१४ जनवरी २०२० । मैथिली जिन्दाबाद!!
प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय भुइयाँ दिवस नेपाल मे मनायल जायत

विज्ञप्ति मे देल गेल जानकारी मुताबिक नेपाल मे मात्र नहि, दक्षिण एशिया मे पहिले बेर एहि तरहक आयोजन नेपाल मे होयबाक दावी कयल गेल अछि। सामाजिक तथा सांस्कृतिक संस्था भोर, शक्तिहीनक सशक्तीकरणः मुसहर समुदायक समग्र उत्थान अभियान, नेपाल राष्ट्रीय मुसहर संघ आर अन्तर्राष्ट्रीय मुसहर भुइयाँ विकास समितीक संयुक्त आयोजना मे उक्त आयोजन नेपाल, प्रदेश २, सर्लाही जिलाक ईश्वरपुर नगरपालिका मे शुभारम्भ होमय जा रहल अछि।
भुइयाँ अर्थात जमीन, माटि आ पृथ्वी केर बोध करबैत अछि। भुइयाँक पुजा प्रकृतिक पुजाक रूप मे सेहो लेल जा सकैत अछि। इतिहासक दृष्टिकोण सँ देखब तऽ छठम शदाब्दी मे वर्तमान नेपालक सप्तरी जिल्ला मे जन्म लेनिहार दीना–भद्री केर पूजाक रूप मे सेहो एहि दिवस केँ लेल जाइत अछि। श्रम सँ खेती-गृहस्थी करयवला वर्गक मुसहर समुदाय पर ताहि युग मे भेल शोषण आ दमन विरुद्ध जोरदार संघर्षक नायक वीर योद्धाक रूप मे जानल दुइ भाइ दीना आ भद्री केर प्रेरणा पर भूमिक पूजाक समग्र रूप ‘भुइयाँ दिवस’ कहाइछ।
नेपालक ३२ टा जिला, भारत, बंगलादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान मे बसोबास करयवला करोड़ों मुसहर समुदाय द्वारा पुस्त-दर-पुस्त सँ माघ १ गतेक दिन ई पाबनि मनायल जाइत अछि। सन् २०१८ मे नेपालक जनकपुरधाम मे भोरक नेतृत्वदायी पहल मे आयोजन करैत प्रथम दक्षिण एसिया स्तरीय मुसहर अगुवा सभक सेमिनार तथा सन् २०१९ मे भारत मे आयोजन भेल मुसहर शिक्षित अगुवा सभक राष्ट्रीय सम्मेलन सँ माघ १ गते केँ “अन्तर्राष्ट्रीय भुइयाँ दिवस”केर रूप मे मनेबाक प्रस्ताव पारित भेल छल। एहि पाबनि मे मुख्य पूजारी द्वारा कतेको रास चमत्कार सँ भरल लीला प्रत्यक्ष प्रस्तुत होइत अछि जाहि मे खउलैत दूध मे नहेनाय सेहो एकटा अद्भुत चमत्कारक रूप मे सुविख्यात अछि।
एहि बेर ३ दिवसीय “प्रथम अन्तराष्ट्रिय भुइयाँ दिवस“ समारोहक प्रमुख कार्यक्रम एहि तरहें होयतः
१) परापुर्वकाल सँ मुसहर समुदायक पुस्त-दर-पुस्त द्वारा कयल जायवला पारम्परिक रीति-रेबाज अनुसार विभिन्न प्रकारक भोग सहित, खीर, खिचड़ी आर बाँसक धुजा फहरेनाय।
२) भुइयाँ महाराज केँ अपटौनी (गरम दूध सँ नहेबाक) पूजाः ई कार्यक्रम माघ ३ गते होयत ।
३) नेपाल आर भारतक सामाजिक अभियन्ता, पूर्व मन्त्री, मन्त्री आर विज्ञ लोकनिक सहभागिता मे भविष्यक कार्ययोजना लेल विमर्शपूर्ण सम्मेलन।
४) मुसहर कलाकार सब द्वारा साँस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति।
५) मुसहर समुदायक उत्थानक लेल उल्लेख्य योगदान कयनिहार व्यक्ति व संस्था सब केँ सम्मान।
संयोजक पंचूलाल माझी मुसहरक संयोजन मे ई प्रथम आयोजन होयत। एहि समारोह मे माघ ३ गते मूल कार्यक्रम मे २००० सँ बेसी लोकक सहभागिता रहत।