Search

जनकपुर केर प्रसिद्ध होरी महोत्सव आ महामूर्ख सम्मेलन चैत ५ आ ६ गते जानकी मन्दिर प्रांगण मे

जनकपुर, १८ मार्च २०१९। मैथिली जिन्दाबाद!!

होरी महोत्सव आ महामूर्ख सम्मेलन पर जानकी मन्दिर प्रांगणक विहंगम दृश्य – फोटो साभार फेसबुक

दशकों सँ जारी जनकपुरक एक प्रतिष्ठित परम्परा ‘महामूर्ख सम्मेलन’ तथा ‘होरी महोत्सव’ एहि वर्ष चैत महीनाक ५ आ ६ गते जानकी मन्दिर मे होयबाक निर्णय भेल अछि। आयोजक संस्था मिथिला नाट्यकला परिषद् जनकपुर द्वारा एहि लेल वृहत् स्तर पर आमंत्रण आ सहभागिता लेल तैयारी कयल जा रहल अछि।

मिथिलाक लोककला, गीत-संगीत, नाट्य परम्परा आ समग्र लोकजीवन केर संरक्षण, संवर्धन आ प्रवर्धन लेल जगविदित स्थल ‘जनकपुर’ मे वरिष्ठ नाटककार महेन्द्र मलंगिया संग सहकर्मी सर्जक यथा सुनील मिश्र, मदन ठाकुर, सुनील मल्लिक, श्यामसुन्दर शशि, रमेश रंजन झा, देवेन्द्र साह नेपाली आदिक परिकल्पना मे आइ सँ २५ वर्ष पहिने सँ ‘महामूर्ख सम्मेलन’ होलीक अवसर पर मनायल जेबाक परम्परा अछि। हाल करीब ८ वर्ष पहिने सँ मिथिलाक्षेत्रक विभिन्न जिला यथा सप्तरी, सिरहा, धनुषा, महोत्तरी, सर्लाही, रौतहट, बारा आ पर्सा जिलान्तर्गत विभिन्न गाम सभ सँ होरी गायन मिथिलाक मौलिक शैली मे प्रस्तुत करबाक लेल सहभागिता दैत ‘होरी महोत्सव’ केर आयोजन सेहो होइत अछि। एहि वर्ष चैत ५ गते होरी महोत्सव तथा ६ गते महामूर्ख सम्मेलन केर आयोजन होयबाक जानकारी आयोजक समिति सँ भेटल अछि।

होरी महोत्सव आ महामूर्ख सम्मेलन पर होरी गबैत सुनील मिश्र, सुनील मल्लिक एवं अन्य – फोटो साभार फेसबुक

मिथिला नाट्यकला परिषद् एक रंगकर्मी समूह रहितो मैथिली भाषा, मिथिला कला-संस्कृति व मूल रूप सँ लोककलाक हर रूप-स्वरूप केर रक्षार्थ कतेको रास समर्पित कार्यक्रमक आयोजन करैत अछि। एहि संस्थाक स्थापना २०३६ वि.सं. साल मे भेलैक। आर आइ एशिया महादेश स्तरक एक प्रसिद्ध रंगसमूहक रूप जानल जाइत अछि। मैथिली रंगकर्म केँ विश्व परिवेश मे नव ऊँचाई दियाबय मे मिनाप केर नाम बढि-चढिकय लेल जाइछ।

एहि वर्ष सेहो जनकपुर आ आसपास केर क्षेत्र तथा पड़ोसी जिला सप्तरी, सिरहा, महोत्तरी, धनुषा, आदि सँ बहुत रास होरी गायनक टोली सब विशेष तैयारी संग आबिकय अपन प्रस्तुति देबाक जनतब समिति देलनि अछि। आयोजक समिति द्वारा क्रमशः ६ भरि, ४ भरि आ ३ भरिक चाँदीक शील्ड प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कारक रूप मे निर्णायक मंडलीक निर्णय अनुरूप प्रदान कयल जायत। एकर अलावे सहभागी टोली सभ केँ जनकपुर आबय-जाय के खर्चाक संग सहभागिता प्रमाणपत्र सेहो प्रदान कयल जायत। समितिक कहब अछि जे प्रयास त प्रदेश स्तर पर करबाक करैत छी, परञ्च सहभागी टोली सब सँ सम्पर्क करय मे काफी कठिनाई होइत अछि।

