नेपाल मैथिल समाज काठमांडू कतय अछि?
मिथिला के सीमा पर पुरातत्व विभाग नेपाल के तकनीकी अन्वेषक (अभियन्ता) आ मैथिली भाषा संग मिथिला राज्य के सुपरिचित समर्थक श्री गोपाल झा संग चर्चा कय रहल छलहुँ। पता चलल जे पश्चिम में गण्डकी नदी हाल समय मे परसा जिला सँ 100 किमी पश्चिम दिशा सँ बहि रहल अछि। ओ बतेलनि जे कालांतर में कोसी जेकाँ गण्डकी के धार सेहो लगभग 100 किलोमीटर विस्थापित भेल अछि। भौगोलिक दृष्टि सँ अक्षांश देशान्तर के आधार पर मिथिला के पूर्व घोषित सीमा ओहिना भेटत।
चर्चा के दरम्यान आर कुशलक्षेम भेला के बाद इंजीनियर गोपाल भाइजी मिथिला के प्रभावक्षेत्र में मल्लकालीन समय केर काठमांडू घाटी धरि रहबाक बात बतेलनि। जहिया मधेशवाद के विषय राजनीति में प्रवेश तक नहि कयने छल ताहि समय मे मैथिल केर अद्भुत संगठन “नेपाल मैथिल समाज काठमांडू” केर स्थापना के बात बतेलनि। 2040 विक्रम संवत साल में काठमांडू राजधानी में मैथिल पहचान केर संरक्षणार्थ मल्लकालीन नेपाल के काठमांडू बासिन्दा सब एहि लेल आगू रहला। स्वयं गोपाल भाइजी एकर संस्थापक सदस्य रहल छथि। लेकिन आइ ई संस्था निठल्ला बनल मूक बधिर जेकाँ सुसुप्तावस्था में अछि। कियैक?
एक दिश मिथिला के सीमा पर शास्त्रोक्त निर्णय के दावी –
गंगा बहथि जनिक दक्षिण दिश पूव- कौशिकी धारा
पश्चिम बहथि गण्डकी उत्तर हिमवत बल विस्तारा
कमला, त्रियुगा, अमृता, घेसुरा, बागमती कृत सारा
मध्य बहथि लक्ष्मणा प्रभृति से मिथिला विद्यागारा ।
आ दोसर दिश वर्तमान नेपाल के राजधानी में एक सबल-सम्पन्न संगठन केर सुसुप्तावस्था! ई केहेन विडम्बना थिक?
पता लागल जे संस्थापक अध्यक्ष अमरेश नारायण झा सर के बाद मैथिल मारवाड़ी समथिंग सर्राफ सेहो एकर अध्यक्ष बनिकय मिथिला क्षेत्र के बासिन्दा सब मैथिल थिकैक से पर्यन्त सिद्ध कयने संस्था आइ गोटेक काबिल आ मिथिला के विभूति सभक जिम्मा में अछि। तखन ई सुसुप्तावस्था में कियैक अछि? कहीं सौदाबाजी त नहि भेल?
एहि संस्थाक सदस्यता विधान दर्ता करय समय मे 600 टका आ आजीवन सदस्यता लेल 5000 टका रहल। स्पष्ट अछि जे आर्थिक रूप सँ सबल संगठन के निर्माण के लक्ष्य रहल। एहि संस्था के पास करोड़ों रुपया मूल्य के जमीन सेहो कीनल अछि, जे प्राइवेट नाम सँ रजिस्ट्री अछि। एतय मिथिला भवन निर्माण के परिकल्पना अछि। राजधानी काठमांडू में मैथिल पहचान के प्रतिष्ठित करबय वला एक महान कीर्ति सम्भव अछि एतय। तखन एकर निरीहता कियैक?
टाउन प्लानिंग में पर्यन्त पड़ल ओहि जमीन पर शीघ्र मिथिला भवन बनय, समस्त मैथिल एहि लेल शुभकामना संग समुचित योगदान सेहो करता।
आशा करैत छी जे जिम्मेदार व्यक्तित्व लोकनि एहि पर ध्यान देता!
हरि हर!!