जनकपुर, २४ जनवरी २०२२ । मैथिली जिन्दाबाद!!
मैथिली साहित्यकार सभा द्वारा नेपालक प्रदेश २ केर नामकरण प्रति असन्तोष जतबैत राजधानी मिथिलाक प्राचीन राजधानी जनकपुर केँ स्थायी रूप सँ बनेबाक सम्बन्ध मे प्रशंसा करैत धन्यवाद ज्ञापन कयल गेल अछि।
विज्ञप्ति मे कहल गेल अछि जे मिथिलानगरी जनकपुरधाम आ मिथिलावासीक लेल २०७८ विक्रम संवत सालक माघ ३ गते स्वर्णिम ऐतिहासिक दिन प्रमाणित भेल अछि। लगभग साढ़े पाँच हजार वर्षक बाद पुनः जनकपुरधाम राजधानी हएबाक गौरव प्राप्त कयलक अछि। तेँ प्रदेश सभाक सभामुख आ सकल सभासद प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करैत प्रदेशवासी आ मिथिलावासी केँ मैथिली साहित्यकार सभा हार्दिक बधाई ज्ञापन करैत अछि।
आगाँ ईहो कहल गेल अछि जे मधेश केन्द्रित दल सभक बहुलता रहल प्रदेशसभाद्वारा प्रदेशक नाम ‘मधेश प्रदेश’ जे घोषित भेल अछि से आपत्तिजनक अछि। किऐक तऽ ई नामकरण ‘एक मधेश एक प्रदेश’ मुद्दा आ नेपाल सरकार संग भेल स्वायत्त मधेश समझौता विपरीत रहल अछि। एक दिश आठ जिलाक मधेश घोषणा भेला सँ बाकी मधेशक चौदह जिलाक मधेशी आ अमर शहीद सभ अपमानित भेलाह अछि, दोसर दिश पाँच हजार वर्षक पौराणिक, ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक पहिचान रहल आठ जिलाक खाँटी मिथिला क्षेत्र (कोशी सँ पश्चिम आ गण्डकी सँ पूर्व केर भूभाग) केँ बेवास्ता कएल गेल अछि। मैथिली सभ्यता, संस्कृति आ मैथिली भाषाभाषीक बाहुल्य रहल एहि प्रदेशमे मिथिला राज्यक लेल भेल आन्दोलन मे पाँच गोट शहीद सेहो भेल अछि। समय-समयमे सरोकारवाला सब द्वारा ‘मिथिला प्रदेश नामकरणक जोरदार मांग उठैत रहलाक बावजूद बहुसंख्यक सभासद सभक पूर्वाग्रह आ गणितीय तमासाक कारण मिथिलापर मधेश नाम थोपल गेल अछि। एहि पर मैथिली साहित्यकार सभा असन्तुष्टि व्यक्त करैत मिथिलावासी बन्धुबान्धव केँ अपन मौलिक पहिचान आ मिथिलाक सम्मानक लेल संघर्षरत रहबाक अपील समेत करैत अछि। ई विज्ञप्ति सभाक सभापाल प्रेम विदेह ललन द्वारा हस्ताक्षरित अछि।