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मैथिलीक लिपि मिथिलाक्षर विकास लेल समिति गठित

अमित आनन्द, महिषीधाम, सहरसा। जून २, २०१८. मैथिली जिन्दाबाद!!

सोशल मीडिया पर काल्हि सँ मिथिलावासी – मैथिली भाषा-साहित्य-लिपि प्रेमी लोकनि एक-दोसर केँ बधाई ज्ञापित कय रहल छथि कारण किछुए दिन पूर्व मैथिली बेसी समय धरि मौखिक भाषा रहबाक बात कहि एकर लिपि केर प्रचार-प्रसार लेल कोनो योजना नहि रहबाक बात कहनिहार मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर विवाद मे आयल छलाह। सोशल मीडिया पर एहि तरहक जबाबक कारण बड पैघ प्रतिक्रिया देखल गेल छल, जदयू नेता संजय झा सेहो एहि विन्दु पर मंत्रीजी सँ भेंटघांट करैत हुनका मिथिलाक्षर केर संरक्षण-संवर्धन लेल उचित प्रयास लेल प्रतिनिधित्व कएने रहथि। परिणामस्वरूप २९ मई केर एक पत्र मार्फत दरभंगा सांसद कीर्ति आजादक पूछल प्रश्न केर जबाब मे पुनः संज्ञान लैत मंत्री जावड़ेकर द्वारा मिथिलाक्षरक विकास हेतु एकटा समिति गठन करबाक जनतब देल गेल अछि। एहि समिति मे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयक मैथिली प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डा. रमण झा, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक व्याकरण विभागाध्यक्ष डा. पं. शशिनाथ झा, ललित नारायण विश्वविद्यालयक इतिहास विषयक सेवानिवृत्त प्रोफेसर डा. रत्नेश्वर मिश्रा एवं महावीर मन्दिर न्यास पटनाक प्रशासन पदाधिकार पं. भवनाथ झा केर नियुक्ति कयल गेल अछि। आब मैथिल मे जानल-मानल नाम एहि दिशा मे कतेक महत्वपूर्ण कार्य आगाँ बढा पबैत छथि, ताहि लेल जिम्मेवारी हिनके लोकनिक कान्ह पर रहत।

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