सफलताक कथा
मात्र पैघ-पैघ योजना बना लेब आ क्रियान्वयन करय लेल तत्परता नहि देखायब…. तखन अहाँ कहियो सफल नहि भऽ सकब। आर, योजना सेहो छोट, लक्ष्य सेहो छोट आ बिना कोनो किन्तु-परन्तु सीधा क्रियान्वयन करब शुरू करू, सफलता भेटब सुनिश्चित अछि।
कथा ‘मैथिल अड्डा – कनेक्ट टु मिथिला’ केर सफलताक
पिछला १ दिसम्बर बंगलौर केर कोरमंगला मे ७ गोटे बैसिकय अपन मिथिलाक जन-जन केँ जोड़बाक एकटा नव तरीका सोचैत छथि आर ठीक ऐगला वीकेन्ड सँ योजना पर चलबाक महत्वपूर्ण कार्य आरम्भ कय दैत छथि। जेना कि पहिने कहने छी – मैथिल अड्डा लाभार्जन हेतु बनल एक सोशियो-इकोनोमिकल ओर्गनाइजेशन थिक। एकर लाभ मैथिली-मिथिला लेल समर्पित होयत। पहिल बैसार सँ मैथिल अड्डा ३६०० टका केर व्यवसाय कयलक आ २०% मुनाफा ‘मिथिलाकोष’ मे जमा भऽ गेल। टको सँ पैघ पूँजी लोकमानस मे मातृभूमि लेल समर्पण करबाक आ एकजूटताक भाव एबाक काज होबय लागल। ७ सँ बढिकय १२ पर संख्या पहुँचि गेल। आर, एहि तरहें उद्यमशीलता मे सेहो मैथिली-मिथिला अपन युनिक पैटर्न पर एकटा नीक ‘स्टार्टअप’ आरम्भ कय लेलक। जतेक बढैत चलब, ततेक मस्तिष्क आ कार्यदक्षता बढैत जायत, यैह मिथिला लेल कहियो नहि मेटाय वला पूँजी ठाढ करत।
आर, परसू शनि दिन, १५ तारीख (दिसम्बर) निश्चित ई संख्या बंगलौर केर लाखों मैथिल मे सँ कम सँ कम २० त निश्चित पार कय जायत। आर ई बढबाक सिलसिला सब दिन कायम रहत। हमरा पराम्बा जानकीजी सँ संकेत भेटि रहल अछि जे बहुत जल्द ई पूँजी निर्माण कार्य पूरे भारत आ नेपाल संग अन्य-अन्य देश मे रहनिहार मैथिल लोकनि बीच अत्यन्त लोकप्रिय भऽ जायत। दिल्ली मे सेहो ई विषय बुराड़ी महासम्मेलन मे प्रवेश कय चुकल अछि, बस चिन्तन आ मनन लेल ओ लोकनि किछु आर समय प्रतीक्षा करय लेल कहलनि अछि। दिल्लीक अन्य क्षेत्र मे सेहो मिथिला कीचन केर किनको आइडिया हुअय, त जरूर सम्पर्क करी। मैथिल अड्डा – कनेक्ट टु मिथिला ऐप्प सँ अहाँ केँ जोड़िकय घरे बैसल-बैसल एकटा निश्चित उद्यमी बना देत आर अपना संग-संग अहाँ मिथिला-मैथिली लेल किछु लाभार्जन कय सकब। अहाँ रोजगार देबैक लाखों मिथिलाक लोक केँ, गारन्टी बुझू। 🙂
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हरि: हर:!!