Search

नहि रहलाह दयानाथ बाबू – मैथिली रंगकर्मक एक पुरोधा व्यक्तित्वक परलोक गमन पर शोक

९ मार्च २०२०। मैथिली जिन्दाबाद!!

सामाजिक संजाल पर आइ भोरे-भोर एकटा दुखद समाचार आयल जे मैथिली भाषा-साहित्यक एक पुरोधा व्यक्तित्व – वयोवृद्ध दयानाथ झा आइ भोरे परलोक गमन कय गेलाह। बुझले बात अछि जे मैथिली भाषा-साहित्यक कतेको महापुरुष लोकनिक परिचिति आम जनमानस मे पठन-पाठनक अभाव मे बहुत कम अछि, लेकिन सौभाग्यवश मैथिलीक वर्तमान सृजनकर्मी लोकनि बीच ओहि महापुरुषक व्यक्तित्व आ कृतित्वक नीक जानकारी उपलब्ध रहबाक कारण बेसीकाल महापुरुष लोकनिक मृत्यु पश्चात् हुनकर साहित्यिक-सांस्कृतिक वा अन्य योगदानक पुलिन्दा खुजैत अछि। चूँकि आइ दयानाथ बाबू स्वर्गवास भऽ गेलाह, त आउ मैथिलीक महान सर्जक लोकनिक उद्गार आ श्रद्धाञ्जलिक शब्द पर नजरि दौड़ाबीः

अजित आजाद – नवारम्भ प्रकाशनक संचालक आ स्वयं एक चर्चित लेखक-साहित्यकार संग अभियानी सेहो छथि – ओ अपडेट करैत कहलनि अछिः 

“दयाबाबू नहि रहलाह…

मैथिली रंगमंचक विराट व्यक्तित्व दयानाथ झा जीक निधन आइ भोर मे 4.30 बजे हैदराबाद स्थित अपन आवास मे भ’ गेलनि। अन्तिम संस्कार आइये 12 बजे धरि हैदराबाद मे हेतनि। शेष दायित्वक निर्वहन गाम मे।

82 वर्षीय दयाबाबू नागदह सँ कोलकाता धरि आ कोलकाता सँ हैदराबाद धरि नाटक आ साहित्य केँ प्राणपन सँ अंगेजने रहलाह। हुनक अभिनय आ निर्देशन केँ निकट सँ देखबाक अवसर भेटल अछि। हुनक आत्मीय व्यवहार सँ अभिभूत होयबाक अवसर प्रायः सभ सम्पर्कित व्यक्ति सभकेँ भेटल हेतनि। Manoj Shandilya जीक काल्हि पोस्ट भेल कारुणिक कविताक बाद ई लागि गेल छल जे आब कखनहुँ हुनका मादे सूचना आबि सकैत अछि। …से लगभग 12 घंटाक बाद आबियो गेल।

वयःसीमाक पार ओ हमर मित्र रहथि जाहि मे एकटा पिता, एकटा अभिभावक दायित्व सन्निहित छल।

दयाबाबू… अहाँ पर एकटा किताब सोचिते रही आ कि अहाँ विदा भ’ गेलहुँ…चलू, सैह ठीक।

आब हमर नोरक अर्घ्य लिय…”

#श्रद्धांजलिदयाबाबू

प्रदीप बिहारी – मैथिलीक वरिष्ठ लेखक-साहित्यकार बेगूसराय सँ लिखैत छथि – 

विनन्र श्रद्धांजलि । मैथिली नाटक आ रंगमंच कें एकटा नव दिशा देलनि, रंगमंच मे नव-नव तकनीकक प्रयोगक आग्रही छलाह, नव रंगकर्मी सभकें सदैव प्रोत्साहित करैत रहलाह, से आइ हुनक मृत्युक सूचना अविश्वसनीय लगैछ। मुदा, सांचकें‌ स्वीकारबा लेल मोनकें मना रहल छी।

किसलय कृष्ण – मैथिलीक चर्चित उद्घोषक, कवि, लेखक, समीक्षक आ संगहि एक सक्रिय अभियानी लिखैत छथि – 