महामूर्ख सम्मेलन मे उपाधि सँ अलंकृत सम्मान पत्रक नमूना – फोटो साभार फेसबुक

आयोजनक दोसर दिवस ‘महामूर्ख सम्मेलन’ यथार्थतः होली जेहेन पाबनि मे कोनो बात कियो खराब नहि मानबाक परम्परा अनुरूप जमिकय व्यंग्य आ हास्य-परिहासक आनन्द लेल राखल जाइत अछि। एहि सम्मेलन सँ कोनो एक व्यक्ति केँ महामूर्ख केर उपाधि देल जाइत छैक। सकारात्मक व्यंग्य सँ समाज केँ एकटा नीक सन्देश देबाक अभिप्राय – बुरा न मानो होली है केर उपयोग करैत आजुक दिवस मनायल जाइछ। क्षेत्रक विकास नहि कय सकब लेकिन नेता बनि जायब, रहब पावर मे पावर केर दुरूपयोग केँ नहि रोकि सकब, भ्रष्टाचारिता केँ समाज सँ समाप्त नहि कय सकब, आदिक बात केँ आधार बनाकय कोनो नेता अथवा पदाधिकारी अथवा साहित्यकार-कथाकार लोकनि केँ ‘महामूर्ख’ होयबाक प्रमाणपत्र व्यंग्य स्वरूप देल जाइत छैक। संगहि अन्य १० गोट व्यक्ति केँ मूर्ख यथा डपोरसंख, वैसाखनन्दन, विसपिपरी, मिरचायलाल, बोतलानन्द, वंशकुरहैर, वंशलोचन, आदिक उपमा संग सम्मानित कयल जेबाक परम्परा छैक। एहि अवसर पर विभिन्न सम्मानित महामूर्ख ओ मूर्ख उपाधि प्राप्त कयनिहार केँ गरदनि मे खम्हाउर के माला, कोबी, आलू, केरा, पियाउज आदिक माला सेहो पहिराओल जाइत छन्हि। ई सब बात होलीक असीम आनन्द ओ उमंग केँ यादगार बनेबाक लेल कयल जाइत अछि।

तहिना सम्मेलन मे हास्य कवि सम्मेलन, मिनाप नाट्य क्षणिका आदि प्रस्तुत कयल जाइछ। एहि वर्ष समझौता बहादुर आ नेपाल सरकार बीच समझौता जे कागज पर त होइत छैक धरि कहियो लागू नहि भऽ पबैत छैक नेपाल मे, ताहि पर आधारित व्यंग्यात्मक शैलीक नाट्य क्षणिका प्रस्तुत कयल जेबाक तैयारीक जनतब भेटल अछि। संगहि होरी गायन, मान-पदवी वितरणक संग आयोजन स्थल जानकी मन्दिर प्रांगण मे मलपूआ, दूध-भांग, काजू-किशमिश, फलक रस, ठंढा पेय आदिक भरपूर वितरण कयल जाइत छैक। विदित हो जे ई सब सामग्री जनही सहयोग सँ पूरा होइत छैक, कथमपि कियो एक गोटा सँ पूरा-पूरी सहयोग नहि लेबाक नियम सेहो बनायल गेल छैक। होली पाबनिक विभिन्न स्वरूप सँ समाज केँ नीक सन्देश देबाक लेल ई आयोजन एहि सब कारण सँ काफी चर्चा आ सम्मान सँ याद कयल जाइछ।

Related Articles