साक्षात्कार
मिथिलाक माटि-पानि-हवा सब किछु मे प्रतिभा छलकैत अछि। जन-जन मे विशिष्टता एहि माटि-पानिक पहिचान थिक। दिक्कत ई अछि जे मिथिला लेल सब किछु उचित ढंग सँ संगठित नहि रहबाक कारण एहि प्रतिभासम्पन्न एक-एक महत्वपूर्ण व्यक्ति केँ हमरा लोकनि चिन्हि नहि पाबि रहल छी। हालहि भेंट भेल छलीह एक एहने बहुप्रतिभासम्पन्न युवती ‘छाया कुमार’ सहरसाक मिथिला कला साहित्य आ फिल्म महोत्सव मे। ओ अपन गायन सँ बहुत प्रेरित केलनि श्रोता लोकनि केँ, तहिना अपन अपन पारंपरिक पहिरन मे आधुनिकताक फ्युजन सहित केर श्रृंगार मे सजल छाया कुमार नामहि अनुरूपे आकर्षण सँ भरल व्यक्तित्व सँ सेहो दर्शक बीच अपन अलग पहिचान स्थापित करय मे सफल भेलीह। मैथिली जिन्दाबाद केर सम्पादक प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा कयल गेल साक्षात्कार मे हिनकर वैचारिक प्रस्तुति सेहो ओतबे आकर्षक आ प्रेरणास्पद अछि। आउ पढी हिनका संग भेल साक्षात्कार केँ विस्तार सँः
प्रवीणः छायाजी, अहाँक प्रस्तुति श्रोता-दर्शक लोकनि केँ काफी प्रेरित केलक सांस्कृतिक कार्यक्रम मे। एकटा गायिका लेल साज-बाज केर सहयोग बड महत्वपूर्ण स्थान रखैत छैक। परञ्च बिपरीतो परिस्थिति मे अहाँक गायन आ आवाज बहुत आकर्षक रहल। गायन मे रुचि आ एखन धरिक यात्रा केना-केना भेल अछि?
छायाः गायन के नींव हमर पापा के देन छनि। मैथिली लोक गीत सँ शुरू भेल गायन केर शिक्षा आ पापा और माँ पहिल गुरु छलाह। ओहि क्रम मे शास्त्रीय संगीत केर शिक्षा सेहो विधिवत रूपे भेल आ प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद सँ प्रभाकर केलहुँ। पढ़ाई मे सेहो बहुत झुकाव छल, इंजीनियरिंग पूरा केलहुँ तकर बाद नामी-गिरामी मल्टी-नैशनल कंपनी संग जॉब। स्कूल, कॉलेज, ऑफिस हर जगह एक टा अलग पहचान रहल अपन गायकीक कारण।
हम कनी प्रायोगिक प्रवृत्ति के छी। मैथिली रिकॉर्डेड गीत सब सुनय छलहुँ, तखन तऽ सब एके सन के गीत भेटाइत छल। हमरा मोन भेल जे हम नब प्रयोग सब केने छी पहिने मंच पर, आ कऽ सकय छी आरो, तऽ कियैक न एक टा एल्बम निकालल जाए। २०१३ मे किछु प्रायोगिक गीत केर संग एल्बम रिलीज केलहुँ। ओहि एल्बम केर गीत सब यूट्यूब पर देलौं आ अहाँ सबहक सराहना एवं आशीष भेटय लागल। शिव कुमार झा ‘टिल्लू’ जी पहिल बेर हमरा टैग केने रहथि गीतक संग फेर आरो लोक सब धीरे धीरे प्रोत्साहन देबऽ लगलैथ। ३१ दिसंबर २०१७ केँ मिथिला मिरर केर ललित नारायण झा जी संग साक्षात्कार श्रोता तक पहुंचय मे एकटा और मील केर पाथर सिद्ध भेल।
प्रवीणः बहुत बढियाँ प्रतिबद्धता। अहाँक विचार सेहो गायन जेकाँ ठोस आ स्पष्ट बुझाइत अछि। एखन धरिक प्रकाशित कृति – एल्बम आदि कि सब अछि?
