। डा. देवकान्त झा कविश्वर चन्दा झा केँ आदिकवि बाल्मीकि सँ तूलना करैत मैथिलीक बाल्मीकि कहिकय सम्मान देलनि। मैथिली भाषाक ताहि दिन मे ‘मिथिला भाषा’ सँ संबोधन होयबाक कारणे हुनक रामायण केर नाम ‘मिथिला भाषा रामायण’ राखल गेल ओ कहलैन। संगहि चन्दा झा रचित शिव नचारी ‘हे हर के करए आदर मोर…’ सस्वर पाठ करैत कविश्वर केँ श्रद्धाञ्जलि शब्द अर्पण सेहो डा. देवकान्त द्वारा कैल गेल।
साहित्यांगन केर कृतज्ञ मिथिला – झंझारपुर द्वारा आयोजित कार्यक्रम बुध दिन ललित नारायण जनता महाविद्यालय – झंझारपुर केर प्रांगण मे आयोजित कैल गेल छल। एहि अवसर पर आरो वक्ता लोकनि अपन-अपन संबोधन मे कविश्वर केर जीवन पर प्रकाश देने छलाह, ओ सब कहलैन जे चन्दा झा केर प्रयास केँ मैथिली ओ मिथिला लेल भागिरथी प्रयास कहब हुनका प्रति सत्य श्रद्धाञ्जलि होयत।
एहि कार्यक्रमक मुख्य अतिथि डा. जगदीश मिश्र दीप्ति प्रज्ज्वलन करैत कार्यक्रमक विधिवत् उद्घाटन कएने छलाह। हुनक अतिरिक्त आरो विशिष्ट उपस्थित स्रष्टा ओ अतिथि लोकनि मे साहित्य अकादमीक टैगोर सम्मान सँ पुरस्कृत मैथिली साहित्यकार जगदीश मंडल, प्रो. केदारनाथ मिश्र, डा. सतीरमण झा, डा. विश्वनाथ झा, आकाशवाणी दरभंगाक काशीनाथ झा, प्रख्यात उद्घोषक रामेश्वर ठाकुर, प्रो. भैरवेश्वर झा, प्रो. प्रीतम कुमार निषाद, पंजिकार पं. विभूतिनाथ झा, डा. बुचरू पासवान, साहित्य अकादमी सँ सम्मानित युवाकवि आनन्द मोहन झा सहित अन्य वक्ता लोकनि सेहो अपन – अपन विचार रखने छलाह।
कविश्वर चन्दा झा केर संग एक्कहि तिथि पर आरो विभिन्न मैथिली ज्योतिपुरुष स्रष्टा-साहित्यकार केँ एकत्रित रूप मे स्मरण करैत सबहक व्यक्तित्व-कृतित्व पर संछिप्त चर्चा कैल गेल – जेकरा एकटा अभिनव प्रयोग कहल जा सकैत अछि। आमतौर पर मैथिली-मिथिलाक कोनो कार्यक्रम मे केन्द्रित विषय सँ इतर कम्मे चर्चा कैल जेबाक एकटा परंपरा रहल अछि, लेकिन संयोजक मलयनाथ मंडनक एहि नव प्रयास प्रति सराहनाक शब्द सँ अभिभूत साहित्यकार लोकनि एहेन भावना व्यक्त केलनि। एहि समारोह मे धूमकेतु, कविशेखर बद्रीनाथ झा, कविवर सीताराम झा, साकेतानन्द, प्रभास कुमार चौधरी, लल्लन प्रसाद ठाकुर आदि केँ स्मृति मे आनल गेल छल।
आयोजक संस्था साहित्यांगन केर सहयोगी संतोष एवं सुमन जीक संग संस्थापक तथा कार्यक्रम संयोजक मलयनाथ मंडन सभा मे सहभागी मनीषि-विद्वत्-साहित्यसेवी एवं समाजसेवी लोकनि केँ स्वागत, धन्यवाद ज्ञापनक संग-संग आभार प्रकट कएलनि। एहि गरिमामय कार्यक्रमक संचालन आनन्द कुमार मिश्र द्वारा अत्यन्त कुशलतापूर्वक संपन्न कैल गेल। कार्यक्रमक अन्त हालहि स्वर्गीय साहित्यकार डा. राम मोहन झा, पंडित मन्त्रनाथ मिश्र एवं नाटककार गुणनाथ झा केँ एकत्रित रूप सँ श्रद्धाञ्जलि अर्पण करबाक निमित्ते सब कियो दुइ मिनटक लेल मौन धारण कएलनि।
कार्यक्रमक आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करैत अजित आजाद मैथिली जिन्दाबाद केँ जानकारी करौलनि जे मधुबनी अपन इतिहास केँ फेर सँ दोहराबैत मैथिली भाषा ओ साहित्य हेतु उर्वरकता बढाबय लागल अछि, ई बहुत नीक संकेत थीक आर एहि सँ मिथिलाक मान-वर्धन तऽ हेब्बे करत, संगहि भारतवर्ष मे सेहो मैथिली ओ मिथिलाक झंडा एक बेर एहि मणीषिगणक धरती द्वारा फहरायत से विश्वास अछि।
मैथिली जिन्दाबाद केर तरफ सँ आयोजक-संयोजक व समस्त मधुबनीवासी स्रष्टा प्रति नमनक संग बधाई ज्ञापन कैल जा रहल अछि। मैथिलीक जिन्दाबाद, तखनहि मिथिलाक जिन्दाबाद!! जय मिथिला – जय जय मिथिला!!