‘घर-बाहर’ मैथिलीक त्रैमासिक पत्रिका

प्रकाशक संस्था चेतना समिति अपन ओजपूर्ण व्यवस्थापन अन्तर्गत निरन्तर नीक काज केँ प्रोत्साहन देबाक काज कय रहल अछि। वर्तमान अध्यक्ष आदरणीय विवेकानन्द झा जहिना एक कुशल इंजीनियर हेबाक संग-संग मैनेजमेन्ट केर विज्ञ रहला तहिना ओ अपन कुशल सोच, सुझ-बुझ आ सार्थक भविष्य निर्माण लेल मैथिली भाषा-साहित्य, मिथिला संस्कृति एवं मैथिल जनसमुदायक समग्र हित लेल चेतना समिति केर मंच केँ सक्रिय बना रहला अछि। ‘घर-बाहर’ पत्रिका लेल सेहो हुनकर विचार सुनलहुँ आ आशा करैत छी जे निकट भविष्य मे ई पत्रिका आरो वृहत् आ उपयोगी हिसाब सँ जन-जन मे लोकप्रियता हासिल करत।

एकटा आर बात मोन पड़ैत अछि – मैथिली भाषा भारत मे संघ लोक सेवा आयोग केर परीक्षा मे तथा बिहार लोक सेवा आयोग केर परीक्षा मे मान्य भाषा अछि। काफी लोक अपन भाषा मैथिली केँ ऐच्छिक विषय चुनिकय परीक्षा दैत छथि। संयोग नीक जे अपन भाषा मे गोटेक त्रुटि केँ बिना गनने लब्धांक नीक भेटबाक लाभ होइत छैक सेहो यदा-कदा चर्चा मे सुनैत छी। तखन ‘घर-बाहर’ जेहेन पत्रिका हुनको लोकनि लेल उपयोगी हुअय, एहि मे विभिन्न परीक्षा मे पूछल गेल प्रश्न आ तेकर उत्तर संग-संग हरेक वर्षक संभावित प्रश्न आ उत्तर आदि उपलब्ध करेनाय बहुत आवश्यक अछि।

एतबा नहि! भारत सरकार, बिहार सरकार, नेपाल सरकार, नेपालक प्रदेश २ केर सरकार सहित कइएक एनजीओ सेहो भाषा-साहित्य मे मैथिली केँ अग्रस्थान मे रखैत छैक। ताहि सँ सम्बन्धित सूचना संकलन आ प्रकाशन सेहो बहुत उपयोगी हेतैक। तहिना समाचार आ विचार लेखन मे जमीनी अभियान जेना राजविराज मे विद्यानन्द बेदर्दी समान युवा समूह सब करैत छथि, भारत मे एमएसयू व अन्य युवा-केन्द्रित सामाजिक अभियन्ता सब करैत छथि, ताहि पर सेहो विवेचनात्मक टिप्पणी आ सुझाव संग सूचनाक प्रवाह लाभदायक हेतैक।
घर-बाहर केर हरेक अंक केर मांग ओहिना हो जेना ‘मिथिला मिहिर’ केर कहियो होइत रहल, ताहि शुभकामनाक संग!
हरिः हरः!!