भाषा-साहित्य केर संरक्षण-संवर्धन पर ३२,८०३ टाकाक खर्च, लेकिन केजरीवाल सरकार द्वारा भाषिक संगठनक नाम पर राजनीति करबाक एकमात्र कार्यक्रम पर ७,६२,३५६ टाकाक खर्चः सूचनाक अधिकार प्रयोग सँ अमर नाथ झा कयलनि अछि पर्दाफाश!!
दिल्ली, दिसम्बर ३०, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!
ई साल २०१५ अपन अन्तिम दिनक संध्या पर अछि, लेकिन आइये एकटा बड पैघ पर्दाफाश भेल अछि। विगत किछु मास पूर्वहि ‘मैथिली भोजपुरी अकादमी, दिल्ली’ केर मंचक दुरुपयोग करैत दिल्ली मे सत्तासीन अरविन्द केजरीवाल सरकार द्वारा राजनीतिक हित-साधना कैल जेबाक कुत्सित कार्य केँ मैथिली भाषा ओ मिथिला संस्कृति अभियानी – समाजसेवी तथा भाजपा – दिल्लीक प्रदेश मंत्री अमर नाथ झा विरोध केने छलाह, फलस्वरूप ई विरोध राष्ट्रव्यापी चर्चाक विषय बनि गेल छल।
हलांकि एहि समारोह द्वारा मैथिली भाषाक किछु समर्पित स्रष्टा लोकनि केँ सम्मान देबाक एक महत्वपूर्ण कार्य सेहो कएने छल, मुदा ओ खाली देखाबा छल – ई आरोप लगौने छलाह अमर नाथ झा। हुनकर कहब छलन्हि जे बिहार केर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केँ वोटक फायदाक लेल एकटा गलबैंयाँ मिलन कार्यक्रम करैत दिल्लीक मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अपन मोदी-विरोधी मानसिकता केँ पुष्ट करबाक लेल आयोजन कएलनि, लेकिन ताहि आयोजन लेल ओ जानि-बुझि मैथिलीभाषी व भोजपुरीभाषीक वोट केर ध्रुवीकरण करबाक छूपल एजेन्डा संग एकटा साहित्यिक मंचक दुरुपयोग कएलनि। राजनीतिक कार्यक्रम लेल साहित्यिक मंचक दुरुपयोग केर भर्त्सना करैत कार्यक्रम स्थल बाहर ओ धरना-प्रदर्शन सेहो कएने छलाह। जेकरा पर समूचा राष्ट्रीय मिडिया द्वारा सेहो हुनक विरोधक सराहना करैत चर्चा चलायल गेल छल। लेकिन सत्ताक कुर्सी पर जएबा सँ पूर्व आम आदमी (जनता) केँ अनेको लोक-लुभावन बोली-वचन देनिहार आर भ्रष्टाचार केँ समूल नष्ट करबाक बड़-बड़ दाबी कएनिहार अरविन्द केजरीवाल मुख्यमंत्रीक गद्दी पबिते एतेक पैघ भ्रष्टाचार स्वयं करता ई जनताक विश्वास पर कुठाराघात भेल अछि।
सूचनाक अधिकार प्रयोग करैत अमर नाथ झा द्वारा तीन महत्वपूर्ण प्रश्न पूछल गेल छल। प्रश्न संख्या १ मे बिहार सम्मान समारोह पर कुल खर्चक मादे पूछल गेल प्रश्नक जबाब मे कहल गेल अछि जे कुल खर्च रु.७,६२,३५६.०० केर खर्चा आयल। दोसर प्रश्न जे एना साहित्यिक मंच केर कार्यक्रम द्वारा आम आदमी पार्टी सँ जुड़ल ११ विधायक लोकनि केँ कोन साहित्यिक योगदान लेल सम्मान कैल गेल, तेकर जबाब मे कहल गेल अछि जे विधायक सबकेँ सम्मान नहि देल गेल वरन् सामान्य शिष्टाचार मुताबिक हुनका लोकनिक पृष्ठभूमि केँ देखैत सम्मानित टा कैल गेल। तेसर आर अत्यन्त सान्दर्भिक प्रश्न जे एहि संस्था द्वारा भाषा ओ साहित्य विकास लेल पैछला तीन आर्थिक वर्ष मे मैथिली आ भोजपुरी पत्र-पत्रिका तथा समृद्धि लेल कुल कतेक खर्च कैल गेल अछि, तेकर जबाब मे जे जबाब देल गेल अछि ओ संस्थाक मंशा पर बहुत पैघ सवाल तऽ ठाढ करिते अछि, हालहि संपन्न विवादित बिहार सम्मान समारोह पर कैल गेल खर्चक तूलना मे ई अत्यन्त शर्मनाक आ घटिया स्तरक कार्य केँ सेहो प्रमाणित करैत अछि। एहि दुइ वर्षक खर्च दैत जबाब देल गेल अछि जे वर्ष २०१४-१५ मे प्रकाशन सहयोग योजना मे रु.३०,०००.००, पुस्तक खरीद रु.१,५००.०० आर वर्ष २०१५-१६ मे रु.१,३०३.०० केर पुस्तक खरीद यानि कुल खर्च एहि दुइ वर्ष मे रु.३२,८०३.०० कैल गेल अछि जे एकटा सम्मान दिवसक नाम पर कैल गेल खर्चक बीसमो भाग सँ न्यून अछि।
श्री झा द्वारा उठायल गेल प्रश्न, सूचनाक अधिकार केर प्रयोग, ताहि सँ प्राप्त जबाब आर पूर्व मे श्री झा एवं सहयोगी लोकनि द्वारा कैल गेल ओहि राजनीति सँ प्रेरित कार्यक्रमक विरोध अपन बात आइना जेकाँ झकझकाइत राखि रहल अछि। एहि सँ सब किछु दूधक दूध आ पानिक पानि भऽ गेल अछि। मैथिली भाषा हो या भोजपुरी भाषा, जाहि उद्देश्य लेल अकादमीक स्थापना कैल गेल छल ताहि दिशा मे दुनू भाषाक पृष्ठपोषण हेतु मंचक केहन सदुपयोग भेल से स्पष्ट अछिये, दुरुपयोग कोन रूप मे आ केहन व्यक्तित्व द्वारा भेल सेहो एकटा बड पैघ सवालक संग घपलाक रूप देखबैत अछि। अरविन्द केजरीवाल व हुनक कार्यप्रणाली मे भ्रष्टाचारक एहि सँ नांगट रूप दोसर कि भऽ सकैत अछि – ई सवाल हाल लेल अनुत्तरित अछि।