सीईडी गुजरात प्रमुख – मैथिल डा. रामनाथ प्रसाद केर ओजस्वी एवं प्रेरणास्पद संबोधन
सन्दर्भ – उद्यमी शिखर सम्मेलन – अन्तर्राष्ट्रीय मिथिला महोत्सव २०१९ (अहमदाबाद) मे राखल गेल अत्यन्त सारगर्भित विचार


एक-एक पाँति मे प्रेरणाक गंगाधार बहबैत डा. रामनाथ प्रसाद अपन वक्तव्य केँ पूर्ण गति मे बढबैत कहैत छथि, उपरोक्त १ हजार लोक सरकारी नौकरी पाबि अपन जीवन सीमित कय लैत अछि, धरि ८९ हजार रिजेक्टेड लोक अपन प्रतिभाक पहिचान करय मे लागि जाइछ आर वैह साहसिक एवं सफल बनबाक एक सँ एक उदाहरण बनबैत अछि। उद्यमशीलताक महत्व मानव जीवन मे कतेक अछि ताहि पर प्रकाश दैत डा. प्रसाद सीधा निर्णय दैत छथि, “जौब क्रियेटर बनू, जौब सीकर नहि!” तदोपरान्त डा. प्रसाद एहि उद्यमी शिखर सम्मेलन केर एक प्रायोजक होयबाक नाता सँ अपन संस्थानक सम्बन्ध मे सहभागी सभासद लोकनि केँ सम्बोधन करबाक कर्तव्य निभबैत कहैत छथिन जे सीईडी गुजरात मे बड पैघ महत्वक कार्य करैत समूचा राज्य केर जनमानस मे एकटा अलग छाप छोड़ि सकल अछि। विदिते अछि जे गुजरात मे पढाई-लिखाई आ डिग्री हासिल करय सँ बेसी महत्व लोक कोनो उद्योग-धंधा लगाकय रोजी-रोजगारसम्पन्न होयबाक बात केँ महत्वपूर्ण मानैत अछि आर ताहि मे सीईडी केर प्रशिक्षण, आर्थिक सहयोग आ सशक्तीकरण अभियान काफी उच्च स्थान रखैत रहल अछि। बकौल डा. प्रसाद सीईडी अहमदाबाद, राजकोट, भावनगर, बडोदरा एवं सुरत केर ५ केन्द्र मार्फत अपन सेवा राज्यक प्रत्येक साधारण जनता धरि पहुँचाबैत उद्यमशीलताक विकास पर केन्द्रित अनेकों योजनाक क्रियान्वयन करैत आबि रहल अछि। केन्द्र एवं प्रत्येक राज्य द्वारा भारत देश मे उद्यमी बनेबाक आ रोजगारसम्पन्न बनेबाक अनेकों योजना मे सीईडी केर सफलता सर्वोच्च मानल जेबाक तथ्य सेहो ओ रखलनि।
उपस्थित मैथिल जनसमुदाय सँ उद्यमिताक धर्म केँ सर्वोपरि-सर्वग्राह्य मानि स्वयं केँ सीईडी सँ लाभ उठेबाक आह्वान करैत डा. प्रसाद कहलखिन, “सीईडी केर कार्यक्रम सँ लाभ उठेबाक लेल सिर्फ मैट्रीक भेनाय, सेहो एहि लेल जे बतायल जा रहल बात-विचार बुझि सकी, बस ततबे साक्षरताक आवश्यकता होइत छैक। एहि मे अन्य कोनो तरहक एकेडमिक क्वालिफिकेशन केर जरूरत नहि अछि। सीईडी द्वारा आयोजित १५ दिनक प्रशिक्षण कार्यक्रमक लाभ लाखों जन उठा चुकल अछि। एहि तरहक प्रशिक्षण लेल कियो आयोजन करय सीईडी ओकरे संग सहकार्य करत, ताहि लेल उचित खर्चक व्यवस्था सेहो वैह करत। एडमिशन आदिक सेहो कोनो क्राइटेरिया नहि छैक, सब कियो एहि सँ भरपूर लाभ उठा सकैत अछि। जे सीखू, ओकरा व्यवहार मे उतारू। बहुत सहज छैक उद्यमी बनब। एहि मे कोनो परीक्षा आदि सेहो नहि होइत छैक।”
मिथिलाक्षेत्रक अलावे आनो-आनो ठाम सँ लाखों लोक आइ गुजरात मे रोजी लेल पहुँचल अछि। नौकरीक अलावे शेष समय मे किंवा घरक महिला व अन्य बचल सदस्य लोकनि लेल सेहो सीईडी केर ट्रेनिंग बहुत लाभदायक भऽ सकैत छैक। अतः डा. प्रसाद बड़ा सहजता सँ एक-एक बात आ नियम-कायदा बुझबैत कहैत छथिन, “एहि तरहक प्रशिक्षण कार्यक्रम मे बेसीकाल अपना द्वारा बुझल हुनर, लुरि, तरीका सब एक-दोसर केँ कहल-सुनल जाइत छैक। प्रशिक्षक द्वारा सेहो एहि सब तरहक उपाय बतायल जाइत छैक। हँ प्रशिक्षु लेल ८०% उपस्थिति अनिवार्य य। ई काज पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशीप) मोड मे सेहो अन्य अनुभवी उद्यमी लोकनि समूह बनाकय ट्रेनिंग प्रोग्राम चलबैत छथि। सीईडी प्रत्येक प्रशिक्षुक हिसाब सँ भुगतान सेहो करैत अछि। यदि कियो प्रशिक्षु मे विशेष हुनर देखाइत अछि त ओकरा सीईडी एम्बैसडर सेहो घोषित करैत ओकर उपयोगिता अन्य-अन्य कार्यक्रम मे लेल जाइत छैक।”
बिजनेस आ एन्टरप्रेन्योरशीप बीच तुलना करैत डा. प्रसाद बड़ा ढंग सँ लकीर खींचैत कहैत छथि, “बिजनेस लाभार्जन केर अन्तिम उद्देश्य सँ कयल जाइछ, जखन कि उद्यमशीलताक लक्ष्य सिर्फ उद्यम करैत जीवन केँ आगू बढेनाय होइत छैक। लाभार्जनक उद्देश्य मे अनैतिक कार्य हेबाक संभावना बढि जाइत छैक, लेकिन जीवन मे उद्यम केर धर्म मानि आगू बढनिहार सिर्फ कर्तव्यनिर्वहन केँ महत्व दैत अछि आर कर्मठ कर्मक फल मीठ भेटबे करतैक से विश्वास रखैत अछि।” ओ देशक सकल उत्पाद लाभ एमएसएमई सँ ४०% सम्हारल जेबाक तथ्य रखैत १९७९ ई. सँ सीईडी केर अनवरत योगदान आ तेकर लाभ आमजन केँ कतेक भेटल जे आइ गुजरात केँ विकसित राज्य मे गिनती करेबाक प्रेरणास्पद उदाहरण सेहो देलनि। अपन संबोधनक अन्त ओ आम मैथिलजन सँ आह्वान करैत केलनि जे जीवन केँ उद्यमिताक मार्ग पर सब कियो अग्रसर जरूर करथि, नौकरी करबाक प्रवृत्ति सँ पिछड़ापन अबैछ एहि सँ उबरथि।
हरिः हरः!!