२ मार्च २०२०। मैथिली जिन्दाबाद!!
मैथिली भाषाक पढाई लेल विधान परिषद् मे कार्यस्थगन प्रस्ताव
आइ दिनांक २ मार्च २०२० केँ बिहार विधान परिषद् सदस्य द्वय मदन मोहन झा व प्रेम चन्द्र मिश्रा द्वारा संयुक्त रूप सँ विधान परिषदक सभापतिक समक्ष मैथिलीक अनिवार्य विषयक रूप मे पढाई करेबाक स्कूली पाठ्यक्रम नहि होयबाक बात केँ दुर्भाग्यपूर्ण कहैत कार्यस्थगन प्रस्ताव देल गेल अछि।
प्रस्ताव मे ईहो कहल गेल अछि जे भारत मे आजादीक बाद सँ लगातार पढाई कराओल जायवला भाषा मैथिली विगत डेढ दशक सँ अनिवार्य विषयक रूप मे हंटायल गेल अछि। संविधानक आठम अनुसूची मे दर्ज रहितो मैथिली संग अपनहि मूल राज्य मे उपेक्षाक विरूद्ध आवाज उठबैत उपरोक्त मांग राखल गेल अछि।
पड़ोसी राज्य झारखंड आ दिल्ली पर्यन्त मे मैथिली भाषा प्रति राज्य केर लचीला रुख आ सम्मानक जिकिर करैत प्रस्ताव मे भारतीय कांग्रेस पार्टीक वरिष्ठ नेताद्वय सह विधान परिषद् सदस्य द्वारा मैथिलीक उपेक्षा विरूद्ध सरकारक ध्यानाकर्षण करायल गेल अछि।
एहि प्रस्ताव मे महत्वपूर्ण सन्दर्भक तौर पर भारतक संविधान मे सूचीकृत अन्य समस्त भाषा मे पढाई करायल जेबाक अनिवार्यताक तर्क सेहो देल गेल अछि। मैथिली भाषाक पढाई, मैथिली पढेनिहार शिक्षकक नियुक्ति तथा पुस्तकक छपाई पर्यन्त बिहार मे कतेको वर्ष सँ बंद होयबाक दयनीयता प्रति सरकारक ध्यानाकर्षण सेहो कराओल गेल अछि।
सरकारक नियत प्रति सवाल ठाढ करैत कहल गेल अछि जे बिहार मे आर सब भाषा प्रति सरकार काज करबैत अछि लेकिन मैथिली प्रति विद्वेषपूर्ण व्यवहार करैत अछि, एहि सँ कतेको प्रकारक सवाल ठाढ करैत अछि। उठायल गेल मुद्दा केँ जनहित सँ जुड़ल महत्वपूर्ण मुद्दा कहैत एहि तरफ सरकारक ध्यानाकर्षण कराओल गेल अछि। प्रस्ताव मे स्पष्ट कयल गेल अछि जे कांग्रेसक सरकारक समय मे एतय मैथिलीक पढाई करेबाक संग-संग भाषाक सर्वांगीण विकास लेल मैथिली अकादमीक स्थापना सेहो करायल गेल छल।
एहि तरहें प्रस्तावनाक माध्यम सँ नेताद्वयक संयुक्त हस्ताक्षरित प्रस्तावना पत्र मार्फत सदनक अन्य सम्पूर्ण विषय केँ स्थगित कय एहि जनसरोकारक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चाक मांग कयल गेल अछि।