विद्यापतिधाम – लछमिनियां केर वार्षिकोत्सव संपन्न भेल

लछमिनियां, सहरसा। अक्टुबर २०, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

lachhminiyaपैछला वर्ष १९ नवंबर केँ उद्घाटित विद्यापतिधाम केर वार्षिकोत्सव पुनः एहि वर्ष १९ नवंबर केँ भव्यताक संग समारोहपूर्वक मनाओल गेल।

कार्यक्रमक मुख्य अतिथि मैथिली जिन्दाबाद केर प्रधान संपादक प्रवीण नारायण चौधरी तथा उद्घाटनकर्ता कर्नल गौतम राजर्षि सहित अनेकानेक गणमान्य विभूति लोकनि द्वारा दीप प्रज्वलनक संग समारोहक आरंभ भेल छल। किसलय कृष्ण केर संचालन मे अध्यक्षता भूमिदाता देवनाथ यादव तथा संयोजक भोगेन्द्र शर्मा निर्मल द्वारा समस्त आगन्तुक अतिथि लोकनिक स्वागत कैल गेल छल।

पत्रकार सह अभियानी शैलेन्द्र शैली, पत्रकार एवं कवि सुभाषचंद्र झा, समाजसेवी एवं राजनीतिकर्मी सुमन समाज, मैथिली साहित्यकार रामेश्वर निशांत, ऋषि वशिष्ठ तथा सतीश मेहता साजन सहित अनेकों गणमान्य मिथिला विभूति लोकनिक संबोधन सँ उद्घाटन सत्र संपन्न भेल। तहिना स्थानीय नेतृत्वकर्ता सह गामक मुखिया अरविन्द यादव व अन्य द्वारा लछमिनियां मे स्थापित विद्यापतिधाम पर विस्तार सँ चर्चा कैल गेल।

लछमिनियां गाम केर नामकरण मे रहस्य रहबाक बात ओना तऽ मंच-संचालक किसलय कृष्ण अपनहि केलनि, परञ्च विश्लेषण प्रखर वक्ता तथा मैथिली साहित्यकार अजित आजाद द्वारा कैल गेल। प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा एहि गामक धाम रूप मे परिणति पर प्रसन्नता व्यक्त करैत आम जनसमूह सँ भाषिक पहिचान पर एकता बनबैत अपन अधिकार लेल संघर्ष मे सेहो एकजुटताक प्रदर्शन लेल आह्वान कैल गेल।

सभाक दोसर सत्र मे सांस्कृतिक संध्याक आयोजन कैल गेल छल। एहि सत्र मे पवन नारायण, कंचन पाण्डे, नवीन मिश्रा, आदिक सुन्दर प्रस्तुति सँ अहोरात्रि परमानन्दक दर्शन समस्त ग्रामीण एवं इलाकाक लोक केलनि। समाचार विस्तार सँ किसलय कृष्ण जी द्वारा दोसर पोस्ट मे भेटत।

समस्त आगन्तुक अतिथिकेँ विद्यापतिधाम केर विलक्षण फोटो (फ्रेममे) मोमेन्टोक रूप मे हस्तान्तरण कैल गेल छल।

विदित हो जे मात्र एक वर्ष मे ई स्थान एकटा साधारण गाम सँ धाम मे परिणति पाबि चुकल अछि। आवश्यकता अछि जे एकरा एकटा स्थापित पर्यटकीय स्थल केर रूप मे विकास कैल जाय। एहि लेल अजित आजाद स्थानीय जनमानस सँ अपील केलनि जे अपन जनप्रतिनिधि सँ मात्र २-३ टा कोठरीवला ठहराव प्रबंधन केर मांग कय एतय विद्यापतिक सान्निध्य मे मैथिली साहित्य पर रचना करबाक अवसर प्रदान करबाक कार्य कैल जाय।

भोगेन्द्र शर्मा निर्मल केर संकल्प आ ताहि ऊपर किसलय कृष्ण केर परिकल्पना एवं देवनाथ यादवक भूमि-दान आर विमलकान्त झा समान प्रखर समाजसेवी द्वारा संरक्षणक भार सँ ई गाम धाम मे बदैल गेल। विद्यापतिक संग मिथिलाक विभिन्न लोक-देवता जेना सलहेश, दीना भद्री, मांगैन खबास आदिक प्रतिमा सहित ई स्थान एकटा सुन्दर पर्यटन स्थल मे परिणति पाबि चुकल अछि। सहरसा मुख्यालय सँ मात्र पाँच किलोमीटरकेर दूरी पर अवस्थित एहि स्थान पर मात्र एक वर्ष मे अनेकानेक सार्वजनिक कार्य होयबाक रिकार्ड बनि गेल अछि। बाहर सँ हजारोंक संख्या मे लोक सब एतय स्थानक दर्शन हेतु अबैत छथि आर एतुका साज-सज्जा देखि एकर संस्थापक एकटा अति-साधारण मजदूर श्री भोगेन्द्र शर्मा निर्मल केर नाम सुनिते मंत्रमुग्ध बनि जाएत छथि।