बड़ सुख सार पाओल तुअ तीरे…
छाड़इत निकट नयन वह नीरे…
नहि रहलाह मैथिली रंगमंचक शिखर पुरूष 😢
मधुबनी जिलाक नागदह गामवासी, कोलकाता मे मैथिली रंगमंचकेँ विशिष्ट पहिचान दिओनिहार, देसिल बयना, हैदराबादक परिकल्पक आ हमरा सभक आत्मीय अभिभावक दया बाबू (दयानाथ झा) आइ भोरे ४:३० बजे इहलौकिक दुनियाँ सँ विदा भ’ गेलाह ….मर्माहत छी…. ओ सतत मैथिली रंगमंचक परिदृश्यमे जीबैत रहताह….
अश्रुपूरित श्रद्धांजलि 😢🌼🌼

मोहन मुरारी झा – हैदराबाद मे दयानाथ बाबूक संग अनेकों बेर भाषा-साहित्य ओ मैथिल समाज लेल संगे सहकार्य कयनिहार स्वयं एक कुशल सृजनशील व्यक्तित्व लिखैत छथि – 

पूज्य दयानाथ बाबू आई विदा भ’ गेला। हमर अंतिम प्रणाम-चरणस्पर्श!
ई समाचार हमरा उद्वेलित आ किंकर्तव्यविमूढ़ केने अछि।
हुनक स्मृति हियाकेँ झकझोरि रहल अछि।
हुनक अविस्मरणीय सनिध्यक किछु झांखी (एतय किछु दया बाबूक संग फोटोग्राफ्स पोस्ट कएने छथि।)

अशोक झा, अध्यक्ष, मिथिला विकास परिषद् कोलकाता सँ दया बाबू केँ स्मृति मे एना लिखलनि अछि –

दयाबाबू नहि रहलाह…

मैथिली रंगमंचक व्यक्तित्व दयानाथ झा जीक निधन आइ भोर मे 4.30 बजे हैदराबाद स्थित आवास मे भ’ गेलनि। अन्तिम संस्कार हैदराबाद मे हेतनि। शेष दायित्वक निर्वहन गाम मे।

82 वर्षीय दयाबाबू नागदह सँ कोलकाता धरि आ कोलकाता सँ हैदराबाद धरि नाटक आ साहित्य केँ नायक छलाह।

सन् 1983 मे जखन हमर मैथिली मे पदार्पण भेल ओहि वर्ष श्रद्धेय दया बाबू स श्रद्धेय विश्वम्भर ठाकुर जी पहिल परिचय करोलैंन। कोलकाता के गणेश टाकीज स्थित राम भंडार मिष्ठांन दुकान पर प्रथम भेँट भेल छलाह। मुद्दा छल मिथिला विकास परिषद द्वारा मैथिली नाटकक मंचन।  प्रथम बेर श्रद्धेय दया बाबू के निर्देशन मे मिथिला विकास परिषद द्वारा स्वर्गीय गुणनाथ झा द्वारा लिखल नाटक “शेष नहि ” नाटक मंचित भेल आ ओहि मैथिली नाटक मे स्वर्गीय दया बाबू संगे प्रथम अभिनय करबाक सौभाग्य प्राप्त भेल। हुनक अभिनय आ निर्देशन केँ निकट सँ देखबाक अवसर भेटल । दया बाबू के आत्मीय व्यवहार सँ अभिभूत होयबाक अवसर हमरे नहि प्रायः सभ सम्पर्कित व्यक्ति केँ भेटल हेतनि।

दया बाबुक मृत्यु के समाचार अजीत आज़ाद जीक पोस्ट स प्राप्त भेल । हुनक मृत्युक समाचार सुनि हमर रचना हमरा माथ मे घुरीया लागल आ स्वतः हम बाजि ऊठलौ जे

हे मृत्यु !
तो जहिया अबियह
हमरा कहि क अबियह
हम सजि धजि क तैयार रहब
तोरा संगे चलवाक लेल
हे मृत्यु!
तो जहिया अबियह
हमरा कहि क अबियह…..

स्मृति शेष
मिथिला विकास परिषद, कोलकाता परिवार

उपरोक्त किछेक श्रद्धाञ्जलि शब्दक संग आरो बहुत लोक अपन-अपन उद्गार स्वर्गवासी दयानाथ बाबू प्रति लिखलनि अछि। निश्चित मैथिली भाषा-साहित्यक एकटा सूर्यक अस्त भेल स्पष्ट अछि। मैथिली जिन्दाबाद केर तरफ सँ सेहो विनम्र श्रद्धाञ्जलि। ईश्वर मैथिलीक दिन नीक करथि जे एहि सुन्दर भाषाक साहित्य सँ जन-जन परिचित हुअय, मैथिली मे पढाई करेबाक वातावरण बनय। 

हरिः हरः!!

Related Articles