छायाः पहिल एल्बम २०१३ मे रिलीज भेल छल “मैथिली छाया गीत”। ओहि सँ पहिने सिर्फ मंच पर गबैत छलहुँ। तखन सीडी में एल्बम निकलल रहय किंतु सीडी केर मार्केट तखन खत्मे छल, श्रोता आलरेडी साॅफ्ट काॅपी दिस बढ़ि गेल छलथि।
हाल केर गीत सब मे समदाउन, लगनी, तोहर पिया, पिया गेला परदेस, इत्यादि सेहो चर्चित रहल। यूट्यूब पर ‘मैथिली छाया गीत’ केर नाम सँ ई सबटा उपलब्ध अछि। श्रोता लोकनि सुनिकय प्रतिक्रिया – सलाह – सुझाव जरूर दी। आगामी समय मे आरो काज करबाक लेल अहीं लोकनिक प्रोत्साहनक सम्बल अछि।
छायाः पिछला साल प्रोजेक्ट आयल पार्श्वगायन के। किछु मैथिली, किछु भोजपुरी एवं जिंगल सब सेहो। आशा अछि फिल्म सब के निर्माण जल्दी भऽ कऽ अपने सब के सुनय लेल भेटत। और किछ प्रोजेक्ट सब अछि एवं ओकर कम्पोज़िशन पर काज क रहल छी।
छायाः एहि में दू टा बिंदु पर कहय चाहब। एक, एखनहुँ बहुत रास मैथिल छथि जे नहि त मैथिली सुनय छथि आ ने मैथिली केर विकास सब सँ कोनो मतलब रखैत छथि, बिल्कुल उदासीन छथि। हाँ पिछला दस साल केर जँ तुलना करब तऽ अवश्य ओहि आँकड़ा में सुधार देखायत आ हम एकर पूरा श्रेय सोशल मीडिया केँ देबय, एक दोसर सँ प्रेरणा लऽ कऽ लोक जागरूक भेलाह, भऽ रहलाह अछि। से बहुत नीक बात भेल अछि।
छायाः योजना बहुत रास अछि। हमरा फ्यूजन केनाय नीक लगैत अछि। बहुते केने छी आ देखलौँ जे आरो लोक सब सेहो आब प्रयोग केनाय मैथिली मे शुरु केलथि, बहुत प्रसन्नता होइत अछि। नब पीढ़ी केँ किछु नब सेहो देबाक चाही ताकी हुनक इंटरेस्ट बनल रहय। अहिना हमर प्रयोग आ मैथिलीक प्रति हमर सेवा हरदम जारी रहतय। आबयवला समय मे अपने सब केँ और विभिन्न काज सब भेटत हमर चैनल पर और प्रयास रहत की बेसी सऽ बेसी श्रोता केँ वापस मैथिली और मिथिला सँ जोड़ि सकी।
प्रवीणः बहुत सुन्दर बात कहलहुँ, काफी ऊर्जा भेटैत अछि अहाँक विचार सुनिकय। एना लगैत अछि जे छाया कुमार समान सभक विचार हो आर मैथिली भाषाक भविष्य अत्यन्त स्वर्णिम बनय। छायाजी! अहाँ केँ फैशनक दुनिया मे सेहो काफी रुचि रहबाक बात सुनलहुँ। आर कि सब अहाँक फेवरेट अछि?
प्रवीणः बहुत सुन्दर! हम आ मैथिली जिन्दाबाद केर तरफ सँ अहाँ केँ बहुत रास शुभकामना, अपना नामक संग मिथिलाक नाम केँ विश्व भरि मे चमकाबी। साक्षात्कार लेल आभार।