स्वतंत्रता दिवस पर मैथिली-भोजपुरी कवि सम्मेलन: आयोजक मैथिली-भोजपुरी अकादमी दिल्ली

मैथिली-भोजपुरी अकादमी द्वारा मैथिली-भोजपुरी कवि सम्मेलन दिल्ली मे

मनीष झा बौआभाइ, दिल्ली। रविदिन, १६ अगस्त २०१५, मैथिली जिन्दाबाद!!

maithili bhojpuriसंध्या ५ बजे स’ स्वतन्त्रता दिवसक उपलक्ष्य मे कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग, दिल्ली सरकारक तत्त्वाधान मे मैथिली भोजपुरी साहित्य अकादमी, दिल्ली द्वारा आई.टी.ओ. स्थित आई.सी.सी.आर. आज़ाद भवन केर सभागार मे कवि सम्मलेनक आयोजन कएल गेल। कार्यक्रमक मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री राम बहादुर राय ओ कला एवं संस्कृति विभाग दिल्ली सरकारक मंत्री कपिल मिश्राक करकमल सँ दीप प्रज्ज्वलनक संग राष्ट्रगान गावि कार्यक्रमक शुभारंभ भेल।

राष्ट्रगानक पश्चात भोजपुरी मे देशभक्ति गीतक सामूहिक प्रस्तुति सेहो कएल गेल आ चटपट मे कार्यक्रम केँ आगाँ बढ़ेबाक घोषणा कय देल गेल। मुदा दर्शक दीर्घा मे बैसल मोंटामोंटी २० प्रतिशत मैथिल श्रोताक एक आवाज जे हमरा लोकनिक गोसाओनिक गीत “जय जय भैरवि” केर सेहो प्रस्तुति हेबाक चाही आ एहि बात केँ अकादमीक सचिव राजेश सचदेवा ई कहि टारबाक चेष्टा केलनि जे बाद मे प्रस्तुत कएल जाएत। मुदा खाँटी मैथिल दर्शक आ मिथिला अभियानी लोकनिक हस्तक्षेप स’ ई प्रस्तुति संभव भेल। अन्यथा अन्ठेबाक भरपूर प्रयास छल।

अकादमीक पदाधिकारी लोकनिक दूनेती केर कतेको साक्ष्य समय-समय पर देखार भ’ चुकल अछि आ तकरे पुनरावृत्ति आजुक दिन सेहो सार्वजनिक रूपे सोझा आयल। आ एहि बेर ई जिम्मा लेलनि अकादमीक नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष कुमार संजॉय सिंह। हुनका मैथिली प्रस्तुति केर वास्ते उठल सामूहिक स्वर कने बेसी अखैर गेलनि आ भावुकतावश बजाइओ गेलनि जे “हमरा ई अप्रिय लागल”।

भाषाई विस्तार केर चौहद्दी सेहो गनौलनि मुदा मैथिलीक अस्मिताक संगहि अंगिका, बज्जिका आ मगही केर कौआ-मैना बला कूड़ी मे बाँटिकय…….. खैर हमरा लोकनिक भाषा प्रतिनिधि सेहो नगण्ये जेंकां छथि, जे गोटे-आधे हेबो करता त’ ओ अपन खानापूर्ति कय केँ निमहि रहलाह अछि आ कहुना भोजपुरिये बहन्ने मैथिलियो घुसकल जा रहल अछि आ ज’ से नैं त’ “जय जय भैरवि”क महत्त्व अकादमीक एक-एक पदाधिकारीकें बुझल रहितनि आ मंच संचालन मे भोजपुरीक संग-संग मैथिलीक सहभागिता सेहो रहबे करैत। ओना मंच संचालक भोजपुरीक प्रसिद्ध कवि गुरचरण सिंह अपन प्रस्तुति मे कोनो कोताही नैं केलनि मुदा पाइन-बुन्नी मे भागैत-भीजैत एकत्रित भेल भाखाप्रेमी केँ रसास्वादन मे कने कोताही त’ जरूरे भेलैन।

रोष-आक्रोश-भाषण-वक्तव्यादिक पश्चात कवि सम्मलेनक सत्र प्रारम्भ भेल आ एक भोजपुरी के बाद एक मैथिलीक क्रम मे अपन कविता पाठ केलनि चन्द्रशेखर मिश्र (भोजपुरी), रमण कुमार (मैथिली), गोरख प्रसाद “मस्ताना” (भोजपुरी), योगानन्द हीरा (मैथिली), डॉ. जौहर शाफ़ियावादी (भोजपुरी), रविन्द्र नाथ ठाकुर (मैथिली), अलख अनाड़ी (भोजपुरी), गुरचरण सिंह (भोजपुरी) आ अंत में गंगेश गुंजन (मैथिली)। दर्शक दीर्घा मे बैसल मैथिली-भोजपुरी श्रोता केँ अकादमीक तरफ सँ स्वतंत्रता दिवस पर भेटल एहि कार्यक्रम प्रस्तुतिक आनन्द दिल्ली मे प्राप्त भेल एकर सराहना सब कियो केलनि।