मनीष कर्ण ,जनकपुरधाम ५ फरवरी २०२२ मैथिली जिन्दाबाद!! प्राचीन मिथिलाक राजधानी जनकपुरधाम ऐतिहासिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक सम्पदा सभमें समृद्ध रहल अछि।एतुका मठ-मन्दिर, नदी ,पोखरि, धर्मशाला सभ जनकपुरक पहिचानके स्थापित करबामें महत्वपूर्ण योगदान रहल अछि। ताहि मध्ये जनकपुरधामक राममन्दिर आगा रहल रामायण भवन सेहो एक रहल अछि।जाहि भवनमें रामजानकी जीक विवाह सम्बन्धित विभिन्न किसिमक चित्रकला बनाओल गेल अछि।यहि भवन बनाबक उद्देश्य छल जे नव पुस्तामें रामायणक ज्ञान हुए,नव पीढ़ी अपन भाषा, संस्कृति स’ परिचित हुए संगहि प्रभु राम आ जगत जननीक भजन, संकीर्तन कऽ अपन जीवन कय सार्थक बनबथि।धार्मिक परम्पराक संरक्षण आ संवर्द्धन करबाक उद्देश्य सऽ रामायण भवनमें दुई दशक पहिने धरि संस्कृत भाषाक अध्ययन अध्यापन समेत होयत छल त प्रत्येक दिन कीर्तन सेहो होइत छल। रामचरित मानस युवा पुस्तामें समेत हस्तान्तरण करबाक उद्देश्य सऽ निर्माण कायल गेल रामायण भवन वर्तमान समयमे संरक्षणक अभावमें जीर्ण बनैत गेल अछि। आजुक युवाकें ओहि ठाम भजन- कीर्तन होयत छल से किछुयो बुझले नहि छैक।
रामायण भवनक भित्री देबाल सभपर रामचरितमानस लिखल अछि, त सीताराम विवाहसँ सम्बन्धित छवि सभ बहुत कलात्मक ढंग सऽ बनाएल गेल अछि। दुई दशक पहिने धरि रामायण भवन श्रद्धालु भक्तजन सब लेल लोकप्रिय स्थल छल।आकर्षण सहितक आस्थाक केन्द्रक रूपमें जानल जाइत छल। जनकपुरधाम आबबला तीर्थयात्री सभ जानकी मंदिर, राम मन्दिर, राजदेवी मन्दिरमें पूजापाठ कऽ रामायण भवनमें समेत पूजा अराधनासहित दर्शन करैत छल त भवनकेँ विश्राम स्थलक रूपमें उपयोग होइत छल।”सत्यसाई केन्द्र”नामक एक संस्था रामायण भवनकेँ अपन कब्जा लेलाक बाद परम्परागत रूपमें होइत आबि रहल भजन कीर्तनलगायत सम्पूर्ण धार्मिक सांस्कृतिक तथा अध्ययन अध्यापन स्थगित भेल। अखनो ओ भवन सर्वसाधारणक लेल समेत खुल्ला नहि कायल गेल अछि।सत्यसाई केन्द्र रामायण भवन पर कब्जा जमौला बाद गौ संरक्षण मञ्चक अध्यक्ष जगदीश महासेठ खाली करयबाक लेल लाम्बा समयधरि अभियान चलौलथि, बादमें खाली कराब में सफल भेलाह । महासेठक अनुसार, ‘रामायण भवनउपर सत्यसाई केन्द्र कयने कब्जा हटाब स्थानीय प्रशासन स’ अदालतधरि समेत आग्रह केलौं ।’ पुनरावेदन अदालत सत्यसाई केन्द्र कय भवन खाली करय लेल आदेश बाद खाली भेल छल।मुदा भवनक जीर्णोद्धार करबाक मामला में गुठी संस्थान उदासीन रहल महासेठक उपराग रहल छनि।सत्य साई केन्द्रक कब्जासँ रामायण भवन मुक्त भेला बादो ओ भवन दिनानुदिन जीर्ण बनैत गेल प्रति महासेठ चिंतित छथि।
ओना त रामायण भवनक नामपर काठमाडुमें ३ करोड़क अक्षयकोष सेहो रहल अछि। ओ रुपैयाँक ब्याजसँ रामायण भवनक जीर्णोद्धार भऽ सकबाक मञ्चक अध्यक्ष महासेठ कथन छनि। मुदा अक्षय कोषमें रहल ओ रकमक विषयमें एखनधरि जनकपुरधामवासी समक्ष सार्वजनिक नहि केनाई पैसाक समेत अनियमितता होएबाक हुनकर दाबी छैन्ह।
धनुषा जिलाक धारापानीस्थित रामायण भवनक नाम पर रहल ११ बिघा जग्गा बेचि ओ अक्षयकोषक स्थापना कायल गेल छल। ओ जग्गा नेपाली सेना क्याम्प निर्माणक लेल खरिद कयने छल। नेपालीसेना ओ जग्गा ४ करोड रुपैयाँमें खरिद कएने छल। वैह४ करोड रुपैयाँक अक्षयकोष स्थापना भेल छल । मुदा अखनि अक्षय कोषमें ३ करोड ३ लाख रुपैयाँ मात्रे रहल जानकारी दैत महासेठ बाँकी ९७ लाख रुपैयाँ अनियमितता भेल आरोप लगोलैन्ह अछि।गुठी संस्थान जनकपुरधामक प्रमुख बैकुण्ठ रेग्मीक अनुसार ओ अक्षयकोषक सम्बन्धमें अपना किछुयो जानकारी नहि रहल बतोलथि । ओ काठमाडुमेँ खाता रहलाक कारणे केन्द्रीय गुठीक संरक्षणमेँ ओअक्षयकोषक भ’ सकबाक अनुमान कयलैन्हि।
रामायण भवनक संरक्षण, संवर्द्धनक लेल गुठी संस्थान सेहो गम्भीर नहि छैक । राम मन्दिर परिसरभित्रे रहल गुठी संस्थान जनकपुरधाम लापरवाह भेला बाद लाम्बा समय स सडक व्यवसायी टिकुली सिन्दूर, चन्दन टीकालगायतक पूजापाठक सामग्री रामायण भवनक भूईतल्लामेँ बिक्री करैत आबि छैक । जखन की ओतय कुनो समय बाहरसँ आएल श्रद्धालु भक्तजन तथा आगन्तुकक लेल विश्राम स्थल छल। आर्थिक वर्षमेँ रामायण भवन कय जीर्णोद्धारक लेल ३० लाख तथा चालु आर्थिक वर्षमेँ समेत ३० लाख रुपैयाँ बजेट छुट्याओल अछि । मुदा ओ रकम निकासा नहि भेला सऽ अखनो सेहो एकर संरक्षण तथा संवर्द्धनक कामकाज नहि भऽ सकल कार्यालय प्रमुख रेग्मी कहलनि।